Your dream for home will come true now अपने घर का सपना अब होगा साकार।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, “आवास का मतलब, घर है। सिर्फ चारदीवारें और छत नहीं।” इसी भावना के साथ जून 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई। वर्ष 2022 तक देश के हर पात्र जरूरतमंद परिवार को घर देने का लक्ष्य लेकर चली सरकार अब आर्थिक सहायता के साथ किफायती किराए के मकान की योजना पर भी कर रही है।
अपना खुद का घर हर इंसान का सपना होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में- “गरीबों को अपना घर देने की कोशिश देश में कई दशक से चल रही है। लेकिन हर 10-15 साल में इन योजनाओं में कुछ जुड़ता गया और नाम बदलते गए। थोपे गए नियम ओर पारदर्शिता की कमी के चलते गरीबों को घर देने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।
इसलिए 25 जून 2015 को बिलकुल नए स्वरूप के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत पहले प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत हुई। वर्ष 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 295 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 1.12 करोड़ घर का लक्ष्य लेकर बढ़ी सरकार 6 साल में देशभर में 2.25 करोड़ मकान जरूरतमंदों को सौंप चुकी है। सरकार की तेजी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पीएमएवाई-शहरी में 1.12 करोड़ घरों की जरूरत है जिसमें 1.07 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी जाचुकी है। 67 लाख घरों का निर्माण चल रहा है, जबकि 35 लाख मकानों में लोग रहने लगे हैं। अगस्त में केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति ने 10.28 लाख घरों के निर्माण की मंजूरी दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पक्का घर के लाभाथीं चयन की प्रक्रिया में 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना को आधार बनाया गया है जिसके लिए www.pmayg.nic.in पर लॉगिन कर सकते हैं तो शहरी क्षेत्र में रहने वाले www.pmaymis.gov.in पर लॉगिन करके आवेदन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में आयोजित “गृह प्रवेश’ कार्यक्रम में शामिल लाभार्थियों को नसिर्फ संबोधित किया बल्कि उनसे सीधी बातकी । यहां एकसाथ 1.75 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बनाए गए घर सोंपे गए।
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देश में गरीब, जरूरमंद, पिछड़े वर्ग ही नहीं मध्यम वर्ग तक के मकान का इंतजाम पीएम आवास योजना में सरकार ने किया है। शहर में रहते हैं तो पीएमएवाई-शहरी और ग्रामीण परिवेश में रहते हैं तो पीएमएवाई-ग्रामीण योजना का लाभ उठाकर सम्मानजनक निवास में रहें, योजना में शामिल अन्य स्कीम का भी फायदा एकसाथ उठा सकते हैं।
घर यानी वो जगह, जहां जीवन जीने लायक सारी सुविधाएं उपलब्ध हों। जिसमें परिवार की खुशियां हों, सिर्फ विश्राम के लिए जगह न मिले, बल्कि मान सम्मान ओर परिवार की गरिमा बढ़ाने का भी अवसर मिले। प्रधानमंत्री आवास योजना के मूल में भी यही भाव है। एक बार चार दीवारी आ जाती है, छत आ जाती है तो इंसान के सपनो में जान आ जाती है ओर वो नई नई चीजें करने लगता है। – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
घरों का लक्ष्य |
रजिस्टर |
स्वीकृत |
पूरा किया |
फंड ट्रांसफर |
2,26,98,288 |
1,84,75,380 |
1,71,00,848 |
1,18,21,595 |
1,65,861 करोड़ रुपए |
किसे मिलेगा लाभ, कौन होगा बाहर
किसे मिलेगे लाभ.
