Chhattisgarh Mukhyamantri Yuva Swarojgar Yojana छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना
राज्य में आर्थिक एवं सामाजिक समृद्धि हेतु यह आवश्यक है कि राज्य का युवा वर्ग आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी हो, आत्मनिर्भर हो, उनकी कार्य क्षमता का पूर्ण उपयोग हो, योग्यता के अनुरूप उनका स्व-उद्यम स्थापित हो, ताकि राज्य के युवा वर्ग की समग्र शक्ति का लाभ राज्य को प्राप्त हो सके। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (CG Mukhyamantri Yuva Swarojgar Yojana) शुरू की है।
वर्तमान में यह पाया गया है कि स्व-रोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन में ऋण की आपूर्ति हेतु बैंकों / वित्तीय संस्थाओं का उद्देश्य अपने ऋण की वसूली ही प्रमुखता होती है। इसी कारण युवा वर्ग को पूर्ण प्रतिभा / कार्यशील होने के बावजूद भी ऋण नहीं मिल पाता है क्योकि बैंकों / वित्तीय संस्थाओं की कोलेटरल सिक्योरिटी एवं तृतीय पक्ष की गारंटी देने में यह वर्ग समर्थ नहीं हो पाता।
स्व-रोजगार की इस समस्या के दीर्घकालीन निराकरण हेतु यह आवश्यक है कि राज्य शासन की ओर से उन्हें आर्थिक सहायता, समर्थन, प्रोत्साहन व सहारा दिया जाये, ताकि राज्य का युवा वर्ग अपनी योग्यता व कार्यक्षमता के अनुरूप स्व-उद्यम स्थापित कर न केवल अपने परिवार की अपितु राज्य की आर्थिक प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके। उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुये माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रारंभ की गई है।
CM Mukhyamantri Yuva Swarojgar Yojana in Hindi (छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना)
राज्य के युवाओं को स्व-उद्यम की स्थापना कर आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिये राज्य शासन एतद द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रारंभ की गई है।
आवश्यकता
- राज्य शासन की औद्योगिक नीति वर्ष 2009-14 के बिन्दु क्रमांक 10.1 में भी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारंभ करने का प्रावधान था।
- भारत सरकार की स्वरोजगार योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में हितग्राहियों को बैंक ऋण के लिये Collateral Security देना होती है। इसके कारण कई बार प्रकरणों में ऋण वितरण नहीं हो पाता है। हितग्राही Collateral Security के एवज में भारत सरकार के क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फण्ड का उपयोग ब्याज के अतिरिक्त 1 1.5 प्रतिशत भारित करने के कारण नहीं कर पाते हैं।
- बैंकों / वित्तीय संस्थाओं द्वारा राज्य के युवा वर्ग को उनके उद्योग धंधे स्थापित करने में समयबद्ध व सुगमता से ऋण प्रदान करने में राज्य शासन की ओर से गारंटी में सहायता प्रदान कर युवा वर्ग को नैतिक व आर्थिक संबल प्रदान करने की भी आवश्यकता है।
सीएम युवा स्वरोज़गार योजना का संक्षिप्त सार
- यह योजना मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना कही जावेगी, व संपूर्ण राज्य में राजपत्र में प्रकाशन के दिनांक 10 January 2014 से लागू होगी ।
CG मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना उद्देश्य
- राज्य के युवा वर्ग को स्वरोजगार के रूप में उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय स्थापित करने में समग्र सहायता (वित्तीय सहायता गारंटी, प्रशिक्षण व अनुसरण) उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी योग्यता एवं कार्यक्षमता के अनुरूप उनके स्वयं के उद्यम स्थापित करने में सुगमता सहजता एवं सबलता प्राप्त हो ताकि वे राज्य की आर्थिक प्रगति में स्वयं की हिस्सेदारी महसूस करते हुये योगदान दे सके।
- राज्य की युवा शक्ति को स्व-उद्यम की ओर प्रेरित कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना।
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की उपभोक्ता संबंधी आवश्यकता की पूर्ति इन्हीं क्षेत्रों से करने बाबत सकारात्मक वातावरण तैयार करना।
- कृषि संबंधी सहायक उद्योग-धंधों का विकास करना।
बैंकों / वित्तीय संस्थाओं से ऋण (Loans from Banks / Financial Institutions)
इस योजना के अंतर्गत पात्र युवा वर्ग को निर्माण, सेवा एवं व्यवसाय हेतु बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से ऋण प्रदान किया जायेगा, जिसकी सीमा निम्नानुसार होगी:-
- विनिर्माण उद्यम – परियोजना लागत अधिकतम Rs.25.00 लाख
