PM SVANidhi scheme to continue till December 2024 अब प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) को दिसबंर 2024 तक किया गया।
Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA)
Cabinet approves continuation of Prime Minister Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi (PM SVANidhi) beyond March 2022 till December 2024
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) को मार्च 2022 से आगे बढ़ाकर दिसंबर 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दी
प्रविष्टि तिथि: 27 APR 2022 4:39PM by PIB Delhi
The Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi, today has approved the continuation of lending under the Prime Minister Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi (PM SVANidhi) beyond March 2022 till December 2024, with focus on enhanced collateral free affordable loan corpus, increased adoption of digital transactions and holistic socio-economic development of the Street Vendors and their families.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) को मार्च 2022 से आगे बढ़ाकर दिसबंर 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसके परिप्रेक्ष्य में रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों को बिना किसी जमानत के ऋण उपलब्ध कराने, डिजिटल लेन-देन को बढ़ाने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को ध्यान में रखा गया है।
Through the Scheme, affordable collateral-free loans are being facilitated to the Street Vendors. The Scheme had envisaged to facilitate loans for an amount of Rs. 5,000 crore. Today’s approval has increased the loan amount to Rs. 8,100 crore, thereby providing the Street vendors working capital to further expand their business and making them AtmaNirbhar.
इस योजना के जरिये रेहड़ी-पटरी वालों को बिना किसी जमानत के सस्ता ऋण दिया जा रहा है। इस योजना में ऋण देने के लिये 5,000 करोड़ रुपये की रकम रखी गई है। मंत्रिमंडल की आज की मंजूरी से ऋण की कुल राशि बढ़कर 8,100 करोड़ रुपये हो गई है जिसके परिणामस्वरूप रेहड़ी-पटरी वालों को कार्यशील पूंजी मिलेगी, ताकि वे अपने व्यापार को बढ़ा सकें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
रेहड़ी-पटरी वालों के लिये कैश-बैक सहित डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए बजट को भी बढ़ाया गया है।
आशा की जाती है कि इस मंजूरी से शहरी इलाकों के लगभग 1.2 करोड़ लोगों को लाभ होगा।
यह योजना जून 2020 में शुरू हुई थी। उस समय छोटे व्यापार पर महामारी और सम्बन्धित स्थितियों का दबाव रहा, जिसके कारण पैदा होने वाले हालात बेहतर नहीं हो सके थे। इसलिये योजना का प्रस्तावित विस्तार जरूरी हो गया है। ऋण देने की गतिविधि को दिसंबर 2024 तक बढ़ाये जाने से औपचारिक ऋण तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी, रेहड़ी-पटरी वालों को अपना व्यापार बढ़ाने की योजना बनाने के लिये ऋण मिलना सुनिश्चित हो जायेगा, डिजिटल भुगतान में इजाफा होगा, ऋण प्रदाता संस्थानों के फंसे हुये कर्ज के असर में कमी आयेगी तथा रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिजनों के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।