OBC Reservation Amendment Bill 2021 क्या है और इसका लाभ किसे मिलेगा
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण की दिशा में एक बहुत ही बड़ा कदम उठा गया है। लोकसभा में संविधान संशोधन बिल के तहत OBC Reservation Amendment Bill पास किया गया है। यह बिल अपने आप में एक अनोखा बिल है। सरकार की तरफ से यह बताया गया कि इस बिल के आने के बाद राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा और मराठा आरक्षण जैसे मसलों पर राज्य सरकारें स्वयं फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगी। कांग्रेस समेत अन्य सभी विपक्षी दलों ने भी इस बिल का समर्थन किया है। साथ ही विपक्षी दलों ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाने की मांग सदन में रखी है।
नियम के अनुरूप संविधान संशोधन विधेयक के रूप में इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत द्वारा या सभा में उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी था। निचले सदन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सदन में इस संविधान संशोधन के पक्ष में सभी दलों के सांसदों से मिला समर्थन स्वागत योग्य है।
बिल का नाम |
संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 |
In English |
The Constitution (127th Amendment) Bill, 2021 |
सम्बंधित |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से |
लोक सभा में बिल पास किया गया |
मोदी सरकार द्वारा |
ड्राफ्ट बिल प्रस्तावित तिथि |
10 अगस्त 2021 |
बिल लागू करने की तिथि |
जल्द ही |
उद्देश्य |
OBC समुदाय को आरक्षण प्रदान करना |
लाभ |
14 से 50 प्रतिशत तक आरक्षण |
Languages |
हिंदी/ English |
Number of Pages |
5 |
Size |
66 KB |
OBC Reservation Amendment Bill PDF in Hindi |
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आधिकारिक वेबसइट |
http://www.ncbc.nic.in |
लेख श्रेणी |
केंद्र सरकार योजना |
Benefits of OBC Reservation Bill 2021
इस OBC बिल का सबसे ज्यादा लाभ उन समुदाय को मिलेगा, जो अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बंधित है। इसमें मुख्य रूप से मराठा और जाट समुदाय के लोगों को आरक्षण का ज्यादा फायदा मिलेगा। यह विधेयक ओबीसी के हितों को पूरा करने वाला है और इससे प्रत्येक राज्य अपने यहाँ ओबीसी जातियों के संदर्भ में निर्णय ले सकेंगे।
इससे पहले भी OBC Bill का 102वें संशोधन के समय किसी संशोधन का प्रस्ताव नहीं दिया था और ऐसे में कई समुदाय को लाभ इसका सही से लाभ नहीं मिल पाया था। परन्तु अब मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को सशक्त बनाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान विधेयक से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोगों को मजबूती मिलेगी और संघीय ढांचा भी मजबूत होगा। इस विधेयक के साथ महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में ओबीसी समुदाय को फायदा मिलेगा।
ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक 2021 पीडीएफ
Important Updates of OBC Reservation Bill 2021:
लोकसभा ने मतविभाजन के जरिये ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी गयी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि जहां तक 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा बढ़ाने की बात की है, सरकार इस भावना को समझती है। कई सदस्यों ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की मांग की है, जिसे कई दशक पहले तय किया गया था।
इस बिल को लेकर कई विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, शिवसेना सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने पर विचार करने की सरकार से मांग की।
साथ ही कई विपक्षी सदस्यों ने जाति आधारित जनगणना कराने की भी मांग की भी की है।
यह विधेयक यह स्पष्ट करने के लिये है कि राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की राज्य सूची/ संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने और उसे बनाये रखने को सशक्त बनाता है.
इसमें कहा गया है कि देश की संघीय संरचना को बनाए रखने के दृष्टिकोण से संविधान के अनुच्छेद 342क का संशोधन करने और अनुच्छेद 338ख एवं अनुच्छेद 366 में संशोधन करने की आवश्यकता है। यह विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
Other Details of OBC Bill 2021 List
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 5 मई के बहुमत आधारित फैसले की समीक्षा करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि 102वां संविधान संशोधन (OBC Reservation Amendment Bill) नौकरियों एवं दाखिले में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े (एसईबीसी) को आरक्षण देने के राज्य के अधिकार को ले लेता है। वर्ष 2018 के 102वें संविधान संशोधन अधिनियम में अनुच्छेद 338 बी जोड़ा गया था, जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के ढांचे, कर्तव्यों और शक्तियों से संबंधित है। जबकि 342 ए किसी विशिष्ट जाति को ओबीसी अधिसूचित करने और सूची में बदलाव करने के संसद के अधिकारों से संबंधित है।