जाने क्या है किसान रेल योजना (Kisan Rail Yojana) ?

किसान रेल अथवा जाने क्या है किसान रेल योजना (Kisan Rail Yojana) ?भारत सरकार की एक नई पहल है जिसके तहत भारतीय रेलवे किसानों के लिए 7 अगस्त 2020 से “किसान रेल” चला रही है। भारतीय रेलवे फल और सब्जियों के मालवहन के लिए ये नई रेलगाडियाँ चला रही है।

किसान रेल योजना (Kisan Rail Yojana) के तहत सबसे पहली रेल महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलेगी। इस योजना की घोषणा फरवरी में पेश होने वाले बजट में ही कर दी गई थी। जो सब्जी, फल या अन्य कृषि उत्पाद जल्दी ही खराब हो जाते हैं उनको उनके गंतव्य स्थान अथवा मंडियों तक पहुंचाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

  • किसान रेल योजना (Kisan Rail)
  • किसान रेल का रूट
  • किसान रेल योजना का फायदा
  • किसान रेल बुकिंग

किसान रेल योजना (Kisan Rail)

किसान रेल योजना के तहत चलने वाली पहली रेल महाराष्ट्र में देवलाली से बिहार में दानापुर के बीच में 32 घंटे में लगभग 1519 किलोमीटर का सफर तय करेगी।

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किसान रेल का रूट

पहली किसान रेल रूट पर पड़ने वाले चार राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार को इस किसान रेल का फायदा होगा। पहली किसान रेल का रूट कुछ इस प्रकार है

किसान रेल रूट: देवलाली > नासिक रोड > मनमाड > जलगांव > भुसावल > बुरहानपुर > खंडवा > इटारसी > जबलपुर > सतना > कटनी > मानिकपुर > प्रयागराज > पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर > बक्सर > दानापुर

किसान रेल योजना अथवा किसान रेल सेवा भारत में किसानों की आय को दोगुना करने के क्षेत्र में एक नया प्रयास है।

किसान रेल योजना का फायदा

किसान रेल योजना का मुख्य फायदा यह है कि इस योजना से मामूली लागत पर किसानों की फसल की देश के विभिन्न हिस्सों तक ढुलाई में सहायता मिलेगी। परिवहन की अनउपलब्धता के कारण किसानों को जो नुकसान झेलना पड़ता था अब उससे छुट्टी मिलगी।

देश के किसान समुदाय की सेवा के क्रम में, किसान रेल मल्टी कमोडिटीज, मल्टी कंसाइनर्स और मल्टी कंसाइनीज के तहत ढुलाई करेगी। किसान रेल अपने रूट पर पड़ने वाले स्टॉपेज के साथ मूल स्थान – गंतव्य तक जोड़ी में चलेंगी। साथ ही किसानों और व्यापारियों को किसान रेल रूट पर पड़ने वाले सभी स्टॉपेज से लोडिंग / अनलोडिंग की अनुमति होगी।

सामान की ढुलाई की व्यसथा समन्वय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के द्वारा की जाएगी।

किसान रेल बुकिंग

किसान रेल बुकिंग की कोई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है, जैसे ही और कोई अन्य जानकारी उपलब्ध होती है हम यहाँ पर अपडेट करेंगे।

भारतीय रेलवे 07 अगस्त 2020 से एक विशेष साप्ताहिक पार्सल ट्रेन ‘किसान रेल’ की शुरुआत करेगा जोकि देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) के बीच चलेगी

यह कदम वित्त मंत्री द्वारा केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुरूप है उम्मीद है कि यह ट्रेन जल्द खराब होने वाले उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला प्रदान करेगी, जिससे किसानों को बहुत मदद मिलेगी क्योंकि इस ट्रेन का माल-भाड़ा ‘पी’ स्केल पर सामान्य ट्रेन के पार्सल टैरिफ के अनुसार लिया जाएगा

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केन्द्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री ने जल्द खराब होने वाले उत्पादों जिसमें दूध, मांस और मछली शामिल है, के लिए निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की घोषणा की थी। यह भी कहा गया था कि भारतीय रेलवे एक किसान रेल की शुरुआत करेगा।

जैसा कि वित्त मंत्री द्वारा चालू वर्ष के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई है, भारतीय रेलवे कल (7 अगस्त 2020) सुबह 11 बजे देवलाली और दानापुर के बीच देवलाली से पहली किसान रेल शुरू कर रहा है। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय रेल व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी। इस आयोजन में महाराष्ट्र के अन्य गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। यह ट्रेन साप्ताहिक आधार 10+1 वीपीएस की शुरुआती संरचना के साथ चलेगी। यह ट्रेन 31 घंटे 45 मिनट के दौरान 1519 किलोमीटर का सफर तय करके अगले दिन 18 बजकर 45 मिनट पर दानापुर पहुंचेगी।

यह ट्रेन जल्द खराब होने वाले उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला प्रदान करेगी। यह ट्रेन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम है। भारतीय रेलवे का उद्देश्य किसान रेल के शुभारंभ के साथ किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करना है। यह ट्रेन कम समय में सब्जियों, फलों जैसे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करेगी। फ्रोजन कंटेनरों के साथ इस ट्रेन द्वारा जल्द खराब होने वाली चीजों जिसमें मछली, मांस और दूध शामिल है, के लिए एक निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की उम्मीद है।

मध्य रेलवे स्थित भुसावल संभाग एक कृषि आधारित संभाग है। नासिक और आस-पास के इलाकों में बड़ी मात्रा में ताजी सब्जियां, फल, फूल, अन्य जल्दी खराब होने वाली चीजें, प्याज व अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन होता है। इन जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को मुख्यतः पटना, प्रयागराज, कटनी, सतना आदि क्षेत्रों में भेजा जाएगा।

इस ट्रेन का नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीन दायल उपाध्याय नगर और बक्सर में स्टॉपेज होगा।

प्रमुख जोड़ी स्टेशनों के लिए शुल्क दरें निम्नानुसार हैं-

प्रति टन भाड़ा

नासिक रोड/देवलाली से दानापुर

4001 रुपये

मनमाड से दानापुर

3849 रुपये

जलगांव से दानापुर

3513 रुपये

भुसावल से दानापुर

3459 रुपये

बुरहानपुर से दानापुर

3323 रुपये

खंडवा से दानापुर

3148 रुपये

भारतीय रेलवे ने पहले एकल विशेष रेलगाडियां जैसे केला स्पेशल आदि चलायी है लेकिन यह अब तक की पहली मल्टी कमोडिटी ट्रेन होगी और अनार, केला, अंगूर आदि जैसे फल और शिमला मिर्च, फूलगोभी, ड्रमस्टिक्स, पत्तागोभी, प्याज, मिर्च जैसी सब्जियां को लेकर जाएगी। स्थानीय किसानों, लोडरों, एपीएमसी और व्यक्तियों के साथ त्वरित विपणन किया जा रहा है। मांग को एकत्र किया जा रहा है। उम्मीद है कि ट्रेन को अच्छी तरह से संरक्षण दिया जाएगा और किसानों को बहुत मदद मिलेगी, इस ट्रेन का भाड़ा सामान्य ट्रेन (पी स्केल) के पार्सल टैरिफ के अनुसार लिया जाएगा।

Source : PIB

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