Move towards smart meters is a pro poor step as consumers need not pay the whole month’s bill in one go, instead they can pay as per their requirements. Manufacturing of smart prepaid meters will also generate skilled employment for the youth.
स्मार्ट मीटरों की ओर उठाया जा रहा कदम दरअसल गरीब अनुकूल कदम है, क्योंकि उपभोक्ताओं को एक ही बार में पूरे महीने के बिल की अदायगी नहीं करनी पड़ती है। उपभोक्तागण इसके बजाय अपनी जरूरतों के हिसाब से भुगतान कर सकते हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का निर्माण करने से युवाओं के लिए कौशलपूर्ण रोजगार भी सृजित होंगे।