- सेवा उद्योग – परियोजना लागत अधिकतम Rs.10.00 लाख
- व्यवसाय – परियोजना लागत अधिकतम Rs. 2.00 लाख
परियोजना लागत में भूमि की राशि सम्मिलित नहीं होगी तथा स्थायी पूंजी निवेश के अंतर्गत प्रस्तावित राशि का अधिकतम 20 प्रतिशत ही भवन मद में मान्य किया जायेगा ।
गारंटी शुल्क एवं वार्षिक सेवा शुल्क की सहायता (Guarantee Fee / Annual Fee Assistance)
बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण स्वीकृति की सुगमता एवं सहजता हेतु राज्य शासन द्वारा विनिर्माण उद्यम एवं सेवा उद्योगों हेतु भारत सरकार के क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फॉर माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राईजेस योजना के अंतर्गत देय गारंटी शुल्क एवं वार्षिक सेवा शुल्क का भुगतान किया जायेगा। व्यवसाय के क्षेत्रों हेतु कोई गारंटी शुल्क / वार्षिक सेवा शुल्क नहीं दिया जायेगा। गारंटी शुल्क एवं वार्षिक सेवा शुल्क की सहायता निम्नानुसार दी जायेगी:-
हितग्राही की श्रेणी |
भारत सरकार के क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट हेतु गारंटी शुल्क / |
सामान्य वर्ग |
बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत ऋण राशि पर लगने वाला |
अ.जा./ अ.ज.जा./ अ.पि.वर्ग/ अल्पसंख्यक / महिला / विकलांग / |
बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत ऋण की राशि पर लगने |
ब्याज अनुदान (Interest Subsidy)
ब्याज अनुदान – बैंकों / वित्तीय संस्थाओं द्वारा वितरित सावधि ऋण एवं कार्यशील पूंजी पर निम्नानुसार ब्याज अनुदान उद्यम की स्थापना उपरांत दिया जायेगा
सामान्य वर्ग |
प्रथम ऋण वितरण दिनांक से 5 प्रतिशत अनुदान (पांच वर्ष की |
अ.जा./ अ.ज.जा./ अ.पि.वर्ग/ अल्पसंख्यक / महिला / विकलांग / |
प्रथम ऋण वितरण दिनाक से 8 प्रतिशत अनुदान (पांच वर्ष की अवधि |
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना मार्जिन मनी अनुदान (Margin Money Grant)
हितग्राही की श्रेणी |
मार्जिन मनी अनुदान |
सामान्य वर्ग |
बैंको / वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 10 |
अ.पि.वर्ग/ अल्पसंख्यक / महिला / विकलांग / भूतपूर्व सैनिक / |
बैंको/ वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 15 |
अ.जा./ अ.ज.जा. |
बैंको/ वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 25 |
अन्य सुविधायें
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन की अवधि में उद्यमियों को पात्रतानुसार राज्य शासन की तत्समय में प्रचलित औद्योगिक नीति के अनुरूप ब्याज अनुदान (औद्योगिक नीति में प्रावधानित ब्याज अनुदान एवं योजना में प्रचलित ब्याज अनुदान की राशि का अंतर), स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, स्टाम्प शुल्क से छूट, औद्योगिक क्षेत्रा में भू-आवंटन पर प्रीमियम में छूट, परियोजना प्रतिवेदन अनुदान, भूमि व्यपवर्तन शुल्क से छूट, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान, तकनीकी पेटेन्ट अनुदान एवं मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति अनुदान व समय-समय पर उद्योग विभाग की औद्योगिक विकास से संबंधित नीतियों के अंतर्गत देय औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन भी प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की रणनीति
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोज़गार योजना के क्रियान्वयन हेतु ऋण स्वीकृति के पश्चात ऋण वितरण के पूर्व उद्यमी को एक सप्ताह का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा । प्रशिक्षण का व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा।
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों द्वारा तथा राज्य स्तर पर उद्योग संचालनालय द्वारा किया जायेगा ।
- परियोजना की स्थापना हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों में प्रोजेक्ट प्रोफाईल निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे ।
- जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों में एक पृथक स्व-रोजगार सेल स्थापित किया जायेगा, जिसकी समय-समय पर समीक्षा उद्योग आयुक्त/ संचालक, उद्योग संचालनालय द्वारा की जायेगी ।
- परियोजना की स्वीकृति हेतु प्रत्येक जिले में टास्कफोर्स समितियां गठित की जायेगी, जिनका कार्य पात्र युवा वर्ग की परियोजना की स्थापना हेतु ऋण प्रकरणों में समयावधि में निर्णय लेना होगा अस्वीकृति का कारण भी बताना होगा.
