Mera Pani Meri Virasat Yojana मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 तक करवाना होगा पंजीकरण
मेरा पानी मेरी विरासत योजना के अंतर्गत किसानों को 7000 रुपये तक की सालाना आमदनी हो सकती है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीकरण करना होगा। Application Form जमा करने के बाद सम्बंधित विभाग द्वारा आवेदनों की जांच की जाएगी। सफल आवेदकों को योजना के तहत मिलने वाली राशि जारी कर दी जाएगी।
हरियाणा सरकार ने कम पानी वाली फसलों के पक्ष में धान की फसल छोड़ने वाले किसानों को सालाना 7000 रुपये देने का फैसला किया है। राज्य में किसान इस समय 1,26,928 हेक्टेयर में धान की जगह दूसरी फसल लगा रहे हैं। यदि आप भी इस अभियान में भाग लेना चाहते हैं तो आपके पास केवल दस दिन शेष हैं। 25 जून तक मेरा पानी मेरी विरासत योजना पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करें। यदि आप धान की जगह 400 पेड़ प्रति एकड़ लगाते हैं तो यह राशि 10,000 रुपये हो जाती है।
- योजना मेरा पानी मेरी विरासत
- सम्बंधित राज्य हरियाणा
- लाभ राशि 7000 रुपये से लेकर 10000 रुपये सालाना
- ऑनलाइन आवेदन 5 June to 25 June 2021
- हरियाणा में बीते कई वर्षों से हर साल जल स्तर कम होता जा रहा है, ऐसे में आने वाली पिढ़ी को पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े इसके जरूरी कदम उठाना
- हरियाणा में ऐसे क्षेत्रों को कम करना हैं जंहा खेती के लिए अधिक पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
- योजना के जरिए स्थायी खेती को बढ़ावा देने के आलावा नई तकनीकों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- योजना के माध्य में संसाधनो के सरंक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- धान-गेंहू चक्र के बुरे प्रभाव से बचाए रखना तथा सुक्ष्म तत्व मिट्टी में बनाए रखना।
- धान-गेंहू चक्र की खेती से हटाकर किसान को अधिक लाभ देने वाली फसलों का विक्लप देना।
- किसानों को खेती में नुकसान ना हो और वह आसानी से धान की जगह अन्य फंसलों की खेती कर सकें इसके लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- जोभी किसान धान के अलावा कम पानी की खपत वाली खेती करता है उन्हे 7000 रूपए प्रति एकड़ की राशि प्रोत्साहन के रूप में देना।
- किसानों को धान को छोड़कर मक्का, अरहर मूंग, उड़द, तिल, कपास, सब्जी आदि की खेती करने का विक्लप दिया जाएगा।
- जल्द ही इस योजना के प्रचार के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। जिस पर जाकर किसान अपनी समस्या के लिए आवाज भी उठा सकेंगे।
- पहले चरण के लिए चिन्हित किए गए 19 ब्लॉक के अलावा अगर कोई अन्य ब्लॉक के किसान भी धान की खेती छोड़ना चाहेंगे तो वह भी इस योजना में आवेदन कर पाएंगे।
- इससे भावी पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर सकेंगे।
- योजना का लाभ हरियाणा राज्य का कोई भी किसान उठा सकता है।
- योजना का आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा।
- धान की खेती ना करने पर लाभार्थी को सरकार की तरफ से 7000 रूपए प्रति एकड़ पर धनराशि दी जाएगी।
- किसानों को धान के अलावा मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, तिल, कपास, और सब्जी की खेती करनी होगी।
मेरा जल मेरी विरासत योजना की आवेदन प्रक्रिया Apply Online (Registration) for Mera Pani Meri Virasat Scheme Haryana
- Total Time: 5 minutes
- सबसे पहले इच्छुक आवेदकों को आधिकारिक पेज पर पहुंचना है
- अब स्कीम के स्टार्ट डेट और लास्ट डेट के सामने अप्लाई नाउ लिंक पर क्लिक करें
- अब अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या मेरी फसल मेरा ब्यौरा आईडी एंटर कीजिये
- अब ऑनलाइन फॉर्म में आपसे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जैसे जमीन का ब्यौरा, फसल की जानकारी इत्यादि मांगी जायेगी, सही जानकारी देके फॉर्म भर दें
- योजना के तहत जिस किसान ने अपनी कुल जमीन के 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्र पर धान के बजाय मक्का/ कपास/बाजरा /
- दलहन / सब्जीयां इत्यादि फसल उगाई है तो उसको 7,000/- रूपये प्रति एकड़ की दर से राशि प्रदान की जाएगी। परन्तु यह राशि उन्ही किसानो को ही दी जाएगी जिन्होने गतवर्ष (खरीफ 2021) के धान के क्षेत्रफल में से 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्र में फसल विविधीकरण अपनाया है।
- उपरोक्त राशि 7,000/- रूपये प्रति एकड़ के अतिरिक्त जिन किसानो ने धान के बजाय फलदार पौधो तथा सब्जीयों की खेती से फसल विविधीकरण अपनाया है उनको बागवानी विभाग द्वारा चालित परियोजनाओं के प्रावधान के अनुसार अनुदान राशि अलग से दी जाएगी।
- हरियाणा में अधिक पानी की मांग वाली फसलो के क्षेत्र को कम करना। स्थायी खेती के लिए वैकल्पिक फसलो को बढावा देना तथा नवीनतम तकनीको की प्रेरणा देना।संसाधनों के संरक्षण को बढावा देना। भू-जल स्तर को बनाए रखना,इस योजना के कुछ प्रमुख उद्देश्य हैं
- जी ! किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण करना जरुरी है। दी गई जानकारी से आप पंजीकरण कर पाएंगे