Special loan scheme for farmers किसानों के लिये विशेष ऋण योजना
Government of India भारत सरकार
Ministry of Finance Department of Financial Services
वित्त मंत्रालय वित्तीय सेवाएं विभाग
LOK SABHA लोक सभा
Starred Question No. 310 तारांकित प्रश्न संख्या 310
Answered on Monday, March 16, 2020
SPECIAL LOAN SCHEME FOR FARMERS
किसानों के लिये विशेष ऋण योजना
KUMARI SHOBHA KARANDLAJE
Will the Minister of FINANCE be pleased to state:
(a) whether the Government has chalked out any special scheme of giving loans to the farmers in Karnataka who were affected and suffered during the recent floods in the State and if so, the details thereof;
(b) whether the benchmark for initiating relief measures by banks has also been reduced to 33 per cent crop loss in line with the National Disaster Management Framework;
(c) whether banks have been advised not to insist for additional collateral security for restructured loans;
(d) whether instructions have been issued by the Government to all Public/Private Sector Insurance Companies to quickly process and expedite settlement of all claims arising out of floods; and
(e) the other major initiatives taken or proposed to be taken to reduce the debt burden of farmers and for development of agriculture and welfare of farmers in the country?
Answer
The Finance Minister
(Smt. Nirmala Sitharaman)
(a) to (e) A statement is laid on the table of the House.
Statement referred in reply to parts (a) to (e) of Lok Sabha Starred Question No. 310 to be answered on 16.03.2020 regarding Special Loan Scheme for farmers by Kumari Shobha Karandlaje
(a) to (e): Reserve Bank of India (RBI) vide its Master Directions dated 17.10.2018 has issued Standing Guidelines on Relief Measures to be provided by respective lending institutions in areas affected by natural calamities which inter-alia include restructuring of existing crop loans and term loans, extending fresh loans, relaxed security and margin norms, moratorium of minimum 1 year, no penal interest in respect of current dues in default, etc.. The guidelines have been so designed that the moment calamity is declared by the concerned District Authorities, they are automatically set in motion without any intervention, thus saving precious time. The benchmark for initiating relief measures by banks has also been reduced from 50% to 33% crop loss in line with the National Disaster Management Framework. Banks have also been advised not to insist for additional collateral security for restructured loans.
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In aftermath of heavy rainfall causing floods in Karnataka, the Government has issued suitable instructions to the State Level Bankers Committee (SLBC), Karnataka on 13.08.2019 to, inter-alia, to take necessary action as per Master Directions of RBI on relief measures by banks in areas affected by natural calamities, as declared by the appropriate authority. SLBC, Karnataka has informed that the banks in Karnataka have restructured a total amount of Rs. 3,325.18 crore in 1,11,090 accounts from 01.07.2019 to 31.12.2019.
In view of the recent floods in the state of Karnataka, the Government issued detailed instructions to all Public/ Private Sector Insurance Companies / General Insurance Council / Life Insurance Council vide its letter dated 09.08.2019 to extend every possible facilitation to the affected people who are insured persons/nominees and may have been injured/lost their lives/property. Insurance Regulatory and Development Authority of India was also requested to exempt survey requirements to process claim upto a certain limit laid down by the Authority.
Besides the above, the Central Government has, inter alia, taken a number of initiatives to reduce the debt burden of farmers and for development of agriculture and welfare of farmers.
Some of the major initiatives are as under:
- The Master Directions on Priority Sector Lending (PSL) issued by RBI earmark 18% target for agriculture. Within the 18% target for agriculture, a sub-target of 8% for small and marginal farmers has been fixed to help in increasing the flow of credit to small and marginal farmers.
- Government of India implements an interest subvention scheme under which short term crop loans up to 3.00 lakh are provided to farmers at a reduced interest rate of 7% p.a. The scheme provides interest subvention of 2% per annum to Banks on use of their own resources. Besides, additional 3% incentive is given to the farmers for prompt repayment of the loan, thereby reducing the effective rate of interest to 4%.
