NITI Aayog Launches Geospatial Energy Map of India नीति आयोग ने भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र लांच किया

NITI Aayog Launches Geospatial Energy Map of India  नीति आयोग ने भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र लांच किया

NITI Aayog नीति आयोग

NITI Aayog Launches Geospatial Energy Map of India

नीति आयोग ने भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र लांच किया

Posted On: 18 OCT 2021 6:34PM by PIB Delhi

Geospatial Energy Map of India was launched by Dr Rajiv Kumar (Vice Chairman, NITI Aayog), Dr V K Saraswat (Member, NITI Aayog), and Shri Amitabh Kant (CEO, NITI Aayog) on 18 October 2021. Dr K Sivan, Chairman ISRO & Secretary Department of Space attended the launch event.

18 अक्टूबर 2021 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत और नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र लांच किया। इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. के. सिवन ने इस  कार्यक्रम में भाग लिया।

Geospatial Energy Map of India

NITI Aayog in collaboration with Indian Space Research Organisation (ISRO) has developed a comprehensive Geographic Information System (GIS) Energy Map of India with the support of Energy Ministries of Government of India. The GIS map provides a holistic picture of all energy resources of the country which enables visualisation of energy installations such as conventional power plants, oil and gas wells, petroleum refineries, coal fields and coal blocks, district-wise data on renewable energy power plants and renewable energy resource potential, etc through 27 thematic layers.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से नीति आयोग ने भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालयों के साथ भारत का एक व्यापक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) ऊर्जा मानचित्र विकसित किया है। यह जीआईएस मानचित्र देश के सभी ऊर्जा संसाधनों की एक समग्र तस्वीर प्रदान करता है जो पारंपरिक बिजली संयंत्रों, तेल और गैस के कुओं, पेट्रोलियम रिफाइनरियों, कोयला क्षेत्रों और कोयला ब्लॉकों जैसे ऊर्जा प्रतिष्ठानों का चित्रण करता है तथा 27 विषयगत श्रेणियों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा बिजली संयंत्रों और अक्षय ऊर्जा संसाधन क्षमता आदि पर जिले-वार डेटा प्रस्तुत करता है।

The map attempts to identify and locate all primary and secondary sources of energy and their transportation/transmission networks to provide a comprehensive view of energy production and distribution in a country. It is a unique effort aimed at integrating energy data scattered across multiple organizations and to present it in a consolidated, visually appealing graphical manner. It leverages latest advancements in web-GIS technology and open-source software to make it interactive and user friendly. The Geospatial Energy Map of India will be useful in planning and making investment decisions. It will also aid in disaster management using available energy assets.

यह मानचित्र देश में ऊर्जा उत्पादन और वितरण का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए ऊर्जा के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों और उनके परिवहन/प्रेषण नेटवर्क की पहचान करने तथा उनका पता लगाने का प्रयास करता है। यह एक अनूठा प्रयास है जिसका उद्देश्य कई संगठनों में बिखरे हुए ऊर्जा डेटा को एकीकृत करना और इसे समेकित, आकर्षक चित्रात्मक ढंग से प्रस्तुत करना है। इसमें वेब-जीआईएस प्रौद्योगिकी और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में नवीनतम प्रगति का लाभ उठाया गया है ताकि इसे प्रभावी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जा सके। भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र योजना बनाने और निवेश संबंधी निर्णय लेने में उपयोगी होगा। यह उपलब्ध ऊर्जा परिसंपत्तियों का उपयोग करके आपदा प्रबंधन में भी सहायता करेगा।

Dr Rajiv Kumar, Vice Chairman, NITI Aayog, while launching the GIS-based Energy Map of India, stated GIS-mapping of energy assets will be useful for ensuring real-time and integrated planning of energy sector of India, given its large geographical distribution and interdependence. “Energy markets have immense potential to bring in efficiency gains. Going forward, GIS-based mapping of energy assets will be advantageous to all concerned stakeholders and will help in accelerating the policy-making process. Fragmented data has been brought together; this will be a great research instrument.”

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने भारत के जीआईएस-आधारित ऊर्जा मानचित्र का लोकार्पण करते हुए कहा कि ऊर्जा परिसंपत्तियों का जीआईएस-मानचित्रण भारत के ऊर्जा क्षेत्र के वास्तविक समय और एकीकृत योजना को सुनिश्चित करने के लिए उपयोगी होगा। इसके बड़े भौगोलिक विस्तार और परस्पर निर्भरता को देखते हुए, ऊर्जा बाजारों में दक्षता हासिल करने की अपार संभावनाएं हैं। आगे चलकर, जीआईएस-आधारित ऊर्जा परिसंपत्तियों की मैपिंग सभी संबंधित हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी और नीति-निर्माण प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगी। बिखरे हुए डेटा को एक साथ लाया गया है; यह एक बहुत बड़ा शोध उपकरण होगा।”

The GIS based Energy Map of India can be accessed at– https://vedas.sac.gov.in/energymap.

भारत के जीआईएस आधारित ऊर्जा मानचित्र को यहां देख सकते हैं – https://vedas.sac.gov.in/energymap.

Source: PIB

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