आयोजना एवं नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा होगी मूल विषय : सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) एसडीजी पर बेसलाइन रिपोर्ट और राष्ट्रीय सूचक संरचना (एनआईएफ) की पुस्तिका का विमोचन किया जाएगा
सरकार की ओर से प्रतिवर्ष सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दैनिक जीवन में सांख्यिकी के इस्तेमाल को लोकप्रिय बनाना और लोगों को इस बात से अवगत कराना है कि नीतियों को आकार देने और उनके निर्माण में सांख्यिकी किस प्रकार मददगार है। इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष दिवस के रूप में मान्यता दी गई है, जो प्रो. पी.सी. महालानोबिस के जन्मदिन पर 29 जून को मनाया जाता है। यह राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणाली की स्थापना में उनके अमूल्य योगदान का परिचायक है।
इस अवसर पर देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन (स्वतंत्र प्रभार) तथा योजना राज्यमंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में 29 जून, 2019 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय तथा भारतीय सांख्यिकी संस्थान की ओर से संयुक्त रूप से यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की आर्थिक सलाहकार परिषद, भारतीय सांख्यिकी संस्थान परिषद के अध्यक्ष श्री बिबेक देबरॉय, भारत के मुख्य सांख्यिकीविद् – सह- सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय में सचिव श्री प्रवीण श्रीवास्तव और केंद्र/राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अन्य हितधारक भी उपस्थित रहेंगे।
सांख्यिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रो. सी. आर. राव पुरस्कार 2019 के विजेता को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर सांख्यिकी से संबंधित विषय पर पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए ‘ऑन द स्पॉट’ निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया जाएगा।
हर साल, सांख्यिकी दिवस को वर्तमान राष्ट्रीय महत्व के एक मूल विषय के साथ मनाया जाता है, जो कई कार्यशालाओं और सेमिनारों के माध्यम से एक वर्ष तक चलता है। इसका उद्देश्य चयनित क्षेत्र में सुधार लाना है। सांख्यिकी दिवस 2019 का मूल विषय “सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)” है।
सांख्यिकी दिवस – 2019 पर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों/विभागों के क्षेत्रीय कार्यालयों की ओर से सेमिनार, सम्मेलन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, व्याख्यान, निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाएगा।