Indian women now prefer investment in ready homes in real estate 71% महिला खरीदारों को पसंद तैयार घर

Indian women now prefer investment in ready homes in real estate 71% महिला खरीदारों को पसंद तैयार घर

Most Indian women now prefer investment in real estate over investment in gold, stocks or even fixed deposits, according to a recent survey by real estate consultant ANAROCK.

The survey notes that women’s preference for real estate has risen post Covid-19 – from 57 per cent votes in the pre-pandemic survey to 62 per cent in the current edition.

ready homes in real estate

“The survey reveals that many Indian women now consider housing not just the bedrock of financial security but also essential to diversify their investment portfolios. As many as 62 per cent of women respondents confirmed housing as their preferred asset class – even more than men,” said Prashant Thakur, Director & Head – Research, ANAROCK Property Consultants.

Of the total of 3,900 survey participants, 36 per cent of respondents were women. About 82 per cent surveyed women respondents plan to buy a home for their personal use, and 18 per cent for investments. Among men respondents, the end-use to investment ratio was 68:32. 

The survey added that over 70 per cent of women consider present times to be an ideal time to buy a property.

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At least 66 per cent of women respondent home seekers will buy within affordable & mid-segment housing (less than Rs 90 lakh budget).

Owing to record drop in interest rate and reduction in stamp duty and circle rates in select cities, demand for housing units and commercial spaces have gone up significantly in recent months.

In February 2021 alone, properties worth Rs 11,745 crore were sold in Mumbai, up by 34 per cent year-on-year, noted Propstack. 

In the current times, various government policies support women homeownership.

For instance, to avail homes under the government’s flagship scheme Pradhan Mantri Awas Yojna (PMAY), homes have to be mandatorily registered either in a woman’s name or with women as co-owners. 

महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी एनरॉक के मुताबिक रियल एस्टेट में यह हर रोज मनाया जाता है। कंपनी के मुताबिक मौजूदा समय में महिलाएं घर खरीदारी में मुख्य भूमिका में हैं। हालिया सर्वेक्षण में एनरॉक ने पाया कि करीब 71% महिलाएं तैयार खरीदना ज्यादा पसंद करती हैं। तैयार घर के लिए रुचि रखने वाले पुरुष और महिलाओं की कुल संख्या करीब 29% रही।

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट पर महिलाओं की रुचि बढ़ी

फरवरी में किया गया यह सर्वे ग्राहकों के सेंटिमेंट पर आधारित है। इसमें 3,900 लोगों को शामिल किया गया। इसमें 39% महिलाएं रहीं। खास बात यह है कि कोरोना पूर्व सर्वे में रियल एस्टेट में निवेश पर 57% महिलाओं ने वोट किया, जबकि ताजा सर्वे में बढ़कर 62% हो गया। सर्वे के मुताबिक ज्यादातर महिला घर खरीदार तैयार प्रॉपर्टी को प्राथमिकता दे रहीं हैं, जो दर्शाता है कि वे अधूरे प्रॉपर्टी में निवेश से बच रहीं हैं।

एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के रिसर्च हेड और डायरेक्टर प्रशांत ठाकुर ने कहा कि भारतीय महिलाएं अब फाइनेंशियल सिक्योरिटी के बजाय निवेश पोर्टफोलियो को विविध बना रही हैं। करीब 62% महिलाएं रियल एस्टेट को प्राथमिकता दिया, जबकि सर्वे में शामिल 54% पुरुषों ने शेयर बाजार, FD और गोल्ड में निवेश की इच्छा जताई।

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BHK फॉर्मेट में प्रॉपर्टी खरीदना ज्यादा पसंद

खास बात यह है कि करीब 66% महिलाएं 90 लाख रुपए तक की प्रॉपर्टी में रुचि रखती हैं, जबकि 5% महिलाएं 2.5 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी में निवेश करने को इच्छुक रहीं। रियल एस्टेट प्रॉपर्टी में ज्यादातर महिलाएं बेडरूम, किचन और हॉल (BHK) फॉर्मेट में खरीदारी करना पसंद करती हैं। इसमें करीब 46% महिलाएं 3BHK, केवल 30% 2BHK और 10% 4BHK के लिए इंट्रस्टेड रहीं। सर्वे में शामिल 82% महिलाएं घर खरीदारी पर्सनल इस्तेमाल और 18% निवेश के लिहाज से करती हैं, जबकि पुरुषों में यह रेशियो 68:32 रहा।

सरकारी योजनाओं से भी मिल रही मदद

सरकार भी कई नीतियों के जरिए महिलाओं को घर की ओनरशिप देने के प्रयास में है। इसके लिए 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना को लॉन्च किया था, जिसके तहत महिला को को-ओनर बनाना अनिवार्य है। इसके अलावा खरीदारी के समय महिलाओं को स्टैंप ड्यूटी को कम देने की व्यवस्था दी गई है। कई बैंक पुरुषों की तुलना में महिलांओं को कम ब्याज दर पर लोन देते हैं। दोनों के बीच करीब 0.25% का अंतर होता है। इसमें SBI, ICICI बैंक, HDFC बैंक और अन्य शामिल हैं।

Source: https://www.newindianexpress.com

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