Bonus (ad-hoc bonus) 2022 to JCO/ORs in the Army and equivalent ranks in the Navy and Air Force दीपावली से पहले मोदी सरकार ने सैनिकों को दिया बोनस का तोहफा

Bonus (ad-hoc bonus) 2022 to JCO/ORs in the Army and equivalent ranks in the Navy and Air Force दीपावली से पहले मोदी सरकार ने सैनिकों को दिया बोनस का तोहफा

समूह ‘सी’ में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और समूह ‘बी’ में सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को लेखा वर्ष 2021-22 के लिए 30 दिनों के वेतन के बराबर गैर-उत्पादकता लिंक्ड बोनस (तदर्थ बोनस) का अनुदान, जो सेना में जेसीओ/ओआर और नौसेना और वायु सेना में समकक्ष रैंक वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए तदर्थ बोनस के लिए पात्र होंगे। इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस के भुगतान के लिए गणना की सीमा रुपये की मासिक परिलब्धियां होगी। 7000/-. भुगतान 30.10.2022 तक किया जाना है।

सैनिकों को दिया बोनस का तोहफा
केंद्र की मोदी सरकार ने देश को सैनिकों को अंतरिम भुगतान के रूप में शानदार दिवाली गिफ्ट दिया है। उधर, सुरक्षा बलों के लिए नए वेतनमान पर चल रहे विवाद निपटाने में रक्षा प्रमुख व सरकार लगातार प्रयास कर रही है। एक अंग्रेजी अखबार ने यह दावा किया है कि उसके पास 10 अक्टूबर को रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया आदेश है, जिसमें यह कहा गया है।
इस आदेश में कहा गया है कि वेतन आयोग का नोटिफिकेशन लंबित होने की वजह से राष्ट्रपति ने उनके लिए अस्थायी तौर पर बकाया भुगतान को मंजूरी दी है। सभी जवानों को मिलने वाला बकाया उनके मौजूदा वेतन (डीए सहित) का 10 फीसद होगा जिसकी गणना जनवरी 2016 के बाद से होगी। इसका मतलब यह है कि सभी रैंक के फौजियों को बोनस के तौर पर एक माह का पूरा वेतन मिलेगा। सभी की कोशिश है कि फौजियों को यह रकम दिवाली से पहले मिल जाए। इस साल दिवाली 30 अक्टूबर को है।

सिविल सर्विसेज के उलट सशस्त्र बलों को वेतन आयोग की वजह से बकाया अभी तक नहीं मिल पाया है। उनके लिए नया वेतनमान भी अभी तक लागू नहीं हुआ है। बकाया भुगतान में देरी सुरक्षाबलों के लिए आयोग के कंपनसेशन स्ट्रक्चर की विसंगतियां दूर करने के मामले में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के दखल की वजह से हुई है। तीनों सेना प्रमुखों ने कहा है कि जब तक विकलांगता क्षतिपूर्ति और पेंशन के मामले में विसंगतियों को ठीक नहीं किया जाता, तब तक वेतन आयोग की सिफारिशें उन्हें मंजूर नहीं हैं।
इससे पहले खबर आई थी कि त्योहारों के मौसम में अतिरिक्त भुगतान नहीं होने के आसार को देखते हुए सशस्त्र बलों के सेवारत और सेवानिवृत जवान और अधिकारी निराश हैं। इसके लिए सरकार एकमुश्त बकाया भुगतान करने के विकल्प को भी तलाश रही है। तीनों सेनाओं के प्रमुखों को भेजे गए आदेश के अनुसार, ‘बकाये की गणना के लिए जनवरी 2016 की सैलरी को आधार बनाया जाएगा। अभी दी जा रही रकम संशोधित वेतनमान पर एरियर के अंतिम गणना से समायोजित की जाएगी।’

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