मुख्य मंत्री घर घर राशन योजना Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana
खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता कार्यकलाप विभाग
मुख्य मंत्री घर घर राशन योजना
1. पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लोगों को सस्ती कीमतों पर पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की पहुंच सुनिश्चित करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा प्रदान करता है । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टी.पी.डी.एस.) के द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर ग्रामीण आबादी के 75 प्रतिशत तक और शहरी आबादी के 50 प्रतिशत तक कवरेज प्रदान करता है । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली केन्द्र और राज्य सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी के तहत् संचालित की जाती है । भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से केन्द्र सरकार के पास राज्य सरकारों को खाद्यान्न की खरीद, भण्डारन, परिवहन और थोक आबंटन की जिम्मेदारी है | राज्य के भीतर आबंटन, पात्र परिवारों की पहचान, पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न का वास्तविक वितरण सुनिश्चित करने सहित परिचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है । वर्तमान में, दिल्ली में प्राथमिकता परिवार कार्डधारक प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन (4 किलो गेहूँ एवं 4 किलो चावल) जिसमें रुपये 3/- प्रति किलो चावल और रुपये 2/- प्रति किलो गेहूँ प्राप्त करने के हकदार है । अन्तोदय अन्न योजना के तहत परिवारों को प्रति माह 35 किलो खाद्यान्न (25 किलो गेहूँ एवं 109 किलो चावल) उसी रियायती मूल्य पर मिलता है । उन्हें प्रति माह प्रति परिवार एक किलो चीनी जिसका दाम रुपये 43.50 प्रति किलो है, भी मिलती है ।
आपूर्ति श्रृंखला संचालन का प्रबन्धन करने के लिये जिसमें भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्न को उचित मूल्य के दुकानों तक पहुंचाना शामिल है, विभाग दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड की सेवाओं का लाभ उठाता है, जो पूरी तरह से सरकारी स्वामित्व वाली संस्था है | दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड छह भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से गेहूँ और चावल तथा दिल्ली में स्थित दो राज्य के स्वामित्व वाले गोदामों से चीनी के परिवहन के लिये जिम्मेदार है। वर्तमान में दिल्ली में इन खाद्यान्नों का वितरण टी.पी.डी.एस. लाभार्थियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दिशाननिर्देशों के अनुसार विभाग द्वारा नियुक्त लगभग 2000 से अधिक लाइसेंस प्राप्त उचित मूल्य की दुकानों (एफ.पी.एस.) के नेटवर्क के द्वारा किया जाता है ।
2. लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन का घर पर वितरण
दिल्ली में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने और लाभार्थी के मासिक राशन को पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने राज्य में “मुख्य मंत्री घर घर राशन योजना” अपने कैबिनेट निर्णय संख्या-2561 दिनांक 06.03.2018, 2857 दिनांक 21.07.2020 और 2878 दिनांक 09.10.2020 के द्वारा कार्यान्वित करने जा रही है । नयी योजना यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनायी गयी है कि सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की वास्तविक मात्रा का वितरण वास्तविक लाभार्थी के द्वार पर किया जा सके | इस योजना में गेहूँ की बजाय गेहूँ के आटे के पैकेट का वितरण शामिल है | साथ ही, लाभार्थियों को पहले से ज्यादा साफ और पैक किया हुआ चावल भी वितरित किया जायेगा ।
3. घर द्वार राशन पहुंचाने का ढांचा
नयी योजना, मुख्य मंत्री घर घर राशन योजना के तहत दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित मिलरों से खाद्यान्न को भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से मिल इकाइयों में पहुंचाया जायेगा, जहाँ गेहूँ को (चक्की) गेहूँ के आटे में परिवर्तित किया जायेगा और आवश्यकतानुसार अलग-अलग वजन के पैकेट में पैक किया जायेगा | इसी तरह चावल को भी गोदाम से प्रसंस्करण इकाइयों में ले जाया जायेगा जहाँ इसे साफ किया जायेगा और आवश्यकतानुसार अलग-अलग वजन के पैकेट में पैक किया जायेगा | इन पैकड खाद्य वस्तुओं को मिलर द्वारा एफ.पी.एस. को वितरित किया जायेगा जो आगे इसे लाभार्थियों के द्वार तक पहुंचायेंगें | पैकड वस्तुओं (गेहूँ का आटा और चावल) को वितरण ई-पीओएस उपकरणों का उपयोग करके सफल बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के बाद ही किया जायेगा । अनुदानित खाद्यान्नों की लागत और मिलिंग /रूपान्तण शुल्क के रूप में एक निर्धारित राशि लाभार्थियों से ली जायेगी ।
