यूपी बोर्ड हाईस्कूल मे लड़की और इंटर मे लड़का ने मारी बाजी। up board high school and intermediate result 2020
यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर रिजल्ट जारी कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने लखनऊ स्थित लोकभवन के मीडिया सेंटर से नतीजों ( up board high school and intermediate result 2020 ) की घोषणा की। 10वीं में 83.31 फीसदी और 12वीं में 74.63 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं। हाईस्कूल (10वीं) में बड़ौत-बागपत की रिया जैन ने 96.67 फीसदी मार्क्स के साथ टॉप किया है। जबकि इंटरमीडिएट (12वीं) में बड़ौत-बागपत के अनुराग मलिक ने 97% मार्क्स के साथ टॉप किया है। 10वीं और 12वीं के टॉपर एक ही स्कूल से हैं। इस वर्ष 10वीं और 12वीं दोनों का रिजल्ट पिछले साल से अच्छा रहा है। दोनोें कक्षाओं में लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से बेहतर रहा है। इस बार टॉपर्स को एक लाख रुपये और लैपटॉप का पुरस्कार दिया जाएगा।
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10वीं के टॉपर
- पहले स्थान पर – बड़ौत-बागपत की रिया जैन ने 96.67 फीसदी मार्क्स के साथ टॉप किया है।
- दूसरे नंबर पर- अभिमन्यु वर्मा- पिता-रामहित वर्मा-95. 83%, बाराबंकी
- तीसरे नंबर पर- योगेश प्रताप सिंह- राजेंद्र प्रताप सिंह 95.33%, बाराबंकी
12वीं के टॉपर
- इंटरमीडिएट (12वीं) में बड़ौत-बागपत के अनुराग मलिक ने 97% मार्क्स के साथ टॉप किया है।
- दूसरे स्थान पर – प्रांजल सिंह – 96% – प्रयागराज
- तीसरे स्थान पर – उत्कर्ष शुक्ला, 94.80 – औरैया
यहां पढ़ें यूपी बोर्ड रिजल्ट का लाइव अपडेट
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिनेश शर्मा ने कहा कि पहली बार डिजिटल प्रमाणपत्र व अंकपत्र दिए जाएंगे। 3 दिन के अंदर अंकपत्र मिलेंगे। 15 व 30 जुलाई के आसपास सॉफ्टकॉपी मिलने लगेंगी अंकपत्र की।
- टॉपर्स को एक लाख और लैपटॉप देंगे।
- इस बार हमने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। कॉलसेंटर था। हेल्पलाइन, टि्वटर, भी सक्रिय रहे। चार रंगों की कॉपियां भेजीं। उनमें कोडिंग थी। परीक्षा ड्यूटी को मोबाइल ऐप से लगाया गया।
- इस वर्ष की परीक्षा में इंटरमीडिएट में भी कम्पर्टमेंट परीक्षा का प्रावधान किया जा रहा है। यानी इंटर वालों को भी कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।
- पहले डेढ़ महीने में परीक्षा होती थीं। अब 15 दिन में खत्म होती है। पहले आधा आधा ट्रक नकल सामग्री पकड़ी जाती थी। सामूहिक नकल होती थी।
- उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने एनसीईआरटी का कोर्स लागू किया। यूपी में ढाई साल में शैक्षिक क्रांति आई इससे। उनकी किताबें उपलब्ध कराईं। वेबसाइट पर किताबों के मूल्यों का अंकन किया। सरकारी स्कूलों में सही दामों में किताबों का इंतजाम किया। 15- 20 साल पहले से सस्ते दामों में किताबें मिल रही हैं और पाठ्यक्रम बेहतर हुआ।’
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- डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 52 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षाफल समय से जारी करना सपना था। कठिन परिस्थितियों में परीक्षा करवाईं। 21 दिनों में कॉपियां जांचना और जल्दी परीक्षाफल घोषित करना महालक्ष्य था। रिजल्ट पिछले वर्ष से बेहतर है। दस महीने पहले ही स्कीम दी थी। परीक्षा 12 से 15 दिन में करवाईं। साथ में हमने प्रश्नपत्रों के मॉडल अपलोड किए थे। टोल फ्री हेल्पलाइन लगवाई। नकलविहीन परीक्षा के लिए 95 हजार परीक्षाकक्ष थे। एक लाख से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे राउटर के साथ लगे। हर परीक्षा कैन्द्र व जिले व राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग सेंटर बने।
इस बार 10वीं-12वीं की परीक्षा एक साथ 18 फरवरी को शुरू हुई थीं। 10वीं की परीक्षा 3 मार्च जबकि इंटर की परीक्षा 6 मार्च को समाप्त हुई थी। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मूल्यांकन कार्य बाधित हुआ। इसलिए परीक्षा परिणाम एक माह देरी से जारी हुआ।
Source https://www.livehindustan.com
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