- पीएमएवाई-जी में सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना 2011 के आधार पर बेघर, एक या दो कमरों की कच्ची दीवार या कच्ची छत के मकान में रहने वालों को प्राथमिकता के हिसाब से इसी क्रम में लाभ मिलेगे।
- मकान निर्माण के लिए मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपए व पर्वतीय क्षेत्रों में 130 लाख रुपय की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
- आवेदन ओर सहायता के समय मकान के फोटो की जियो टेगिंग की जाएगी। मंजूरी के 7 दिन में मकान निर्माण की पहली किस्त आएगी। 12 महीने में निर्माण पूरा करना होता है।
इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
- पीएमएवाई पक्की छत या पक्की दीवार वाले मकान में रहने वाले परिवार और दो से अधिक कमरों के मकान में रहने वाले परिवार।
- मोटरयुक्त कोई वाहन, मशीनी तिपहिया या 4 पहिया कृषि उपकरण, 50 हजार से अधिक वाले किसान क्रेडिट कार्ड धारक
- लाभार्थी के चयन से लेकर मकान निर्माण व लाभार्थी को घर देने तक की पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिक व पारदर्शी है। पहले गरीब सरकार के चक्कर काटते थे, अब सरकार गरीब तक स्वयं पहुंचती है।
- निर्माण के प्रत्येक चरण पर पूरी निगरानी रखी जाती है। निर्माण जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे- वैसे सरकार सहायता राशि जारी करती है।
- योजना में बनाए गए घरों को महिला के नाम पंजीकृत किया जाता है या फिर गृहस्वामी के साथ महिलाओं का नाम संयुक्त रूप से सम्मिलित किया जाता है।
- पहले कच्चा घर था। अब पक्का दे दिया। अब बाल बच्चों के लिए सही व्यवस्था है। सरकार का सहयोग के लिए धन्यवाद। संतोष, सिंगरोली, मध्य प्रदेश
पीएम आवास योजना-शहरी
यह योजना 25 जून, 2015 को लांच की गई जिसे चार हिस्सों में बांटा गया हे
- इन सिट् रि-डेवलपमेंट( आईएसएसआर): इसमें प्रतिघर एक लाख रुपए की सहायता राशि केंद्र सरकार देती है। प्राइवेट डेवलपर की मदद से स्लम बस्ती में रहने वालों का पुनर्वास करना।
- कमजोर वर्ग को क्रेडिट लिंक सब्सिडी से अफॉर्डेबल हाउसिंग।
- पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में हाउसिंग।
- घरनिर्माण के लिए सब्सिडी बढ़ाना।
ऐसे करें क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम में आवेदन
आप कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर आधार और फोटो के साथ 25 रुपए का शुल्क चुकाकर या खुदआधिकारिक वेबसाइट https://pmaymis.gov.in पर लॉग इन करके आवेदन कर सकते हैं। आधार नंबर और नाम भरकर ना सिर्फ पात्रता का पता चल जाएगा बल्कि खुलने वाले पेज पर अपनी पूरी जानकारी देकर आवेदन कर सकते हें।
आंकड़ों में पीएम आवास योजना-शहरी
- सरकार से मंजूर घरों की संख्या करीब 1.08 करोड़
- कितने घरों के निर्माण का काम चालू करीब 67 लाख
- कितने घरों का निर्माण हो चुका है पूरा करीब 35 लाख
- केंद्र सरकार कितनी देगी सहायता 1.72 लाखकरोड़ रुपए
- केंद्र सरकार जारी कर चुकी राशि 76,753 करोड़ रुपए
- कितना होगा कुल निवेश 6.49 लाख करोड़ रुपए
कौन है योजना का पात्र
- आर्थिकरूप से कमजोर वर्ग(ईडब्ल्यूएस): जिस परिवार की वार्षिक आय 3 लाख तक है। मकान साइज 30 वर्गमीटर।
- कम आय वर्ग(एलआईजी)): ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 3-6 लाख रुपए है।
- मध्यम आय वर्ग (एमआईजी)): ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 12 लाख रुपए से कम है। 2.35 लाख रुपए क्रेडिट लिंक स्क्रीम में सब्सिडी मिल सकती है।
- मध्यम आय वर्ग(एमआईजी) 2: ऐसे व्यक्ति जिनकी सालाना आय 18 लाख रुपए से कम है। वो 2.35 लाख रुपए की क्रेडिट लिंक सब्सिडी का लाभ ले सकतेहें।
- मकान बनाने में मददः 30 वर्ग मीटर तक का मकान जिसमें पानी, सीवर और शौचालय की सुविधा शामिल हो। कम आय वर्ग (एलआईजी ) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(ईडब्ल्यूएस ) से संबंध रखते हैं तो 1 लाख रुपए से 2.30 लाख रुपए ब्याज राशि में सब्सिडी मिलती है। अपने मकान के पुनर्निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपए तक की सहायता मिलेगी।
अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम(एआरएचएस) क्या है
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के तहत किफायती किराए की योजना की शुरुआत भी को गई है। इसमें 30 वर्ग मटर तक के एक बेडरूम सेट, 10 वर्ग मीटर तक के डोरमेट्री ओर एलआईजी 60 वर्ग मीटर तक के दो बेडरूम का सेट सरकार के खाली मकान या पीपीपी मॉडल में प्राइवेट डेवलपर उपलब्ध कराएंगे। प्रवासी मजदूरों को कार्यस्थल के नजदीक ऐसे किराए के मकान मार्च, 2022 से उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है। किराया लोकल मार्केट सर्वे के आधार पर शहरी स्थानीय निकाय ओर संचालक या संस्थाएं खुद तय करेंगी।
किसे मिलेगा फायदा।
प्रवासी मजदूर की श्रेणी में शहरी गरीब, मजदूर, फेरीवाला, रिक्शा वाला, मार्केट एसोसिएशन, शिक्षा या स्वास्थ्य संस्थान में कार्यरत और ईडब्ल्यूएस व एलआईजी श्रेणी के छात्र भी लाभ ले सकेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी में लाभ ले चुके हैं लेकिन वो घर दूसरे शहर में है तो भी इसका लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आधार या सरकार से मंजूरी कागजात जरूरी है।