100 New Sainik Schools to Come up in Partnership with NGOs : Union Budget 2021
बजट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 15,000 स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी पहलुओं को शामिल करने का प्रस्ताव
एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों की साझेदारी के साथ 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना की जाएगी
भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन का प्रस्ताव, इसके तहत मानक बनाने, मान्यता देने, नियामक और कोष बनाने का काम होगा
लद्दाख में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी
देश के 15,000 से अधिक स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करेंगे जिससे देश में शिक्षा की गुणवता को मजबूत किया जा सके। साथ ही वह अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्कूल के उदाहरण के रुप में उभरें जिससे एक सर्वश्रेष्ठ नीति को हासिल करने के साथ अन्य स्कूलों को प्रेरित करने व रास्ता दिखाने का काम किया जा सके। ये बात केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कही। साथ ही उन्होंने कहा की 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों के साथ साझेदारी में की जाएगी।
उच्च शिक्षा
वित्त मंत्री ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन का प्रस्ताव रखते हुए इसके समग्र भूमिका निभाने की बात कही गई जिसके 4 मुख्य पक्ष होंगे, मानक बनाना, मान्यता देना, नियामक बनाना और कोष।
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श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि “हमारे कई शहरों में विभिन्न अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो सरकार के समर्थन से चलते हैं। उदाहरण के लिये हैदराबाद, जहां तकरीबन 40 मुख्य संस्थान हैं। इसी तरह 9 अन्य शहरों में हम इसी तरह का एक समग्र ढांचा खड़ा करेंगे जिससे इन संस्थानों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें साथ ही इनकी स्वायत्ता बरकरार रह सके। इस उद्देश्य के लिये एक विशिष्ट अनुदान (ग्लू ग्रांट) की शुरुआत की जाएगी।
लेह में केन्द्रीय विश्वविद्यालय
उन्होंने लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिये लेह में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गठन का प्रस्ताव रखा।
Finance Minister Nirmala Sitharaman on Monday announced in her budget speech that 100 new “Sainik Schools” will come up across the country in partnership with NGOs, private schools, and states.
The main objective of Sainik Schools is to prepare cadets for entry into the armed forces. The Committee on Demands for Grants of the Ministry of Defence prepared its first report in the year 2019-20 and raised several issues regarding the paucity of funds and the lack of centers. It also highlighted the past recommendations and concerns about the participation of girls and the reach of such schools in tribal areas.
The first report available on the website of the Lok Sabha Secretariat apprises that although the performance and standard of Sainik Schools had improved, the main constraint is paucity of funds due to rise in salary of teachers and staff and non-contribution of share by some state governments.
According to reports in the previous years, “The Committee noted that the current course strength of NDA (National Defence Academy) is 341, out of which 87 Sainik School students were selected for 2018-19. The Inspecting Officer, Sainik Schools Society, informed the Committee that on an average, there are 600 vacancies in NDA.”
The report brought to the fore the issue of expansion of the schools and recommended the “expansion of Sainik Schools in remote and far flung areas such as Tribal belts, remote hills and geographical areas where no Sainik School has been hitherto established.”
The Committee was of the opinion that the country does not lack talent in its remote areas and all that inhabitants of these regions need is an opportunity “to prove their worth and serve the country by joining the Forces.”
With the consultation of the states and in partnership with NGOs, the areas will be identified to strengthen the sainik school network.
Sainik schools prepare the students who enter through the All India Sainik School Entrance Examination to lead as officers in the defence services of the country. The Sainik Schools Society is an organization under the Ministry of Defence functioning under the chairmanship of the Defence Minister.
Source: PIB
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