Budget 2020: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से कैसे हासिल करें इनकम टैक्स में फायदा Budget 2020: How to get income tax benefit from National Pension System (NPS)
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System या NPS) भारत सरकार द्वारा प्रायोजित सेवानिवृत्ति योजना है, जिसके अंतर्गत निवेशक को शेयर बाज़ार, सरकारी प्रतिभूति जैसे पसंदीदा वर्गों में निवेश का विकल्प दिया जाता है.
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System या NPS) भारत सरकार द्वारा प्रायोजित सेवानिवृत्ति योजना है, जिसके अंतर्गत निवेशक को शेयर बाज़ार, सरकारी प्रतिभूति जैसे पसंदीदा वर्गों में निवेश का विकल्प दिया जाता है. नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड (NSDL) की वेबसाइट npscra.nsdl.co.in के मुताबिक, निवेशक अपने NPS खाते में निवेश की मौजूदा कीमत दिन-ब-दिन जान सकता है. NSDL ही NPS के लिए केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (CRA) है. हर कर्मचारी की पहचान एक अनूठे नंबर से होती है, और हर कर्मचारी के पास एक स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (Permanent Retirement Account Number या PRAN) होता है.
अपने पहले बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत निवेश पर आयकर नियमों में कुछ बदलाव किए थे. सीतारमण ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)) खातों से निकासी पर आयकर छूट की सीमा बढ़ा दी थी और एनपीएस खातों में योगदान करने वाले कर्मचारियों के लिए कुछ अतिरिक्त आयकर लाभों की घोषणा की थी.
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़ी अहम जानकारियां इस प्रकार हैं…
कैसे खोलें NPS खाता…?
18 से 65 वर्ष की आयु के बीच के किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा NPS खाता दो तरीकों से खोला जा सकता है – ऑनलाइन और ऑफलाइन. NSDL के अनुसार, कोई भी सब्सक्राइबर NPS खाते के लिए प्वाइंट ऑफ प्रेज़ेंस (PoP) के पास जाकर आवेदन कर सकता है, या वह e-NPS की वेबसाइट enps.nsdl.com/eNPS पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.
NPS के निकासी नियम…
NSDL के अनुसार, NPS के तहत अनिवार्य टियर 1 खाते से कुछ विशेष परिस्थितियों में आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.
60 वर्ष की आयु से पहले निकासी के लिए सब्सक्राइबर को कम से कम 80 फीसदी जमाराशि पेंशन खाते में छोड़नी होगी, ताकि उसे मासिक पेंशन दी जा सके. NSDL के अनुसार, शेष 20 फीसदी राशि का भुगतान सब्सक्राइबर को एकमुश्त कर दिया जाता है.
यदि NPS खाते में कुल जमाराशि दो लाख रुपये से कम है, तो सब्सक्राइबर 60 वर्ष की आयु हो जाने पर 100 प्रतिशत निकासी का विकल्प चुन सकता है. अन्य मामलों में कम से कम 40 फीसदी जमाराशि को पेंशन खाते में छोड़ना होगा. NSDL के अनुसार, शेष 60 फीसदी राशि का भुगतान सब्सक्राइबर को एकमुश्त कर दिया जाता है.
सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उसके नॉमिनी के पास 100 प्रतिशत एकमुश्त निकासी का विकल्प रहता है. NSDL के अनुसार, इसके अलावा नॉमिनी NPS खाते को जारी रखने का विकल्प भी चुन सकता है, जिसके लिए उसे आवश्यक KYC शर्तें पूरी कर NPS का सब्सक्राइबर बन जाना होगा.
एनपीएस योजना के तहत उपलब्ध आयकर लाभ कैसे प्राप्त करें
एक मौजूदा ग्राहक किसी भी समय इसका लाभ उठा सकता है – सेवा प्रदाता (PoP-SP) या वैकल्पिक रूप से ई-NPS वेबसाइट – enps.nsdl.com पर टियर I खाते में अतिरिक्त योगदान करने के लिए जा सकता है.
इस योजना से जुड़ा कोई भी सदस्य लेन-देन विवरण को निवेश प्रमाण के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं. NPS से जुड़े सभी ग्राहक एक वित्तीय वर्ष में टियर I खाते में अपने जमा रुपये की रसीद अपने NPS खाते में लॉग-इन कर डाउनलोड कर सकता है.
एनपीएस योजना के तहत उपलब्ध आयकर लाभ क्या हैं
पिछले साल के बजट में, सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से 40 प्रतिशत निकासी पर आयकर छूट को बढ़ाकर 60 प्रतिशत निकासी तक कर दिया था.
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सरकार ने एनपीएस ट्रस्ट को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) से अलग करने का प्रस्ताव रखा था. PFRDA इससे पहले NPS ट्रस्ट के माध्यम से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू करता था और नियंत्रित करता था. एनपीएस के तहत परिसंपत्तियों और रुपयों की देखभाल के लिए ट्रस्ट को PFRDA द्वारा स्थापित किया गया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के खातों में योगदान की सीमा 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था. मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, कोई भी एनपीएस ग्राहक रुपये की कुल सीमा में आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी (1) के तहत सकल आय का 10 प्रतिशत तक कर कटौती का दावा कर सकता है. अधिनियम की धारा 80 सीसीई के तहत 1.5 लाख.
NSDL की वेबसाइट – nsdl.com के अनुसार, NPS में 50,000 रुपये तक के अतिरिक्त निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80CCD (1B) के तहत ग्राहकों को विशेष रूप से छूट उपलब्ध है.
पेंशन प्लान की खरीद में निवेश की गई राशि को भी कर से पूरी तरह छूट प्राप्त है. हालांकि, पेंशन आय जो ग्राहक को बाद के वर्षों में प्राप्त होती है, आयकर के अधीन है.
Source : https://khabar.ndtv.com
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