योजना का नाम |
पशु सखी योजना |
किसके दवारा शुरू की गई |
उत्तराखंड सरकार दवारा |
विभाग |
पशुपालन विभाग उत्तराखंड |
लाभार्थी |
महिलाएँ व पशुपालक |
प्रदान की जाने वाली सहायता |
पशुओं के स्वास्थय का ध्यान रखना और पशु सखियों को सशक्त |
आवेदन प्रक्रिया |
ऑनलाइन / ऑफ़लाइन |
आधिकारिक वेबसाइट |
जल्द शुरू की जाएगी |
- क्षेत्र के समस्त पशुधन एवं कुक्कुट संख्या का रिकॉर्ड ब्लॉक स्तर के पशु चिकित्सकों के साथ साझा करना।
- चारा उत्पादन के लिये पशुपालकों को प्रोत्साहित करना।
- पशुओं को नियमित टीकाकरण की सुविधा प्रदान करना।
- पशुपालकों, पशुपालन विभाग एवं पशु चिकित्सा विभाग के बीच एक कड़ी की तरह काम करना।
- पशुपालकों को सरकार दवारा शुरू की गई सभी योजनाओं की जानकारी प्रदान करवाना।
- फर्स्ट-एड किट के जरिए पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
- छोटे/जुगाली करने वाले पशुओं में बीमारियों की पहचान करना।
- बिमार पशुओं का उपचार करना और जरूरत पडने पर इन पशुओं को दवाई भी प्रदान करना।
- ग्रामीण पशुधन पालकों को बुनियादी तकनीकी सहायता प्रदान करना।
- सबसे पहले ग्राम संगठन अपनी आजीविका उप-समिति दवारा ग्रामीणों को पशु सखी प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- इसके बाद आजीविका उप-समिति द्वारा वीओ स्तर पर पशु सखी की पहचान करने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसका संचालन वीओ के अध्यक्ष और सचिव दवारा किया जाएगा।
- बैठक में स्थानीय पशु चिकित्सा सहायक, शल्य चिकित्सक (वीएएस)/विस्तार अधिकारी अथवा पशु चिकित्सा प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। जिनका मुख्य कार्य लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के आधार पर संबंधित क्षेत्र के लिए पशु सखी का चयन करने का होगा।
- चयन प्रक्रिया के पूरी होने के बाद वीओ चयनित पशु सखी का सारा डाटा प्रोफाइल रिकॉर्ड करने एवं MIS में अपलोड करने के लिए भेजेगा|
- आवेदक को उत्तराखंड राज्य का निवासी होना चाहिए।
- लाभार्थी महिला होनी चाहिए।
- इन महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (SHG) का सदस्य होना चाहिए।
- लाभार्थी की न्यूनतम आयु 20 वर्ष से लेकर अधिकतम 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- पशु सखी शैक्षिक योग्यता कम से कम 8वीं पास होनी चाहिए।
- इन सखियों को उच्च शैक्षिक योग्यता एवं अंग्रेजी भाषा लिखने-पढ़ने का ज्ञान होना चाहिए।
- पशु सखियों को पशुपालन के वारे मे जानकारी होनी चाहिए।
- पशु सखी के पास स्वच्छ पशुधन आवास की व्यवस्था होनी चाहिए।
- पशु सखी को जुगाली करने वाले पशुओं के ताप निदान का ज्ञान होना चाहिए।
- पशु सखी बनने के लिए महिला में बेहतर संचार कौशल होना चाहिए।
- पशु सखी को कम से कम 1-2 मवेशी अथवा 2-3 भेड़/बकरी या 2-3 सूअर एवं 10 कुक्कुट पक्षियों के साथ अच्छा पशुधन पालने का अनुभव होना चाहिए।
- पशु सखी को NRLM अथवा किसी अन्य संगठन द्वारा आयोजित ट्रेनिंग व एक्सपोजर प्रोग्राम के लिए तैयार होना चाहिए ये ट्रेनिग उन्हे राज्य या राज्य के वाहर दी जा सकती है।
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- शैक्षिक योग्यता दस्तावेज
- मोबाइल नम्वर
- पासपोर्ट साइज फ़ोटो
- पशुओं की सेहत के लिए पशु सखियों की नियुक्ती की जाएगी।
- आशा कार्यकर्ताओं की तर्ज पर पशु सखियां मवेशियों की देखभाल करेंगी।
- पशुओं की बीमारियों की पहचान कर उनका प्राथमिक उपचार किया जाएगा।
- पशुपालको को योजना के सवंध मे जानकारी उपलवध करवाई जाएगी।
- पशु सखी को किसानों के पशुओं की देखभाल व चिकित्सीय सहायता देने के लिए लगातार अलग-अलग क्षेत्रो मे भ्रमण करना होगा।
- इन सखियों को न्यूनतम 20 दिन भ्रमण करना होगा और इसके अतिरिक्त प्रति माह 50 परिवारों से संपर्क करना होगा।
- पशु सखी इस योजना का लाभ पाकर आत्म-निर्भर वनेगी।
- ये योजना पशुपालको को आपने पशुओं की अच्छे से देखभाल करने के लिए प्रेरित करेगी।