- टास्कफोर्स समिति का स्वरूप निम्नानुसार होगा:
कलेक्टर अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि |
अध्यक्ष |
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत |
उपाध्यक्ष |
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, |
सदस्य |
तीन प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंको के जिला समन्वयक / प्रतिनिधि |
सदस्य |
जिला रोजगार अधिकारी |
सदस्य |
सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम संस्थान के प्रतिनिधि / आई.टी.आई./ |
विशेष आमंत्रित सदस्य |
महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, |
सदस्य सचिव |
- इस समिति का कोरम चार सदस्यों का होगा किन्तु अध्यक्ष या उपाध्यक्ष में से किसी एक की उपस्थिति अनिवार्य होगी ।
- इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक युवाओं को लाभ प्रदान करने हेतु केवल एकल स्वामी से संबंधित आवेदन ही स्वीकार किये जावेंगे, अर्थात् साझेदारी कंपनी / सहकारी समितियां आवेदन नहीं कर सकेंगे ।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना पात्रता
मुख्यमंत्री युवा स्वरोज़गार योजना की पात्रता हेतु निम्नांकित अर्हतायें आवश्यक हैं:-
- आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी हो।
- आवेदक न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हो ।
- आवेदक की आयु आवेदन दिनांक को 18 से 35 वर्ष के मध्य हो। (अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / महिला/ निःशक्तजन उद्यमी / नक्सल प्रभावित परिवार के सदस्य / सेवानिवृत्त सैनिक हेतु अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट)
- आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक / वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक का चूककर्ता (defaulter) नहीं हो।
- एक परिवार से मात्र एक व्यक्ति ही आवेदन कर सकेगा अर्थात इस योजना का लाभ एक परिवार में एक ही व्यक्ति को मिलेगा
- आवेदक के परिवार की वार्षिक आय Rs. 3,00,000/- से अधिक नही हो (परिवार की परिभाषा में आवेदक के पति/पत्नि एवं बच्चे सम्मिलित होंगे (आवेदक के अविवाहित होने की स्थिति में आवेदक के माता-पिता, अविवाहित भाई-बहन की आय भी सम्मिलित होगी)
- आवेदक जिन्होंने प्रमरोयो, प्रमरोसृका या भारत सरकार / राज्य शासन की किसी अन्य योजना के अन्तर्गत अनुदान का लाभ लिया हो, पात्र नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रक्रिया
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन हेतु निम्नानुसार प्रक्रिया अपनायी जायेगी :
- आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में आवश्यक सहपत्रों सहित प्रस्तुत किया जायेगा. आवेदन पत्र निःशुल्क होगा।
- प्राप्त सभी आवेदन पंजीबद्ध किये जायेंगे। अपूर्ण आवेदन पूर्ण करने हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा आवेदक को 15 दिवस का समय दिया जायेगा। निर्धारित समयावधि में आवेदन पूर्ण न करने पर आवेदन लौटा दिया जायेगा ।
- आवेदन के साथ प्रस्तावित गतिविधि की प्रोजेक्ट प्रोफाईल (संक्षिप्त परियोजना प्रतिवेदन) भी संलग्न की जायेगी ।
- जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में प्राप्त आवेदन पत्र टास्कफोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे। टास्कफोर्स समिति आवेदक की योग्यता, अनुभव, तकनीकी योग्यता, कौशल परियोजना की व्यवहार्यता आदि के आधार पर साक्षात्कार उपरांत अनुमोदन प्रदान करेगी। अनुमोदित प्रकरण संबंधित बैंकों को ऋण स्वीकृति हेतु अग्रेषित किये जायेंगे।
