NEET for Admission to Medical Colleges चिकित्सा शैक्षणिक संस्थानों म एकसमान प्रवेश परीक्षा

Indian Medical Council Act, 1956 prescribes conducting of a uniform entrance examination namely National Eligibility cum Entrance Test (NEET) to all medical educational institutions at undergraduate and post-graduate level नीट परीक्षा संचालित करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 के उपबंध बिना किसी छूट के देशभर म लागू होंगे।
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भारत सरकार
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग

लोक सभा

तारांकित प्रश्न संख्या : 291
13 माच, 2020 को पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर
चिकित्सा महाविद्यालयों म प्रवेश हेतु राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा
श्री कौशलेन्द्र कुमार
क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री यह बताने को कृपा करगे किः
(क) क्या सरकार को राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के संबंध म मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा को गई टिप्पणियों को जानकारी है;
(ख) याद हां, तो इस मामले म माननीय उच्च न्यायालय को टिप्पणियों का ब्यौरा कया है; और
(ग) इस संबंध म सरकार द्वारा क्या कारवाई को जा रही है?
उत्तर
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री 
(डॉ. हष वधन)
(क) से (ग) विवरण सदन के पटल पर रख दिया गया है। दिनांक 13 माच, 2020 को पूछे जाने वाले लोक सभा तारांकित प्रश्न सं. 291 के उत्तर  मे उल्लिखित विवरण
(क) से (ग) भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 को धारा 10घ म स्नातक और स््लरातकोत्तर स्तर पर सभी चिकित्सा शैक्षणिक संस्थानों म एकसमान प्रवेश परीक्षा नामत: राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) के संचालन को विहित किया गया है। नीट परीक्षा संचालित करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 के उपबंध बिना किसी छूट के देशभर म लागू होंगे।
मद्रास उच्च न्यायालय ने दिनांक 4.11.2019 को डब्ल्यू ए संख्या 2931/2019 म पारित अपने आदेश म नीट परीक्षा के संबंध म यह टिप्पणी को थी कि जो अभ्यर्थों अनेक बार परीक्षा म बैठते ह वह प्रथम वष परीक्षा देने वाले अर्भ्याथयों को तुलना म कहों अधिक संख्या म दाखिला पाते ह और यह भी नोट किया कि कोचिंग लिए बिना नाममात्र के अभ्यर्थों ही दाखिला पाने म सफल होते है। 
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तथापि, माननीय उच्चतम न्यायालय ने 2013 को टी.सी.(सी)98 म 2013 को आर.पी. 2159-2268 मे दिनांक 11.4.2016 के आदेश के द्वारा नीट परीक्षा के संचालन को अनुमति दी थी। इसके अलावा, दिनांक 09.05.2016 के आदेश के द्वारा शीष न्यायालय ने यह भी निणय दिया था कि केवल नीट परीक्षा से ही एमबीबीएस या बीडीएस कोस म छात्रों के दाखिले का निधारण होगा। तदनुसार, भारतीय चिकित्सा अधिनियम, 1956 म धारा 10घ को जोड़ा गया।
तमिलनाडु राज्य को नीट परीक्षा से छूट दिलाने के लिए राज्य विधानसभा द्वारा पारित किए गए और राष्ट्रपति को सहमति के लिए प्रस्तुत किए गए तमिलनाडु एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों म प्रवेश विधेयक, 2017 और तमिलनाडु मेडिसिन और डटिस्ट्री म स्नातकोत्तर विधेयक, 2017 को गृह मंत्रालय ने इस मंत्रालय को टिप्पणियां मंगाने के लिए अग्रेषित किया है। चूंकि प्रस्तावित विधेयकों के उपबंध भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 को धारा 10घ तथा डॉटिस्ट अधिनियम, 1948 के सीधे उल्लंघन म ह, इसलिए मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई है और इसको सूचना गृह मंत्रालय को दे दी है।
इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु राज्य द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद (तमिलनाडु संशोधन) अध्यादेश, 2017 और डंटिस्ट (तमिलनाडु संशोधन) अध्यादेश, 2017 के प्रर्यापन के लिए राष्ट्रपति जी के पूव अनुदेश प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किए गए इन विधेयकों को गृह मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय को टिप्पणियों के लिए भेजा था। इस मंत्रालय ने प्रस्तावित अध्यादेशों का भी समथन नहों किया था।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक के मसौदे म राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए प्रावधान किया गया था। तमिलनाडु राज्य सरकार ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी विभागीय संसदीय स्थायी समिति को दिए अपने अभ्यावेदन म नीट पर कुछ आपत्तियां जताई थों। स्थायी समिति ने इन आपत्तियों का संज्ञान लिया और पयाप्र विचार-विमश के बाद एनएमसी विधेयक, 2017 पर अपनी 109वों रिपोट म सिफारिश को कि सभी चिकित्सा संस्थानों म स्नातक मेडिकल शिक्षा म दाखिले के लिए एक ही राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा का संचालन किया जाए। इसके बाद, संसद ने विधेयक पर विचार-विमश किया और एनएमसी अधिनियम को नीट के प्रावधान के साथ पारित किया और यह अधिनियम 8 अगस्त, 2019 को कानून बन गया।
उपयुक्त के मद्देनजर, उक्त मामले को माननीय उच्चतम न्यायालय और भारत को संसद द्वारा पहले ही निपटा लिया गया है।
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE 
DEPARTMENT OF HEALTH AND FAMILY WELFARE

