लोक सभा
सीखो और कमाओ योजना
4740. श्री जयदेव गलला
क्या अल्पसंख्यक कार्य मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) सीखो और कमाओ योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित अल्पसंख्यक युवाओं की संख्या का आंध्र प्रदेश सहित राज्य, श्रेणी और जिलेवार ब्यौरा क्या है;
(ख) प्रशिक्षित होने के तीन महीने के भीतर नियोजित किए गए प्रशिक्षुओं की संख्या का राज्य और लिंग-वार ब्यौरा कया है; और
(ग) वर्तमान में बेरोजगार प्रशिक्षुओं की संख्या का राज्य और लिंग-वार ब्यौरा क्या है?
(श्री मुख्तार अब्बास नकवी)
(क) से (ग): ‘सीखो और कमाओ’ योजना (लर्न एंड अर्न) अल्पसंख्यकों के लिए एक प्लेसमेंट से जुड़ी कौशल विकास योजना है। इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक युवाओं (14-45 वर्ष की आयु में) के कौशल को उनकी योग्यता, वर्तमान आर्थिक प्रवृत्तियों और बाजार की क्षमता के आधार पर विभिन्न आधुनिक/पारंपरिक कौशल में उन्नत करना है। जो उन्हें उपयुक्त रोजगार प्रदान कर सकते हैं या उन्हें स्वरोजगार पाने के लिए उपयुक्त रूप से कुशल बना सकते हैं। योजना में कुल लक्ष्यों का 33% महिला लाभाथियों के लिए निर्धारित किया गया है।
सीखो और कमाओ योजना के तहत अब तक लगभग 4.60 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है और इसमें से 2.64 लाख लाभार्थी (कुल प्रशिक्षित का 58%) महिलाएं हैं। आंध्र प्रदेश राज्य में 14,845 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 8,951 महिला लाभार्था हैं। इस योजना को मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (?॥%) द्वारा पूरे भारत से आवेदन आमंत्रित करके कार्यान्वित की जाती है। इस योजना में कम से कम 75% प्लेसमेंट अनिवार्य है, जिसमें से कम से कम 50% वेतन रोजगार में होना चाहिए। प्रशिक्षण के तीन महीने के भीतर प्रशिक्षित और नियोजित किए गए प्रशिक्षुओं की संख्या का डेटा मंत्रालय में नहीं रखा जाता है। हालांकि, 1,72,005 लाभार्थी ऐसे हैं जिन्हें रोजगार प्राप्त हुआ है, जिनमें से 7,577 आंध्र प्रदेश राज्य में हैं।
इसके अलावा, मंत्रालय 17-35 वर्ष की आयु के छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के अल्पसंख्यक युवाओं (पुरुषों और महिलाओं दोनों) जिनके पास औपचारिक स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र नहीं है, अर्थात, जो स्कूल ड्रॉपआउट की श्रेणी- या मदरसों जैसे सामुदायिक शिक्षा संस्थानों में शिक्षित हुए हैं, को लाभान्वित करने के लिए “नई मंजिल” योजना भी लागू करता है। योजना के तहत ल्राभार्थी सीटों का 30% लड़कियां/महिला अभ्यर्थियों के लिए और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित विकलांग व्यक्तियों के लिए लाभार्थी सीटों का 5% निर्धारित किया गया है। यह योजना लाभाथियों को बेहतर रोजगार और आजीविका प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए औपचारिक शिक्षा (कक्षा ४॥ या >) और कौशल का एक संयोजन प्रदान करती है। यह योजना चयनित परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (?॥७5) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है, जिन्हें संगठनों के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (5015) आमंत्रित करके एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सूचीबद्ध किया जाता है।
नई मंजिल योजना के तहत, स्थापना के बाद से, कुल 98697 लाभार्थियों (पुरुष और महिला दोनों) को नामांकित किया गया था, जिनमें से 39,635 महिला लाभार्थी कौशल प्रमाणित की गई थीं। 34,340 लाभार्थियों की कुल नियुक्ति में से 833 आंध्र प्रदेश राज्य में हैं। मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान (७६८६०) ने वर्ष 2017-18 से अल्पसंख्यकों के लिए गरीब नवाज कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू किया है, जो वर्ष 2019-20 से गरीब नवाज रोजगार योजना के रूप में जाना जाता है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक युवाओं को कौशल आधारित रोजगार के लिए सक्षम बनाने के लिए विभिन्न अल्पकालिक रोजगारोन्मुख कौशल विकास पाठ्यक्रम प्रदान किया जाता है। यह योजना पैनलबदध कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों (27185) के माध्यम से कौशल विकास और उदयमिता मंत्रालय (/50&5£) के सामान्य मानदंडोँं के अनुसार कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत, स्थापना के बाद से कुल 67,986 लाभार्थियों (जिनमें से 39,297 महिलाएं) को कौशल प्रशिक्षित किया गया है।
विकास के लिए पारंपरिक कला/शिलप में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन (७571%70) योजना 14 मई, 2015 को अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कला/शिल्प की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना का उददेश्य मास्टर शिल्पकारों/कारीगरों के पारंपरिक कौशल का क्षमता निर्माण और अदयतन करना, अल्पसंख्यकों की अभिज्ञात पारंपरिक कलाओं/शिल्पों का दस्तावेजीकरण, पारंपरिक कौशल के लिए मानक निर्धारित करना, मास्टर शिल्पकारों के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को विभिन्न अभिज्ञात पारंपरिक कलाओं/शिस्पों में प्रशिक्षण देना और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार संबंध विकसित करना है। यह योजना परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (2185) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। उस्ताद योजना के तहत अब तक कुल 23,130 प्रशिक्षुओं (जिनमें से 20620 महिलाएं) को प्रशिक्षित किया जा चुका है।