Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana 2023 के उद्देश्य, लाभ & विशेषताएं
हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा राज्य के जल सूत्रों का संग्रहण प्रबंधन का संरक्षण करने के लक्ष्य से हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना कब आरंभ किया गया है फिलहाल में इस योजना के प्रदेश में लाहौर और स्पीति मंडलों को छोड़कर अन्य 10 मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर दिया गया है क्योंकि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी इलाका है और विशेषज्ञ का यह कहना है कि जिस तरह से प्रदेश में जल की बर्बादी हो रही है तो आने वाले समय में भूजल स्तर बहुत ही अधिक नीचे गिर जाएगा जिससे लोगों को सामने पानी की कमी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना को भविष्य में आने वाली इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए आरंभ किया गया है और भूजल स्थिति एवं जल स्रोतों के विकास करने के लिए आरंभ किया गया है।
Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana 2023
HP Parvat Dhara Yojana इस योजना को आरंभ हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा जल स्रोतों का संवर्धन करके भूजल स्तर में वृद्धि करने के लिए आरंभ किया गया जिससे कि जल स्रोतों को विलुप्त होते हुए जीर्णोद्धार और धौलाधार खेतों में सिंचाई के लिए छोटे-बड़े जल संचयन धातु का निर्माण कर के वनों में जल की आपूर्ति उपलब्ध करवाया जा सके इस योजना के तहत राज्य के 10 मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आरंभ किया गया जिससे माध्यम से 110 छोटे छोटे तालाब विभिन्न प्रकार के 60654 और 12000 इंच का निर्माण किया जाएगा इसके अलावा राज्य में पौधारोपण भी उपलब्ध करवाया जाएगा इस योजना के तहत ₹200000 का खर्च किया जाएगा हिमाचल प्रदेश धारा योजना 2023 का नोडल विभाग जल शक्ति विभाग इसके साथ ही वन विभाग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी भाग-1 है और 27% भूभाग में ढका हुआ है।
Key Highlights Of Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana
योजना का नाम
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HP Parvat Dhara Yojana
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घोषित की गई
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मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा
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संबंधित विभाग
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वन विभाग
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उद्देश्य
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राज्य के वन क्षेत्र में जल स्तर को बढ़ाना
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लाभ
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वन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल
उपलब्ध करवाकर आसानी प्रदान करना।
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बजट
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2 करोड़ 76 लाख रुपए
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योजना के तहत शामिल मंडल
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10 वन मंडल
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अधिकारिक वेबसाइट
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हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2023 का मुख्य उद्देश्य राज्य के भूजल स्तर में सुधार और जल का संरक्षण करना है। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में जल संग्रहण के निर्माण का कार्य ढलानदार क्षेत्रों में सिंचाई के लिए किया जाएगा, राज्य के जल स्तर में इन संग्रहण व तालाबों के निर्माण के कार्य से सुधार हो सकेगा। फिलहाल इस योजना को हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, यह जिले बिलासपुर, हमीरपुर, जोगिंद्रनगर, नाचन, पार्वती, नूरपुर, राजगढ़, नालागढ़, योग, इलहोजी आदि है। इन जिलों में Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana के जरिए से छोटे-बड़े तालाब, चेक डैम व चेक वाल, कंटूर ट्रैन आदि को निर्माणित किया जाएगा, क्योकि वन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में अधिक है और अधिक वन वाले क्षेत्रों में पानी की अत्यंत ज़रूरत होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब HP Parvat Dhara Yojana के जरिये से जल की कमी को वन क्षेत्रों में जल स्रोतों का संवर्धन करके खत्म किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के तहत शामिल वन मंडल
सरकार ने इस योजना को राज्य के लाहौल और स्पीति मंडलों को छोड़कर अन्य 10 मंडलों में लागू कर दिया है यह मंडल निम्नलिखित इस प्रकार से है।
- बिलासपुर
- हमीरपुर
- पार्वती
- नाचन
- राजगढ़
- ठियोग
- नूरपुर
- जोगिंद्रनगर
- डलहौजी
HP Parvat Dhara Yojana 2023 के लाभ
- बिलासपुर, हमीरपुर, जोगिंद्रनगर, नाचन, पार्वती, नूरपुर, राजगढ़, नालागढ़, योग, इलहोजी वन मंडलों को राज्य के मुख्यमंत्री जी के द्वारा आरम्भ हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- 110 छोटे छोटे तालाब, विभिन्न प्रकार के 600 चेक डैम व चेक वॉल और 12000 कन्टूर ट्रैंच आदि को इस योजना के जरिए से निर्माणित करने का कार्य किया जाएगा।
- हिमाचल प्रदेश राज्य में HP Parvat Dhara Yojana के जरिए से जल संरक्षण के कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से जल और मिट्टी दोनों को संरक्षित किया जाएगा, जिसके जरिए से हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक जल की आपूर्ति की जा सकेगी।
- इसके माध्यम से राज्य में निरंतर कम हो रहे जल स्रोतों के जीर्णोद्धारढलानदार खेतों में सिंचाई सुविधा को उपलब्ध करवाने के लिए छोटे और बड़े जल संचायन ढांचों को निर्माणित करने का काम किया जाएगा, इसके पश्चात उनका ख्याल भी रखा जाएगा।
HP Parvat Dhara Yojana की विशेषताएं
- प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा HP Parvat Dhara Yojana को शुरू करने की घोषणा की गई थी।
- यह योजना प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिलों को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है।
- हिमाचल प्रदेश का दो तिहाई भूभाग में वन है और 27% भूभाग हरित आवरण से ढका हुआ है।
- इस योजना के संचालन पर 2 करोड़ 76 लाख रुपए का खर्च किया जाएगा।
- जल शक्ति विभाग इस योजना का नोडल विभाग होगा।
- वन विभाग इस योजना के क्रियान्वयन का कार्य करेगा।
- इस योजना के तहत राज्य के जल स्रोतों का संग्रहण, प्रबंधन एवं संरक्षण किया जाएगा।
- इसके अलावा राज्य में पौधारोपण भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के तथ्य
- हिमाचल के वन्य क्षेत्रों में 33 वन्यजीव अभ्यारण एवं 2 राष्ट्रीय उद्यान है।
- जल के सतह पर रुकने के समय को बढ़ाकर जल स्तर में वृद्धि की जाएगी।
- योजना को राज्य के 10 जिलों में कार्यान्वित करने की तैयारी है।
- बजट में 20 करोड़ रुपयों का परिव्यय अलग रखा गया है।
- योजना के माध्यम से ढलानदार खेतों में सिचाई की व्यवस्था हो पायेगी।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना में जलस्तर को कैसे बढ़ाया जाए?
राज्य सरकार के द्वारा इस योजना के अंतर्गत छोटे छोटे तालाब और चेक दिया हुआ चेक वालों का निर्माण कर दिए हुए जल स्तर को ऊपर लाने का प्रयास किया जाएगा इस योजना की मदद से गिरते हुए उजाला स्तर को रोकने में कारगर साबित होगी और मदद भी प्राप्त हो सके इसके साथ-साथ मुद्रा एवं जल संसाधन को बेहतर बनाने का उपयोग में मदद मिलेगी और पहाड़ी इलाकों में खेती की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त हो सकेगा।
Source: http://himachalpr.gov.in/
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