- The Government has introduced the Kisan Credit Card (KCC) Scheme, which enables farmers to purchase agricultural inputs such as seeds, fertilisers, pesticides, etc. and draw cash to meet their agricultural and consumption needs. The KCC Scheme has since been simplified with facilities like one- time documentation, built-in cost escalation in the limit and facility of ATM enabled debit card etc.
- The benefits of KCC along with interest subvention have been extended to Animal Husbandry and Fisheries farmers.
- To enhance coverage of small and marginal farmers in the formal credit system, RBI has decided to raise the limit for collateral-free agriculture loans from `1 lakh to `1.6 lakh.
- The requirement of ‘no dues’ certificate has also been dispensed with in respect of small loans up to 50,000 availed by small and marginal farmers, share-croppers and the like and, instead, only a self- declaration from the borrower is required.
- Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM-KISAN) scheme has been implemented to provide an assured income support to all farmers, irrespective of the size of their land holdings subject to the exclusion factor. Under this scheme direct income support @ of `6,000 per year is transferred directly into the bank accounts of beneficiary farmers, in three equal installments of `2,000 each.
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) क्या सरकार ने कर्नाटक राज्य में हाल में आई बाढ़ के दौरान प्रभावित और त्रस्त हुये किसानों को ऋण प्रदान किये जाने की कोई विशेष योजना बनाई है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(ख) कया बैंकों द्वारा राहत उपाय आरंभ किये जाने संबंधी बेंचमार्क को भी राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन ढांचे के अनुरूप कम करके 33 प्रतिशत फसल हानि कर दिया गया है;
(ग) कया बैंकों को पुनर्सरचित ऋणों के लिये अतिरिक्त संपाश्िविक प्रतिभूति के लिये जोर न देने का परामशी दिया गया है;
(घ) कया बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाले समस्त दावों पर शीघ्र कार्रवाई प्रारंभ करने एवं उनका शीघ्र निपटारा करने के लिये सरकार द्वारा सभी सरकारी/निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों को निर्देश दिये गये हैं; और
(ड) देश में किसानों के ऋण के बोझ को कम करने तथा कृषि विकास एवं किसानों के कल्याण के लिये अन्य क्या प्रमुख पहलें आरंभ की गई हैं अथवा किये जाने का विचार है?
उत्तर
वित्त मंत्री (श्रीमती निर्मला सीतारामन)
(क) से (ड.) एक विवरण सदन के पटल पर रख दिया गया है।
किसानों के लिए विशेष ऋण योजना’ के संबंध में कुमारी शोभा कारान्दलाजे दवारा पूछे गए 16 मार्च, 2020 के लोक सभा तारांकित प्रश्न संख्या #310 के भाग (क) से (ड.) के उत्तर में उल्लिखित विवरण।
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(क) से (ड.) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में संबंधित उधारदात्री संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिनांक 17.10.2018 के अपने मास्टर निदेशों के माध्यम से स्थायी दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनमें, अन्य बातों के साथ-साथ, मौजूदा फसल ऋणों तथा सावधि ऋणों को पुनर्सरचित करना, नए ऋण प्रदान करना, लचीले प्रतिभूति तथा मार्जिन मानदंड, न्यूनतम 1 वर्ष का अधिस्थगन, चूक की स्थिति में मौजूदा बकाया के लिये कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लगाना आदि शामिल्र हैं। इन निदेशों को इस प्रकार तैयार किया गया है कि संबंधित जिला प्राधिकारियों द्वारा आपदा की घोषणा किए जाते ही ये बिना किसी हस्तक्षेप के ये स्वत: लागू हो जाते हैं जिससे बहुमूल्य समय की बचत होती है। बैंकों द्वारा राहत उपाय आरंभ करने संबंधी बेंचमार्क को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संरचना के अनुरूप 50% से कम करके 33% फसल हानि कर दिया गया है। बैंकों को पुनर्सरचित ऋणों के लिए अतिरिक्त संपाश्विक प्रतिभूति पर जोर न देने की भी सलाह दी गई है।
