Mushar Awas Yojana डेढ़ दशक से अधूरी पड़ी है मुसहर आवास योजना
सरकारी परियोजनाएं शुरू तो होती हैं धूमधाम से, कितु इनमें से तमाम बीच रास्ते में ही दम तोड़ देती हैं। विकास खंड सुइथाकलां में भी ऐसी ही एक अधूरी परियोजना है वनवासी समुदाय को एक साथ एक परिसर में एक अदद छत मुहैया कराने की। जो शुरू तो हुई, लेकिन आज तक पूर्ण नहीं हो सकी।
डेढ़ दशक पहले वर्ष 2005-06 में जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग यादव के कार्यकाल में शुरू हुई यह परियोजना आज भी अधूरी है। हालांकि इस बीच प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आवास का लाभ मिलने से ज्यादातर वनवासियों को छत तो नसीब हो गई, लेकिन मजे की बात तो यह है कि इतना पैसा खर्च करके अधूरी पड़ी इस योजना के बारे में वर्तमान समय में कोई कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। मसलन किस विभाग ने इस परियोजना को शुरू की। लागत कितनी थी। आखिर क्या कारण रहा कि यह डेढ़ दशक से अधूरी ही पड़ी रह गई। इनमें से किसी भी सवाल का जवाब आज भी विकास खंड से लगायत जिले के आला अधिकारियों तक किसी के पास नहीं है।
परियोजना में वनवासी समुदाय के लिए 20-20 आवास व एक सामुदायिक भवन का निर्माण होना था। जोर-शोर से शुरू हुई इस योजना जैसे-तैसे आगे बढ़ी और फिर आधी-अधूरी ही रह गई। वनवासी समुदाय के सोहन कहते हैं कि, वर्तमान समय में मुख्यमंत्री आवास मिलने से किसी तरह छत तो नसीब हो गई लेकिन लाखों की लागत के बावजूद अधूरी पड़ी यह योजना आज भी हमारे समुदाय को मुंह चिढ़ा रही है। ग्राम्य विकास के पास उक्त परियोजना की कोई जानकारी नहीं
यह परियोजना संभवत: नगर विकास से संचालित थी। यहां ग्राम्य विकास के पास उससे संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।