रेलवे मे वरिष्ठ नागरिक रियायत को पुन: बहाल न करना
4404. श्री एस. वेंकटेशन
क्या रेल्न मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि;
(क) वर्ष 2019-20 के दौरान रियायत का लाभ उठाने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या कितनी है और इस रियायत के परिणामस्वरूप छोड़े गए राजस्व की धनराशि कितनी है;
(ख) उक्त रियायत को वापस लिए जाने के बाद 20 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 और 1 अप्रेल 2021 से वर्तमान वित्त वर्ष (एफवाई) के दौरान आज की तिथि तक वास्तव में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या कितनी है और रियायत की कितनी धनराशि की बचत की गई है;
(ग) क्या रेलवे की आय की तुलना में बचाई गई रियायत की धनराशि बहुत कम है और अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है; और
(घ) यदि हां, तो वरिष्ठ नागरिक रियायत को फिर से शुरू न करने के क्या कारण हैं?
(श्री अश्विनी वैष्णव)
(क) से (घ): विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है। वरिष्ठ नागरिक रियायत को पुन: बहाल न करने के संबंध में 30.03.2022 को लोक सभा में श्री एस. वेंकटेशन के अतारांकित प्रश्न सं. 4404 के भाग (क) से (घ) के उत्तर से संबंधित विवरण।
(क): लगभग 12 करोड़ वरिष्ठ नागरिक यात्रियों (आरक्षित और अनारक्षित दोनों) ने 2019-20 के दौरान यात्री किराए में रियायत का लाभ उठाया और इसी अवधि के लिए रियायत के कारण छोड़ा गया राजस्व लगभग 1667 करोड़ रु. था।
(ख) और (ग): चूंकि, अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) में अनारक्षित वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की आयु को कैप्चर नहीं किया जाता है और इस कोटि के लिए रियायत 20.03.2020 से वापस ले ली गई है, अनारक्षित वरिष्ठ नागरिक यात्री से संबंधित उल्लिखित अवधि के डेटा उपलब्ध नहीं है। बहरहाल, उल्लिखित अवधि के दौरान यात्रा करने वाले आरक्षित वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की संख्या निम्नानुसार है:-
अवधि |
यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या (आंकड़े करोड़ |
20 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 |
1.87 |
1 अप्रैल 2021 से 28 फरवरी 2022 |
4.74 |
चूंकि, अनारक्षित वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की आयु कैप्चर नहीं की जाती है और कुछ वरिष्ठ नागरिक यात्री रियायतों का लाभ नहीं उठाते हैं इसलिए वास्तविक बचत का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।
(घ): महामारी और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर, 20.03.2020 से भारतीय रेल ने दिव्यांगजनों की केवल चार कोटियों, मरीजों और छात्रों की ग्यारह कोटियों को रियायत जारी रखी है। कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों के कारण, 2020-21 के दौरान अर्जित कुल यात्री राजस्व वर्ष 2019-2020 कोविड-पूर्व अवधि की तुलना में कम है। रियायतें देने की लागत रेलवे पर भारी पड़ती है, इसलिए वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी कोटियों के यात्रियों के लिए रियायतों के दायरे का विस्तार करना वर्तमान में वांछनीय नहीं है।
उपरोक्त चुनौतियों के बावजूद, रेलवे ने यात्रियों को दिव्यांगजनों की चार कोटियों, मरीजों और छात्रों की ग्यारह कोटियों को रियायतें देना जारी रखा है।