जानिए सरकार ने आम लोगों और कंपनियों के लिए कौन-कौन से टैक्स सुधार किए Know what tax reforms the government has done for common people and companies
केंद्र की मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में टैक्स सुधारों को लेकर कई कदम उठाए है. पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) की दर 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दी गई थी. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि टैक्स रिफॉर्म्स के तहत दरों (tax Rates) में कमी करने और प्रत्यक्ष टैक्स कानूनों को आसान बनाने पर सरकार का जोर रहा है. आयकर विभाग के काम में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से कई पहल की गई हैं.
1/ 5 केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई बड़े टैक्स सुधार लागू किए हैं. पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया. साथ ही नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई बड़े टैक्स सुधार लागू किए हैं. पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया. साथ ही नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई बड़े टैक्स सुधार लागू किए हैं. पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया. साथ ही नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया.
2/ 5 इनकम टैक्स के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी ने कई पहल की हैं. लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 पेश किया है. इसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए डेक्लेरेशन दाखिल किए जा रहे हैं. इनकम टैक्स के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी ने कई पहल की हैं. लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 पेश किया है. इसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए डेक्लेरेशन दाखिल किए जा रहे हैं.
इनकम टैक्स के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी ने कई पहल की हैं. लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 पेश किया है. इसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए डेक्लेरेशन दाखिल किए जा रहे हैं.
3/ 5 डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को हटाया गया. 1 फरवरी 2020 को पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax) हटा दिया गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स का नियम पूरी तरह से बदल गया है. अब कंपनियों को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स नहीं देना है. इसे बजट में हटा दिया गया है. लेकिन अब ये टैक्स आपसे वसूला जाएगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो ये आपकी कुल आमदनी में जुड़ जाएगा. फिर उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को हटाया गया. 1 फरवरी 2020 को पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax) हटा दिया गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स का नियम पूरी तरह से बदल गया है. अब कंपनियों को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स नहीं देना है. इसे बजट में हटा दिया गया है. लेकिन अब ये टैक्स आपसे वसूला जाएगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो ये आपकी कुल आमदनी में जुड़ जाएगा. फिर उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.
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डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को हटाया गया. 1 फरवरी 2020 को पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax) हटा दिया गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स का नियम पूरी तरह से बदल गया है. अब कंपनियों को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स नहीं देना है. इसे बजट में हटा दिया गया है. लेकिन अब ये टैक्स आपसे वसूला जाएगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो ये आपकी कुल आमदनी में जुड़ जाएगा. फिर उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.
4/ 5 महामारी के बीच टैक्सपेयर्स को कुछ राहत देने के लिए , केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 19 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है. जिन लोगों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपना आईटीआर दाखिल नहीं किया है, वे अब ऐसा सितंबर 2020 तक ऑनलाइन कर सकते हैं. ध्यान दें कि इससे पहले, सरकार ने पहले ही कई मौकों पर वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए एक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी थी. पहला, ओरिजनल समय सीमा 31 मार्च 2020 से 30 जून और फिर 31 जुलाई 2020 तक. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट के माध्यम से अपना रिटर्न ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं. महामारी के बीच टैक्सपेयर्स को कुछ राहत देने के लिए , केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 19 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है. जिन लोगों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपना आईटीआर दाखिल नहीं किया है, वे अब ऐसा सितंबर 2020 तक ऑनलाइन कर सकते हैं. ध्यान दें कि इससे पहले, सरकार ने पहले ही कई मौकों पर वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए एक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी थी. पहला, ओरिजनल समय सीमा 31 मार्च 2020 से 30 जून और फिर 31 जुलाई 2020 तक. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट के माध्यम से अपना रिटर्न ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं.
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महामारी के बीच टैक्सपेयर्स को कुछ राहत देने के लिए , केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 19 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है. जिन लोगों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपना आईटीआर दाखिल नहीं किया है, वे अब ऐसा सितंबर 2020 तक ऑनलाइन कर सकते हैं. ध्यान दें कि इससे पहले, सरकार ने पहले ही कई मौकों पर वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए एक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी थी. पहला, ओरिजनल समय सीमा 31 मार्च 2020 से 30 जून और फिर 31 जुलाई 2020 तक. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट के माध्यम से अपना रिटर्न ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं.
5/ 5 कोरोनावायरस महामारी के कारण टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए CBDT ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2020 निर्धारित की है. कोरोनावायरस महामारी के कारण टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए CBDT ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2020 निर्धारित की है.
कोरोनावायरस महामारी के कारण टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए CBDT ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2020 निर्धारित की है.