(क) रेल अधिनियम 1989 की धारा 58 में गाड़ियों में महिला यात्रियों के लिए एकोमोडेशन चिहिनत करने का उल्लेख किया गया है। तदनुसार, यात्री गाड़ियों में भारतीय रेलों द्वारा महिला यात्रियों के लिए निम्नलिखित एकोमोडेशन चिहिनत किया गया है:
- 1. महिल्रा यात्रियों के लिए लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में सलीपर श्रेणी में छह बर्थ का आरक्षण कोटा है और गरीब रथ/राजधानी/दूरांतो/पूर्णतया वातानुकूलित एक्सप्रेस गाड़ियों की 3एसी श्रेणी में छह बर्थ का आरक्षण कोटा निर्धारित किया गया है। इसके लिए उनकी आयु पर ध्यान नहीं दिया जाता है और इसके लिए इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है कि महिला यात्री अकेली यात्रा कर रही है या महिला यात्रियों के ग्रुप में यात्रा कर रही है।
- 2. वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए प्रत्येक सवारी डिब्बे में सलीपर श्रेणी में नीचे की छह से सात बर्थो और वातानुकूलित 3 टियर (3एसी) के प्रत्येक कोच में नीचे की तीन से चार बर्थों और वातानुकूलित 2 टियर (2एसी) श्रेणी के प्रत्येक सवारी डिब्बे में नीचे की तीन से चार बर्थों का कंबाइन्ड कोटा (गाड़ी में उस श्रेणी में सवारी डिब्बों की संख्या के आधार पर) निर्धारित किया गया है।
- iii. लंबी दूरी की अधिकांश गाड़ियों में महिलाओं के लिए सेकंड कलास-कम-लगेज-कम-गार्ड कोच (एसएलआर) में सेकंड क्लास का एकोमोडेशन होता है। ५४५. ईएमयू (इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट)/।डीएमयू (डीज़ल मल्टीपल यूनिट)एमएमटीएस (मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम) गाड़ियों और लोकल पैसेंजर ट्रेनों में महिला यात्रियों के लिए अनन्य रूप से अनारक्षित सवारी डिब्बे/कंम्पार्टमेंट लगाए जाते हैं। यह मांग के स्वरूप और एकोमोडेशन की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
- iv . मुंबई, कोलकाता, सिकंदराबाद ओर चेन्ने तथा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) खंडों के उपनगरीय खंडों में लेडीज़ स्पेशल ईएमयू/मेमू/एमएमटीएस सेवाएं चलाई जाती हैं।
- i. भेद्य और चिहिनत मार्गो/खंडों पर, विभिन्न राज्यों के राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा प्रतिदिन 2200 गाड़ियों के मार्गरक्षण के अलावा, रेलवे सुरक्षा बल द्वारा 2500 गाड़ियों (औसतन) का मार्गरक्षण किया जा रहा है
- ii. विपत्ति के समय यात्रियों को सुरक्षा संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलों पर सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर “182! कार्य कर रहा है।
- iii. यात्रियों की सुरक्षा संवर्धन और उनकी सुरक्षा से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए रेलें ट्विटर, फेसबुक आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए महिल्रा यात्रियों सहित यात्रियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहती हैं।
- iv. महिल्रा यात्रियों के लिए आरक्षित कंपार्टमेंटों में पुरुष यात्रियों का प्रवेश रोकने के लिए अभियान चलाए जाते हैं और पकड़े गए व्यक्तियों पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाता है।
- v. महानगरों में चलने वाली सभी महिला स्पेशल गाड़ियों का महिला आरपीएफ कांस्टेबलों द्वारा मार्गरक्षण किया जा रहा है। अन्य गाड़ियों, जिनमें एस्कॉर्ट मुहैया कराए गए हैं, में मार्गवर्ती और हॉल्ट स्टेशनों पर गाड़ी मार्गरक्षण पार्टियों को अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों, महिला सवारी डिब्बों पर अतिरिक्त निगरानी रखने के लिए ब्रीफ किया जाता है।
- vi. यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा निश्चित करने के लिए, भारतीय रेलों के ब्रगअग 453 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी रखी जाती है।