यह योजना वैकल्पिक होगी । दिल्ली में मौजूदा टी.पी.डी.एस. योजना के लाभार्थियों से एक विकल्प लिया जायेगा कि वे एम.एम.जी.जी.आर.वाई. के तहत नामांकन करना चाहते हैं या मौजूदा टी.पी.डी.एस. के तहत राशन लेना जारी रखना चाहते हैं। जो लोग एम.एम.जी.जी.आर.वाई. के तहत चयन नहीं कर रहे हैं, उन्हें मौजूदा व्यवस्था के अनुसार राशन मिलता रहेगा । यह विकल्प प्रत्येक वित्तीय वर्ष के शुरुआत में उपलब्ध रहेगा ।
एम.एम.जी.जी.आर.वाई. का कार्यान्वयन दो चरणों में किया जायेगा ।
प्रथम चरण : दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड (डीएसएसएससी लि.) को प्रथम चरण के तहत कार्यान्वयन और निगरानी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है तथा उसे चयनित मिलरों द्वारा भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्नों (गेहूँ और चावल) को उनकी मनोनीत मिलर्स की प्रोसेसिंग इकाइयों तक पहुंचाना होगा, जहाँ पर मिल्ड /संसाधित और पैक किया जायेगा तथा लाभार्थियों को राशन की डोर-स्टेप डिलवरी के लिये नामित उचित मूल्य की दुकानों (एफ.पी.एस.) में पहुंचाया जायेगा ।
Read in English : Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana : Delhi Government
डीएसएसएससी लि. उन मिलर्स को सूचीबद्ध करेगा जो एमएमजीजीआरवाई के लिये मिलिंग और प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना और संचालन करेंगें | ये मिलर्स एफसीआई गोदाम से खाद्यान्न (गेहूं और चावल) को समर्पित मिलिंग और प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाने के लिये जिम्मेदार होंगें | मिलर्स / प्रोसेसिंग यूनिट गेहूँ को साफ करके मिलों द्वारा गेहूँ को गेहूँ के आटे में पीसकर स्टोर करेंगें | इसी तरह चावल को भी सभी अशुद्धियों जेसे तिनके, जूट के रेश इत्यादि से रहित किया जायेगा । गेहूँ का आटा और साफ चावल पैकेजिंग सामग्री के मानक गुणवत्तानुसार पैक किया जायेगा और मिल, बैच का नाम, दिनांक, एक्सपायरी की तिथि अथवा अन्य अनुमोदित सूचना प्रत्येक पैकेट पर मुद्रित की जायेगी | इन पैकेड वस्तुओं को लाभार्थियों के घर वितरण के लिये डी.सी.सी.डब्ल्यू एस. की उचित मूल्य की दुकानों (एफ.पी.एस.) पर दिया जायेगा ।
द्वितीय चरण : दिल्ली कज्यूमर को-ऑपरेटिव होलसेल स्टोर लिमिटेड (डीसीसीडब्लूएस) को दिल्ली के विभिन्न जिलों में उचित मूल्य की दुकानें स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गयी है | इसके अलावा (डीसीसीडब्ल्यूएस) डायरेक्ट टू होम एजेंसी को एंगेज करेगा जो डीसीसीडब्ल्यूएस जुड़ी उचित मूल्य की दुकानों से लाभार्थियों के घर तक वस्तुओं को वितरित करेगी ।
डीसीसीडब्ल्यूएस की उचित मूल्य की दुकानों का उपयोग एमएमजीजीआरवाई के तहत लाभार्थियों को पैकड वस्तुओं के सीधे वितरण के लिये किया जायेगा । डीसीसीडब्ल्यूएस द्वारा नियुक्त डीएचडी एजेंसियाँ लाभार्थियों को पैकड राशन की होम डिलवरी के लिये सीधे उत्तरदायी होगी | डीएचडी एजेंसी एसएमएस के माध्यम से लाभार्थी को अग्रिम सूचना देगी | पैकड राशन ई-पीओएस डिवाइस के माध्यम से अपने सफल बायोमेट्रिक प्रमाणिकरण के बाद ही लाभार्थी को सौंपा जायेगा | एक ई-पीओडी (डिलवरी का प्रमाण) दर्ज किया जायेगा । राशन कार्डधारक खाद्यान्न के अपने पूर्ण अधिकार को एक से अधिक किश्तों में प्राप्त कर सकते हैं ।
योजना से संबंधित शिकायतों के लिये एमएमजीजीआरवाई के तहत एक शिकायत प्रबंधन प्रणाली को प्रावधान होगा। योजना के तहत लाभार्थियों के लिये एक कॉल सेन्टर की भी परिकल्पना की गयी है | डीएचडी एजेंसी लाभार्थियों को समय-समय पर योजना संबंधी विभिन्न जानकारी प्रदान करने का काम भी करेगी |
पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लीकेज » डायवर्जन » प्रतिस्थापन / चोरी आदि को रोकने के लिये विभाग द्वारा इस योजना की बारीकी से निगरानी की जायेगी | एफसीआई से खाद्यान्न उठाने से लेकर मिलिंग /पैकेजिंग तथा लाभार्थी को पैकेड वस्तुएं पहुंचाने तक का सारा काम सीसीटीवी मॉनिटरिंग के तहत किया जायेगा और इन खाद्यान्न के परिवहन में लगे वाहनों में जीपीएस भी लगाया जायेगा ।
यह कैबिनेट निर्णय संख्या-2561 दिनांक 06.03.2018, 2857 दिनांक 21.07.2020 और 2878 दिनांक 09.10.2020 के आधार पर माननीय खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री की पूर्वानुमति से जारी किया जाता है ।