Chhattisgarh Pauni Pasari Yojana छत्तीसगढ़ पौनी पसारी योजना

Chhattisgarh Pauni Pasari Yojana छत्तीसगढ़ पौनी पसारी योजना 

CG Pauni Pasari Yojana (पौनी पसारी योजना) 2020 has been launched by the Chhattisgarh government. In this Pauni Pasari Scheme, the state govt. will focus on giving boost to traditional businesses and to create employment opportunities. This would be done by providing space in markets of urban bodies as well as to enable beneficiaries to setup their business. Around 12,000 people would get jobs through this Pauni Pasari Scheme 2020.

Chhattisgarh Pauni Pasari Yojana

CG Pauni Pasari Yojana 2020

In the meeting headed by CM Bhupesh Baghel on 5 December 2020, the Chhattisgarh govt. has decided to relaunch CG Pauni Pasari Yojana 2020. Through this scheme, the state govt. will provide livelihood opportunities to citizens and youths in around 168 urban bodies.

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Beneficiaries / Associated Works in Pauni Pasari Yojana 2020

Here is the list of beneficiaries as well as their associated works which are included in CG Pauni Pasari Yojana 2020:-

  • Making of Clay pots – potters (कुम्हार)
  • Washing of Clothes – washermen (कपड़े धोने वाले)
  • Making of Shoes – cobblers (जूते चप्पल बनाने वाले)
  • Works related to wood (लकड़ी से सम्बंधित कार्य)
  • Producing animal feed (पशुओं के लिए चारा)
  • Producing vegetables (सब्जी भाजी उत्पादन)
  • Knitting clothes – weavers (कपड़ों की बुनाई)
  • Stitching Clothes – tailors (कपड़ों की सिलाई)
  • Making of blankets (कंबल बनाने वाले)
  • Making of sculptures (मूर्तियां बनाने वाले)
  • Flowers business (फूलों का व्यवसाय)
  • Making Worship Material (पूजन सामग्री बनाने वाले)
  • Bamboo Basket business (बांस का टोकना)
  • Haircut – barber (केशकर्तन)
  • दोना पत्तल बनाने वाले
  • Making of Mats (चटाई बनाने वाले)
  • Jewellers (आभूषण बनाने वाले)
  • Makers of beauty materials (सौंदर्य सामग्री बनाने वाले)

Need for Pauni Pasari Yojana

Now a days in markets, we see a lot of toys made from machines, new crafts, things made from painting. But earlier these things were made from hands of some specially talented persons. The life of such talented persons was easy previously but with the interference of technology, such talented people suffered financially. For years, people doing traditional work have given their services in society and in order to improve financial conditions of such people, CG govt. has relaunched Pauni Pasari Yojana.

In the race of modernization, the popular Pauni Pasari system in Chhattisgarh is losing its importance and is getting extinct. Earlier, this system was absorbed in culture of CG state. From ancient times, this Pauni Pasari system was a source of employment and earning income for people associated with traditional businesses. Both the urban and rural lives were dependent on it and even in the modern times, the Pauni Pasari system is still relevant. So, the state govt. has restarted the Pauni Pasari Yojana 2020 in Chhattisgarh state.

छत्तीसगढ़ पौनी पसारी योजना 

छत्तीसगढ़ सरकार परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ‘पौनी पसारी योजना प्रारंभ कर रही है। इस योजना के तहत नगरीय निकायों के बाजारों में जगह उपलब्ध कराए जाने के साथ ही व्यवसाय की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस योजना से लगभग 12 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ‘पौनी पसारी’ योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के जरिए सभी 168 नगरीय निकायों में जनसामान्य और युवाओं को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

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इस योजना के तहत लोहारी, कुम्हारी, कोष्टा, बंसोड़ आदि का परंपरागत व्यवसाय करने के लिए नगरीय निकाय क्षेत्रों में चबूतरा एवं शेड निर्माण कराया जाएगा। गौरतलब है कि इन स्थानों को संबंधित लोगों को अस्थायी रूप से किराये पर उपलब कराया जाएगा और उन्हें व्यवसाय करने की सुविधा दी जाएगी। इस योजना में महिलाओं को बराबर की हिस्सेदारी दी जाएगी। कुल 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। इस योजना से 12 हजार से ज्यादा परिवारों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे और आगामी दो साल में 73 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी।

देश के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में भी परंपरागत व्यवसाय का दायरा सिमटता जा रहा है। ऐसे कारोबार से जुड़े लोगों को न तो बाजार मिल पा रहा है और न ही सुविधाएं। परंपरागत कारोबार से जुड़े लोगों के शिक्षा का स्तर कम होने के कारण वे दूसरे क्षेत्र में जीवकोपार्जन का इंतजाम आसानी से नहीं कर पाते हैं। खास यह भी कि छत्तीगसढ़ में परंपरागत व्यवसाय से जुड़े लोगों की संख्या अन्य स्थानों से कहीं ज्यादा है।

Source / Reference Link: https://twitter.com/ChhattisgarhCMO

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