- vii. 202 से अधिक संवेदनशील और भेद्य रेलवे स्टेशनों पर निगरानी तंत्र सुदृढ़ करने के लिए सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क, एक्सेस कंट्रोल आदि के जरिए भेद्य स्टेशनों की इलैक्ट्रॉनिक निगरानी वाली एकीकृत सुरक्षा प्रणाली अनुमोदित की गई है।
- viii सभी रेलवे स्टेशनों और यात्री गाड़ियों में उत्तरोतर ढंग से सीसीटीवी आधारित निगरानी प्रणाली मुहैया कराने की योजना बनाई गई है।
- ix. चोरी, झपटमारी, जहर-खुरानी आदि के विरूद्ध सावधानियां बरतने हेतु यात्रियों को जागरूक करने के लिए जन उदघोषणा प्रणाली के माध्यम से निरंतर घोषणाएं की जाती हैं।
- x. रेल परिसरों के साथ-साथ चलती गाड़ियों में अपराधों की रोकथाम, मामलों के पंजीकरण, उनकी जांच और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सभी स्तरों पर राज्य पुलिस/ राजकीय रेल्र पुत्रिस प्राधिकारियों के साथ निकट समन्वय बनाए रखा जाता है।
- xi. हमसफर और तेजस गाड़ी सेवाओं में कलोज़ सर्किट टेलीविज़न कैमरे लगाए गए हैं। महिला यात्रियों सहित यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए भारतीय रेलों पर चरणबद्ध आधार पर अन्य सवारी डिब्बों में इन्हें लगाया जा रहा है।
क्षेत्रीय रेलवे
|
वर्ष
|
गाड़ियों मै महिला यात्रीयो के विरुद्ध दर्ज किये गए अपराधों के मै संख्या
|
||
बलात्कार
|
छेड़खानी
|
हमले
|
||
मध्य
|
2016
|
0
|
59
|
1
|
2017
|
0
|
41
|
2
|
|
2018
|
2
|
62
|
2
|
|
पूर्ब
|
2016
|
0
|
26
|
0
|
2017
|
0
|
20
|
2
|
|
2018
|
0
|
21
|
0
|
|
पूर्ब मध्य
|
2016
|
1
|
23
|
1
|
2017
|
1
|
15
|
0
|
|
2018
|
0
|
9
|
0
|
|
पूर्बी तट
|
2016
|
0
|
2
|
0
|
2017
|
0
|
5
|
0
|
|
2018
|
0
|
8
|
0
|
|
उत्तर
|
2016
|
1
|
22
|
1
|
2017
|
5
|
25
|
1
|
|
2018
|
2
|
26
|
1
|
|
उत्तर
मध्य |
2016
|
0
|
14
|
0
|
2017
|
0
|
20
|
0
|
|
2018
|
0
|
33
|
0
|
|
पूर्वोत्तर
|
2016
|
4
|
7
|
0
|
2017
|
0
|
4
|
0
|
|
2018
|
1
|
5
|
0
|
|
पूर्वोत्तर सीमा
|
2016
|
1
|
5
|
3
|
2017
|
0
|
6
|
1
|
|
2018
|
3
|
4
|
1
|
|
उत्तर पश्चिम
|
2016
|
0
|
4
|
2
|
2017
|
1
|
4
|
0
|
|
2018
|
0
|
5
|
0
|
क्षेत्रीय रेलवे | वर्ष |
गाड़ियों मै महिला यात्रीयो के विरुद्ध दर्ज किये गए अपराधों के मै संख्या
|
||
बलात्कार |
छेड़खानी
|
हमले
|
||
दक्षिण | 2016 |
0
|
43
|
5
|
2017 |
0
|
51
|
3
|
|
2018 |
2
|
71
|
8
|
|
दक्षिण मध्य | 2016 |
0
|
12
|
0
|
2017 |
0
|
14
|
0
|
|
2018 |
0
|
11
|
0
|
|
दक्षिण पूर्ब | 2016 |
0
|
7
|
0
|
2017 |
0
|
4
|
0
|
|
2018 |
1
|
7
|
0
|
|
दक्षिण पूर्ब मध्य | 2016 |
0
|
8
|
0
|
2017 |
1
|
3
|
0
|
|
2018 |
1
|
3
|
0
|
|
दक्षिण पश्चिम | 2016 |
0
|
0
|
0
|
2017 |
0
|
1
|
0
|
|
2018 |
0
|
3
|
0
|
|
पश्चिम | 2016 |
0
|
18
|
0
|
2017 |
1
|
16
|
0
|
|
2018 |
0
|
30
|
0
|
|
पश्चिम मध्य | 2016 |
0
|
29
|
0
|
2017 |
1
|
20
|
0
|
|
2018 |
3
|
30
|
0
|
|
कुल | 2016 |
7
|
279
|
13
|
2017 |
10
|
249
|
9
|
|
2018 |
15
|
328
|
12
|
- (क) कया देश में महत्वपूर्ण मार्गों पर चलने वाली विभिन्न रेलगाडियों में महिलाओं के लिए कम्पार्टमेंटों की संख्या बहुत कम है और यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं;
- (ख) विगत तीन वर्षों के दौरान महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ एवं उन पर हमलों के आरपीएफ तथा जीआरपीएफ द्वारा दर्ज मामलों की क्षेत्र/जोन-वार संख्या कितनी है;
- (ग) क्या सरकार का रेलगाडियों में महिला यात्रियों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु महिला कम्पार्टमेंटों/डिब्बों की संख्या में वृद्धि करने का विचार है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
- (घ) सरकार द्वारा महिला यात्रियों की सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा हेतु अन्य क्या कदम उठाए गए/उठाए जा रहे हैं?