- बैंकों / वित्तीय संस्थाओं द्वारा 30 दिवसों के समयावधि में प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा व आवेदक को उसकी सूचना दी जावेगी ।
- योजना अंतर्गत स्थापित उद्यम का निरीक्षण जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों द्वारा किया जा सकेगा।
ऋण राशि की वसूली
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन हेतु ऋण राशि की वसूली निम्नानुसार की जा सकेगी:-
- गलत / भ्रामक जानकारी अथवा गलत तरीके से सहायता प्राप्त करने पर हितग्राही से समस्त राशि विधि मान्य तरीकों से एकमुश्त वसूल की जायेगी ।
- ऋण राशि का दुरूपयोग पाये जाने की स्थिति में भू-राजस्व बकाया की तरह वसूली की कार्यवाही भी वित्तीय संस्था द्वारा भी की जा सकेगी।
- ऋण / ब्याज के पुर्नभुगतान / भुगतान में डिफाल्ट करने की स्थिति में योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा दिये जाने वाले आर्थिक निवेश प्रोत्साहन भी भू-राजस्व बकाया की तरह वसूली योग्य होंगे, तथा उक्त परिस्थिति में भविष्य में दी जाने वाली यता भी देय नहीं होगी।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत निषिद्ध कार्यों की सूची :-
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित क्रियाकलापों को सम्मिलित नहीं किया जायेगा :
- मीट (स्लॉटर किया हुआ) से जुड़े उद्योग / रोजगार अर्थात् मीट का प्रसंस्करण, डिब्बाबंद या मांसाहारी खाद्य पदार्थ सर्व करना / बिक्री करना । बीड़ी, पान, सिगार, सिगरेट तम्बाकू आदि नशीली वस्तुओं का उत्पादन और बिक्री, कोई ऐसा होटल या ढाबा जहाँ शराब सर्व किया जाता हो, कच्चे माल के रूप में तम्बाकू का प्रयोग, ताड़ी बेचना
- रेशम पालन (ककूनपालन) बागवानी, हार्वेस्टर सहित पुष्पोद्यानिकी, मत्स्य पालन, शूकरपालन, मुर्गीपालन जैसे पशुपालन कार्य
- पर्यावरणीय समस्याएं पैदा करने वाली परियोजनाएं 20 माइक़ान से कम मोटाई वाली पॉलिथिन की थैलियों का निर्माण और पुनः चक्रीकृत प्लास्टिक से बने थैले व अन्य उत्पाद
लक्ष्य पूर्ति
- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण उद्योग संचालनालय द्वारा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी से चर्चा उपरांत किया जायेगा।
- योजना अन्तर्गत कुल निर्धारित लक्ष्य में से न्यूनतम 40 प्रतिशत आवेदन विनिर्माण उद्यम क्षेत्र में न्यूनतम 20 प्रतिशत आवेदन सेवा उद्यम क्षेत्र में तथा न्यूनतम 20 प्रतिशत आवेदन व्यवसाय क्षेत्र में स्वीकृत किये जायेंगे।
- निर्धारित लक्ष्य में से 50 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति अ.जा./अ.ज.जा./ अ.पि.वर्ग महिला/ विकलांग / नक्सल प्रभावित / भूतपूर्व सैनिक वर्ग से की जायेगी।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का क्रियान्वयन
- इस योजना के क्रियान्वयन हेतु वाणिज्य एवं उद्योग विभाग नोडल एजेंसी होगा तथा जिला स्तर पर जिला व्यापार एव उद्योग केन्द्रों द्वारा इसका क्रियान्वयन किया जायेगा।
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश / मार्गदर्शन उद्योग संचालनालय द्वारा जारी किये जा सकेंगे ।
- योजना की समीक्षा उद्योग संचालनालय द्वारा की जायेगी।
- योजना की कार्यावधि में राज्य शासन को यह अधिकार होगा कि इस योजना में नये प्रावधानों का समावेश / संशोधन / अंकित प्रावधानों का विलोपन करे।
- जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति से प्राप्त संदर्भ राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी में विचार हेतु रखे जायेंगे एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी में भी इस योजना के लक्ष्य पूर्ति समस्याओं आदि पर विचार कर निर्णय लिया जायेगा ।