Fraud under Pradhan Mantri Awas Yojana पीएम आवास योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा
आगरा की लोहामंडी की राज नगर नई आबादी में 10-10 रुपये के स्टांप पर पीएम आवास योजना से 2-2 लाख रुपये की किस्तें रेबड़ियों की तरह अपात्रों को बांटी गई। तीन-तीन बार सर्वे हुआ फिर भी सर्वेयर आंख मूंद रहे। बिना भूस्वामित्व जांचे अपात्रों को पात्र बनाकर रेलवे भूमि पर पीएम आवास निर्माण के लिए पैसा जारी कर दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा ‘अमर उजाला’ ने 25 फरवरी के अंक में किया था। इससे प्रशासन में हड़कंप मचा। डीएम प्रभु एन सिंह ने कार्यालय जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) परियोजना अधिकारी मुनीष राज को जांच के आदेश दिए हैं। परियोजना अधिकारी ने बताया कि राज नगर में रेलवे लाइन किनारे झोपड़ियों में रहने वाले अपात्रों से भूस्वामित्व के नाम लखनऊ की कार्यदायी संस्था सरयू बाबू इंजीनियरिंग प्रालि ने 10-10 रुपये के स्टांप पर शपथ पत्र लिए थे। जमीन का बैनामा व खरीद-फरोख्त संबंधी दस्तावेज नहीं जांचे।
पीएम आवास योजना में आवेदन स्वीकृति के बाद तीन बार सर्वे होता है। राज नगर में भी पहले सरयू बाबू इंजीनियरिंग प्रालि ने पात्रता सर्वे किया। फिर नगर निगम टीम ने सत्यापन किया। तीसरी बार किस्त जारी करने से पहले फिर कार्यदायी संस्था सरयू बाबू के सर्वेयर शैलेंद्र कुमार ने सर्वे किया। तीनों बार सर्वें में सर्वेयर आंख मूंदे रहे।
काली सूची में जा सकती है सर्वे फर्म
डूडा की कार्यदायी संस्था सरयू बाबू को काली सूची में डाला जा सकता है। डूडा परियोजना अधिकारी मुनीष कुमार ने बताया कि संस्था द्वारा किए सभी सर्वे की जांच के लिए टीम बनाई है। उन्होंने कहा सर्वेयर के स्तर से बड़ी लापरवाही रही। शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। फर्म के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।