LOK SABHA 
STARRED QUESTION NO. 291
ANSWERED ON THE 13TH MARCH, 2020

NEET FOR ADMISSION TO MEDICAL COLLEGES
SHRI KAUSHALENDRA KUMAR
 state: Will the Minister of HEALTH AND FAMILY WELFARE be pleased to
(a) whether the Government is aware of the observations of Madras High Court with regard to the National Eligibility-cum-Entrance Test (NEET);
(b) if so, the details of the observations of the Hon’ble High Court in the matter;
and
(c) the action being taken by the Government in this regard?
ANSWER
THE MINISTER OF HEALTH AND FAMILY WELFARE 
(DR. HARSH VARDHAN)
(a) to (c)  A statement is laid on the Table of the House
STATEMENT REFERRED TO IN REPLY TO LOK SABHA 
STARRED QUESTION NO. 291 FOR 13TH MARCH, 2020
(a) to (c) Section 10D of the Indian Medical Council Act, 1956 prescribes conducting of a uniform entrance examination namely National Eligibility cum Entrance Test (NEET) to all medical educational institutions at undergraduate and post-graduate level. The provisions of the Indian Medical Council Act, 1956 for conducting NEET shall apply across the country without any exemption.
Madras High Court, in its orders passed in W.A No. 2931 of 2019 on 4.11.2019 made observations with regard to National Eligibility cum Entrance Test (NEET) that number of candidates who appeared multiple times got admission more than who appeared first time and also noted that only negligible candidates have got admission without undergoing coaching.
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However, the Hon’ble Supreme Court vide order dated 11.04.2016 in R.P. 2159-2268 of 2013 in T.C. (c) 98 of 2013 had allowed conducting of NEET. Further, the apex court vide order dated 09.05.2016 also ruled that only NEET would enable students to get admission to MBBS or BDS studies. Accordingly, Section 10D was inserted in the IMC Act 1956.
Ministry of Home Affairs forwarded, for comments of this Ministry, the Tamil Nadu Admission to MBBS and BDS Courses Bill, 2017 and the Tamil Nadu Admission to Post Graduate in Medicine and Dentistry Bill, 2017 as passed by the State Assembly and submitted for assent of the President to seek exemption from NEET to the State. Since, the provisions of the proposed Bills are in direct contravention of Section 10D of the Indian Medical Council Act, 1956 and the Dentists Act, 1948, the Ministry has raised objection to it and conveyed the same to MHA.
Further, the MHA forwarded, for comments of the Ministry, the Indian Medical Council (Tamil Nadu Amendment) Ordinance, 2017 and the Dentist (Tamil Nadu Amendment) Ordinance, 2017 submitted by the State for obtaining previous instructions of the President for its promulgation. The proposed Ordinances were also not supported by the Ministry.
In the draft National Medical Commission Bill, there was a provision for National Eligibility cum Entrance Test (NEET). The State Government  of Tamil Nadu had raised some objections to the NEET during their presentation to the Departmental related Parliamentary Standing Committee on Health and Family Welfare. The Standing Committee took cognizance of these observations and after due consideration recommended in its 109th Report on NMC Bill 2017 to conduct a uniform National Eligibility cum Entrance Test for admission to the undergraduate medical education in all medical institutions. Subsequently, the Parliament has deliberated upon the Bill and passed the NMC Act along with the provision of NEET and the Act has been enacted on 8th August 2019 .
In view of the above, the matter has already been settled by the Hon’ble Supreme Court and the Parliament of India.
Source : Lok Sabha 

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