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Pension scheme for Orphaned Children अनाथ बच्चों के लिए पेंशन योजना
अनाथ बच्चों के लिए पेंशन योजना यह स्कीम शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए सहयोग प्रदान करती है और 18 वर्ष की आयु का होने पर प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष निर्मित करती है।
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 790
TO BE ANSWERED ON 08.02.2023
PENSION SCHEME FOR ORPHANED CHILDREN
790. SHRI NARAIN DASS GUPTA
Will the Minister of WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT be pleased to state:
(a) whether pension scheme was started by the Ministry for orphaned children during the COVID period;
(क) कया कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए मंत्रालय द्वारा पेंशन योजना शुरू की गई थी;
(b) if so, whether there is a plan to give the benefit of this scheme to the children who became orphan due to other reasons as well; and
(ख) यदि हां, तो क्या इस योजना का लाभ अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को भी देने की योजना है; और
(c) if not, the reasons therefor?
(ग) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
ANSWER
MINISTER OF WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT
(SHRIMATI SMRITI ZUBIN IRANI)
(a) to (c): PM CARES for Children scheme has been launched to support children who have lost both parents or surviving parent or legal guardian or adoptive parents due to COVID-19 pandemic. The scheme provides support for education and health and creates a corpus of Rs.10 lakh for each child when he or she reaches 18 years of age. This corpus is used to give a monthly financial support/ stipend from 18 years of age, for the next 5 years to take care of his or her personal requirements during the period of higher education and on reaching the age of 23 years, he or she gets the corpus amount as one lump-sum for personal and professional use. The scheme is accessible through an online portal i.e. pmcaresforchildren.in.
(क) से (ग): पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता दोनों या जीवित माता- पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खो चुके बच्चों को सहयोग करने के लिए शुरू की गई है। यह स्कीम शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए सहयोग प्रदान करती है और 18 वर्ष की आयु का होने पर प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष निर्मित करती है। इस कोष का उपयोग 18 वर्ष की आयु से अगले 5 वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान उसकी व्यक्तिगत जरूरतों का ध्यान रखने के लिए मासिक वित्तीय सहायता/छात्रवृत्ति देने में किया जाता है और 23 वर्ष की आयु का होने पर व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए उसे एकमुश्त राशि के रूप में कोष राशि प्रास होती है। यह स्कीम एक ऑनलाइन पोर्टल यानी pmcaresforchildren.in. के माध्यम से उपलब्ध है।
A pro-rata amount has been credited in the post office account of each identified child in such a manner that the corpus for each child becomes Rs.10 lakhs at the time of attaining 18 years of age. Children are entitled to receive monthly stipend between the age of 18 and 23 years, by investing the corpus of Rs.10 lakhs into Monthly Income Scheme of Post Office. They are entitled to receive the amount of Rs.10 lakh on attaining the age of 23 years. Children staying with relatives are receiving Rs.4000/- per month under Mission Vatsalya Scheme. Under the scheme, provision has been made for admission in the nearest Kendriya Vidyalaya Sangathan/Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya or Private Schools. Further, annual scholarship of Rs.20,000/- are provided to all school going children of class 1-12. Children are also assisted in obtaining education loan for Professional courses / Higher Education in India for which interest is borne by PM CARES Fund. All children have been enrolled under Ayushman Bharat Pradhan Mantri – Jan Arogya Yojna (AB PM-JAY) with a health insurance cover of Rs.5 lakh. The coverage of health insurance would be provided till they attain the age of 23 years.
चिम्हित किए गए प्रत्येक बच्चे के डाकघर खाते में इस प्रकार आनुपातिक राशि जमा की गई है कि 18 वर्ष की आयु होने पर प्रत्येक बच्चे के लिए कोष 10 लाख रुपये हो जाता है। डाकघर की मासिक आय स्कीम में 10 लाख रुपये की राशि का निवेश करके बच्चे 18 से 23 वर्ष की आयु के बीच मासिक छात्रवृत्ति प्राप्त करने के हकदार हैं। वे 23 वर्ष की आयु में 10 लाख रुपये की राशि प्रास करने के हकदार होते हैं। मिशन वात्सल्य स्कीम के तहत संबंधियों पास रह रहे बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह प्राप्त हो रहे हैं। स्कीम के तहत, निकटतम केन्द्रीय विद्यालय संगठन /कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अथवा निजी विद्यालयों में प्रवेश का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, कक्षा 1-12 के स्कूल जाने वाले सभी बच्चों को 20,000/- रुपये की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में भी बच्चों की सहायता की जाती है, जिसका ब्याज पीएम केयर्स कोष द्वारा वहन किया जाता है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा के साथ सभी बच्चों का नामांकन किया गया है। 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक स्वास्थ्य बीमा का कवरेज प्रदान किया जाएगा।
Children can also avail the benefits of ‘Swanath Scholarship Scheme for Students’ which is implemented by All India Council for Technical Education (AICTE) to study further in AICTE approved Institutions and courses. Under the scheme, Rs.50,000/- per annum is provided to each student for every year of study (i.e. maximum 4 years for Degree students and maximum 3 years for Diploma Students) as lump sum amount towards payment of college fee, purchase of computer, stationery, books, equipment, software etc. These children are also covered under the initiative of AICTE, “Kaushal Augmentation and Restructuring Mission of AICTE” (KARMA), for all AICTE approved institutions in the country to overcome the dual challenge of scarcity of skilled manpower in jobs and low skill level of those who are presently in jobs.
बच्चे ‘छात्रों के लिए स्वनाथ छात्रवृत्ति स्कीम’ का भी लाभ उठा सकते हैं, जिसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा एआईसीटीई से अनुमोदित संस्थानों और पाठ्यक्रमों में आगे पढ़ाई के लिए कार्यान्वित किया जाता है। स्कीम के तहत, प्रत्येक छात्र को अध्ययन के प्रत्येक वर्ष (अर्थात डिग्री छात्रों के लिए अधिकतम 4 वर्ष और डिप्लोमा छात्रों के लिए अधिकतम 3 वर्ष) के लिए कॉलेज फीस के भुगतान, कंप्यूटर, स्टेशनरी, किताबों, उपकरण, सॉफ्टवेयर इत्यादि की खरीद के लिए एकमुश्त राशि के रूप में 50,000/- रुपये प्रति वर्ष प्रदान किए जाते हैं। इन बच्चों को नौकरियों में कुश्न जनशक्ति के अभाव और वर्तमान में नौकरी कर रहे लोगों में कौशल के निम्न स्तर की दोहरी चुनौती से निपटने के लिए देश में सभी एआईसीटीई अनुमोदित संस्थानों के लिए एआईसीटीई की पहल, “कौशत्र ऑगमेंटेशन एंड रिस्ट्रक्चरिंग मिशन ऑफ एआईसीटीई” (कर्मा) के तहत भी शामित्र किया गया है।
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