- आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विशेष पैकेज की घोषणा
- पीएम आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की विशेषताएँ
- आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज (लॉकडाउन 4)
- लोकल सप्लाई चैन को और आधुनिक बनाएंगे
- इन पांच पिलर्स पर खड़ा होगा नया भारत
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज की प्रेस कांफ्रेंस
- आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत लिए गए फैसले
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विशेष पैकेज की घोषणा
Aatmanirbhar Bharat Abhiyan Speical Package Details – आपको मालूम होगा कि देश में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी की वजह से लॉकडाउन किया गया है। इस तालाबंदी की वजह से देश का हर नागरिक अपने घरों में कैद सा हो गया है। देश की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है क्योंकि सभी कामकाज बंद पड़े हैं। वैसे ये लॉकडाउन 17 मई को समाप्त होना था, परन्तु कोरोना के खतरे को देखते हुए इसको आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
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पीएम आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की विशेषताएँ
Aatmanirbhar Bharat Abhiyan Package 2020 Highlights: |
|
पहल
का नाम |
आत्मनिर्भर
भारत अभियान पैकेज |
घोषणा
की गयी |
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी जी द्वारा |
घोषणा
हुई |
12
मई , 2020 |
लाभार्थी
|
देश
के सभी नागरिक |
पैकेज
राशि |
20
लाख करोड़ रुपये |
उद्देश्य
|
भारत
को आत्मनिर्भर बनाना |
योजना
प्रकार |
कोरोना
लॉकडाउन राहत पैकेज |
आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज (लॉकडाउन 4)
- उन्होंने कहा की यह विशेष आर्थिक पैकेज (Special Economic Package) हमारे मजदूरों, किसानों, ईमानदार करदाताओं, एमएसएमई और कुटीर उद्योग के लिए है।
- लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में विवरण 18 मई से पहले ज्ञात किया जाएगा, इसे बढ़ाया जाएगा। लेकिन यह पहले के चरणों से बिलकुल अलग होगा।
- वैसे लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है।
- यह कहते हुए कि भारत पिछली सदी में प्रगति के लिए एक उदाहरण रहा है, मोदी जी ने कहा कि देश को कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बाद दुनिया में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है।
- इसके साथ ही पीएम ने जनता को साथ मिलकर कोरोना से लड़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा की हमें खुद को बचाना होगा और अपनी लड़ाई जारी रखनी होगी। हम हार नहीं मानेंगे हमे मिलकर इस बीमारी से लड़ना होगा।
- अंत में प्रधानमंत्री जी ने देश में हुए कुछ अच्छे काम को गिनाते हुए कहा की जब संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट का निर्माण नहीं किया गया था, केवल कुछ एन 95 मास्क उपलब्ध थे, आज दो लाख PPE Kit और 2 लाख N 95 मास्क भारत में दैनिक रूप से निर्मित होते हैं। इसके साथ ही नए वेंटिलेटर का निर्माण भी लगातार हो रहे हैं।
लोकल सप्लाई चैन को और आधुनिक बनाएंगे
इन पांच पिलर्स पर खड़ा होगा नया भारत
New India will stand on these 5 Pillars – पीएम नरेंद्र मोदी जी ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच पिलर्स पर खड़ी होगी।’ जो निम्न प्रकार से है।
- पहला पिलर Economy – एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए।
- दूसरा पिलर Infrastructure – एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने।
- तीसरा पिलर हमारा System – एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो।
- चौथा पिलर हमारी Demography – दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।
- पाँचवाँ पिलर Demand – हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज की प्रेस कांफ्रेंस
प्रवासियों को 2 महीने के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति
- प्रवासी कामगारों के लिए सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को प्रति कामगार दो महीनों यानी मई और जून, 2020 के लिए प्रति महीने प्रति कामगार 5 किलोग्राम की दर से खाद्यान्न और प्रति परिवार 1 किलोग्राम चना का मुफ्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में नहीं आने वाले या राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों में बिना राशन कार्ड वाले ऐसे प्रवासी कामगार इसके पात्र होंगे, जो वर्तमान में किसी क्षेत्र में फंसे हुए हैं। राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को योजना के तहत लक्षित वितरण के लिए एक तंत्र विकसित करने का परामर्श दिया जाएगा। इसके लिए 8 लाख एमटी खाद्यान्न और 50,000 एमटी चने का आवंटन किया जाएगा। इस पर होने वाला कुल 3,500 करोड़ रुपये के व्यय का वहन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।
- राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की पायलट योजना का 23 राज्यों तक विस्तार किया जाएगा। इससे अगस्त, 2020 तक राशन कार्डों की राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबिलिटी के द्वारा 67 करोड़ लाभार्थियों यानी 83 प्रतिशत पीडीएस आबादी को इसके दायरे में लाया जाएगा। 100 प्रतिशत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के लक्ष्य को मार्च, 2021 तक हासिल कर लिया जाएगा। यह पीएम की तकनीक आधारित व्यवस्थागत सुधारों की मुहिम का हिस्सा है। इस योजना से एक प्रवासी कामगार और उनके परिवार के सदस्य देश की किसी भी फेयर प्राइस शॉप से पीडीएस का लाभ लेने में सक्षम हो जाएंगे। इससे स्थान परिवर्तन करने वाले विशेष रूप से प्रवासी कामगार देश भर में पीडीएस लाभ लेने में सक्षम हो जाएंगे।
