ई-कॉमर्स साइट पर उत्पाद कहां बना, उस देश का नाम बताने के लिए हाई कोर्ट की नोटिस High court notice to name the country where the product was made on the e-commerce site
ई-वाणिज्य मंच पर उत्पादों के देश का नाम बताने के लिए जनहित याचिका, अदालत ने केंद्र से मांगी राय
ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेचे जाने वाले उत्पादों को किस देश में बनाया गया है, इसकी जानकारी देने के लिए दायर जनहित याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से राय मांगी है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने केंद्र और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को नोटिस जारी कर 22 जुलाई तक याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिग्पाल ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से नोटिस स्वीकार किया।
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केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिग्पाल ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से नोटिस स्वीकार किया। जनहित याचिका में एक वकील ने लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 को लागू करने और इसके तहत उन नियमों को लागू करने की मांग की, जिनके अनुसार ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर बेचे जा रहे उत्पादों पर, उन्हें किस देश में बनाया गया है, इसका उल्लेख करना जरूरी है।
जनहित याचिका में एक वकील ने विधिक मापविज्ञान अधिनियम-2009 के तहत उन नियमों को लागू करने की मांग की, जिनके मुताबिक ई-वाणिज्य मंचों पर बेचे जाने वाले उत्पादों पर उनका उत्पादन करने वाले मूल देश का उल्लेख करना जरूरी है। याचिका में दावा किया गया है कि ई-वाणिज्य मंचों के संबंध में इस आदेश को लागू नहीं किया गया। याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार ने भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देने और खरीदने की अपील की है। ऐसे में जरूरी है कि इस आदेश को लागू किया जाए।
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याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने एक अधिसूचना जारी कर विक्रेताओं के लिए नए उत्पादों का पंजीकरण करते समय मूल देश का नाम बताना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने बताया कि ऐसा ‘मेक इन इंडिया और ‘आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि विक्रेताओं ने अधिसूचना जारी होने से पहले अपने उत्पादों को अपलोड किया है, उनसे मूल देश की जानकारी अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है, और ऐसा नहीं करने पर उनके उत्पादों को जीईएम से हटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जीईएम ने अपने पोर्टल में ‘मेक इन इंडिया फिल्टर को भी जोड़ा है।
Source: https://www.livehindustan.com
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