कर्नाटक में भारी वर्षा के कारण आई बाढ़ के पश्चात, सरकार ने दिनांक 13.08.2019 को राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) कर्नाटक को, अन्य बातों के साथ-साथ, उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा यथाघोषित प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों दवारा किये जाने वाले राहत उपायों संबंधी आरबीआई के मास्टर निदेशों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया था।
एसएलबीसी, कर्नीटक ने सूचित किया है कि कर्नाटक में बैंकों ने दिनांक 01.07.2019 से 31.12.2019 तक 3,325.18 करोड रूपए की कुल राशि के 1,11,090 करोड खातों को पुनर्सरचित किया है।
कर्नाटक राज्य में हाल हीं में आई बाढ़ को ध्यान में रखते हुए सभी प्रभावित व्यक्ति, जो बीमित हों/नामिति हों तथा जो घायल हुए हों/जिन्हें जीवन/संपत्ति की हानि हुई हो, को सभी संभावित सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सरकार ने दिनांक 09.08.2019 के अपने पत्र के माध्यम से सरकारी/निजी क्षेत्र की सभी बीमा कंपनियों/साधारण बीमा परिषद/जीवन बीमा परिषद को अनुदेश जारी किए हैं। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण से भी प्राधिकरण द्वारा निर्धारित कतिपय सीमा तक के दावों को प्रोसेस करने के लिये सर्वेक्षण सम्बंधी अपेक्षाओं में छूट
देने हेतु अनुरोध किया गया था।
उपर्युक्त के अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने, अन्य बातों के साथ-साथ, किसानो के ऋण के बोझ को कम करने तथा कृषि के विकास और किसानों के कल्याण हेतु अनेक कदम उठाये हैं। उठाए गए कुछेक मुख्य कदम निम्नानुसार हैं:
- आरबीआई द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार (पीएसएल) के संबंध में अपने मास्टर निदेशों में कृषि के लिए 18% का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा, कृषि के लिए 18% के लक्ष्य के अंतर्गत त्रघु तथा सीमांत किसानों के लिये ऋण प्रवाह बढाने में सहायता हेतु 8% का एक उप-लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
- भारत सरकार एक ब्याज सहायता योजना कार्यान्वित करती है, जिसके अंतर्गत किसानों को 7% प्रति वर्ष की कम ब्याज दर पर 3.00 लाख रुपए तक का अल्पावधि फसल ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा, ऋण का तत्परता से पुनर्भुगतान करने पर किसानों को 3% का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाता है, इससे ब्याज की प्रभावी दर कम होकर 4% हो जाती है।
- सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का शुभारंभ किया है जो किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि जैसी कृषिपयोगी सामग्रियां खरीदने तथा अपने कृषि तथा उपभोग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निधि का आहरण करने में सक्षम बनाती है। केसीसी योजना को अब सरल बनाया गया है एवं इसे एटीएम समर्थित रूपे डेबिट कार्ड में बदल दिया गया है, जिसमें, अन्य बातों के साथ-साथ, एकबारगी प्रलेखन, सीमा में अंतर्निहित ल्रागत वृद्धि, सीमा के तहत अनगिनत आहरण, आदि की सुविधाएं दी गई हैं।
- पशु पालन और मछली पालन करने वाले किसानों को ब्याज सहायता देने के साथ-साथ केसीसी के लाभ दिए गए हैं।
- औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के कवरेज को बढ़ाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने संपाश्विक मुक्त कृषि ऋण की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है।
- छोटे और सीमांत किसानों, बटाईदारों और इनके जैसे अन्य के लिए 50,000 रुपये तक के लघु ऋणों के लिए “बेबाकी” प्रमाण पत्र की आवश्यकता को भी खत्म कर दिया गया है और इसके बदले, उधारकर्ता से सिर्फ स्व-घोषणा की आवश्यकता होती है।
- सभी किसानों, भले ही उनकी भू-धारिता का आकार कुछ भी हो, को सुनिश्चित आय सहायता प्रदान करने के लिए अनन्य कारक के अध्यधीन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 2,000/- रुपए की तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000/- रुपए की प्रत्यक्ष आय सहायता सीधे 2000/- रुपए अंतरित की जानी है।
Source : Lok Sabha
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