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- केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों और शहरी गरीबों के लिए सस्ते किराए पर रहने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी। सस्ते किराए के ये आवासीय परिसर प्रवासी श्रमिकों, शहरी गरीबों और छात्रों आदि को सामाजिक सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करेंगे। ऐसा शहरों में सरकारी वित्त पोषित मकानों को रियायती माध्यम से पीपीपी मोड के तहत सस्ते किराए के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) में परिवर्तित करके किया जाएगा। विनिर्माण इकाइयां, उद्योग, संस्थाएं अपनी निजी भूमि पर सस्ते किराए के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) को विकसित करेंगे और उन्हें संचालित करेंगे। इसी तर्ज पर सस्ते किराये के आवासीय परिसरों (एआरएचसी) को विकसित करने और संचालित करने के लिए राज्य सरकार की एजेंसियों / केंद्र सरकार के संगठनों को प्रेरित किया जाएगा। इस योजना का पूरा विवरण मंत्रालय / विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।
शिशु मुद्रा ऋण लेने वालों को 12 महीने के लिए 2 फीसदी ब्याज की छूट – 1,500 करोड़ रुपये की राहत
- भारत सरकार मुद्रा शिशु ऋण लेने वालों में शीघ्र भुगतान करने वालों को 12 महीने की अवधि के लिए 2 फीसदी का ब्याज उपदान प्रदान करेगी, जिनके ऋण 50,000 रुपये से कम के हैं। मुद्रा शिशु ऋणों का वर्तमान पोर्टफोलियो लगभग 1.62 लाख करोड़ रुपये का है। शिशु मुद्रा ऋण लेने वालों को इसमें लगभग 1,500 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
स्ट्रीट वेंडरों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा
- स्ट्रीट वेंडरों पर मौजूदा स्थिति में सबसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, उनको ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा देने के लिए एक महीने के भीतर एक विशेष योजना शुरू की जाएगी ताकि उन्हें अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने में सक्षम बनाया जा सके। इस योजना के तहत प्रत्येक उद्यम के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक कार्यशील पूंजी की बैंक ऋण सुविधा दी जाएगी। यह योजना शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विक्रेताओं को भी कवर करेगी जो आसपास के शहरी इलाकों में व्यवसाय करते हैं। मौद्रिक पुरस्कारों के माध्यम से डिजिटल भुगतानों के उपयोग और समय पर पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसा अनुमान है कि 50 लाख स्ट्रीट वेंडर इस योजना के तहत लाभान्वित होंगे और उन तक 5,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रवाहित होगा।
पीएमएवाई (शहरी) के तहत एमआईजी के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के विस्तार के माध्यम से आवासन क्षेत्र और मध्यम आय समूह को 70,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन
- क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को मध्यम आय समूह के लिए (6 से 18 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय) मार्च 2021 तक बढ़ाया जाएगा। इससे 2020-21 के दौरान 2.5 लाख मध्यम आय वाले परिवारों को लाभ होगा और आवासन क्षेत्र में 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। आवास क्षेत्र को बढ़ावा देकर ये बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा करेगा और इस्पात, सीमेंट, परिवहन व अन्य निर्माण सामग्री की मांग को प्रोत्साहित करेगा।
कैम्पा फंड का उपयोग करते हुए रोजगार सृजन के लिए 6000 करोड़ रूपये
- क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के अंतर्गत लगभग 6000 करोड़ रुपये की निधियों का उपयोग शहरी क्षेत्रों सहित वनीकरण एवं वृक्षारोपण कार्यों, कृत्रिम पुनरुत्पादन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक पुनरुत्पादन, वन प्रबंधन, मृदा एवं आर्द्रता संरक्षण कार्यों, वन सरंक्षण, वन एवं वन्यजीव संबंधी बुनियादी सुविधाओं के विकास, वन्यजीव संरक्षण एवं प्रबंधन आदि में किया जाएगा। भारत सरकार 6000 करोड़ रुपये तक की इन योजनाओं को तत्काल स्वीकृति प्रदान करेगी। इससे शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में और जनजातीय (आदिवासियों) के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी
- ग्रामीण सहकारी बैंकों और आरआरबी की फसल ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए नाबार्ड 30,000 करोड़ रुपये कीअतिरिक्त पुनर्वित्तीयनसहायता प्रदान करेगा।यह पुनर्वित्त फ्रंट-लोडेड (असमान रूप से आवंटित) और मांग के अनुसार प्राप्य होगा।यह 90,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त राशि है, जो सामान्यत: इस क्षेत्र को नाबार्ड द्वारा प्रदान की जाएगी। इससे लगभग 3 करोड़ किसानों को फायदा होगा, जिनमें ज्यादातर छोटे और सीमांत हैं और इससे उनकी रबी की फसल कटाई के बाद और खरीफ की मौजूदा जरूरते पूरी होंगी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रोत्साहन
- यह पीएम-किसान के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से रियायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान है। मछुआरे और पशुपालक किसान भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे। इससे कृषि क्षेत्र में 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी।इसके तहत 2.5 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
Source : PIB
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