The Rules of ‘Aadhaar KYC’ Have Been Simplified for Opening a Bank Account. ‘आधार केवाईसी’ के नियम बैंक खाता खोलने के लिए आसान किए गए हैं।
‘आधार केवाईसी’ के नियम ‘आधार’ कार्ड पर घर का पता बदलने के लिए नहीं, बल्कि बैंक खाता खोलने के लिए आसान किए गए हैं। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने मनी-लॉन्ड्रिंग की रोकथाम (रिकॉर्ड का रखरखाव) नियम (पीएमएलआर), 2005 में संशोधन के लिए 13 नवम्बर, 2019 को जारी अपनी अधिसूचना के संदर्भ में आधार केवाईसी के उपयोग के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए आज यह जानकारी दी। राजस्व विभाग ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया है कि आधार केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के उपयोग को आसान बनाने से संबंधित उसकी अधिसूचना ऐसे लोगों को बैंक खाता खोलने में सुविधा देने से संबंधित है, जो अक्सर रोजगार अथवा किसी अन्य कारण से किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाते हैं। राजस्व विभाग का कहना है कि आधार कार्ड पर घर का पता बदलने के लिए इन नियमों को आसान नहीं किया गया है, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में यह गलत जानकारी दी गई है।
राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय ने कहा, ‘संशोधित पीएमएलआर आधार कार्ड पर घर का पता बदलने के लिए नहीं, बल्कि केवल बैंक खाता खोलने के लिए आधार केवाईसी से जुड़े प्रयोजन पर लागू होता है। यदि कोई व्यक्ति अपने रोजगार के सिलसिले में अपना निवास एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाता है और नया बैंक खाता खोलने या अपनी बैंक शाखा को बदलने, इत्यादि के लिए उसे आधार केवाईसी के उपयोग की जरूरत पड़ती है, तो वह अपने आधार कार्ड पर घर के मूल पते को बरकरार रखते हुए नये पते के बारे में स्व-घोषणा को दर्ज कर सकता है।’
डॉ. पांडेय ने कहा कि पीएमएलआर में संशोधन से उन लोगों के लिए बैंक खाता खोलना आसान हो गया है, जो आधार कार्ड पर दर्ज पते से अलग किसी और पते पर अब निवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो बैंकों में केवाईसी के रूप में अपने घर के अलग पते से युक्त आधार कार्ड पेश करते हैं, वे अब स्व–घोषणा करके अपना स्थानीय पता प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस संशोधन के साथ ही घर के स्थानीय पते अथवा आधार कार्ड पर दर्ज घर के पते के अलावा किसी अन्य पते के बारे में स्व–घोषणा प्रस्तुत करना ही आधार केवाईसी के साथ बैंक खाता खोलने के लिए पते के प्रमाण के रूप में पर्याप्त होगा। इस संशोधन से विशेषकर अपना निवास अन्यत्र ले जाने वाले लोगों को काफी सुविधा होगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई कामगार झारखंड से मुंबई चला जाता/जाती है और उसके आधार कार्ड पर झारखंड का पता दर्ज है, तो बैंक खाता खोलने के लिए मुंबई में अपने स्थानीय पते के बारे में उसके द्वारा प्रस्तुत की गई स्व–घोषणा ही आधार केवाईसी के लिए पर्याप्त होगी।’
राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह बदलाव आधार अधिनियम/नियमों में संशोधन के जरिए नहीं, बल्कि पीएमएलआर में संशोधन के जरिए किया गया है। अत: यह आधार कार्ड पर घर के पते में परिवर्तन पर लागू नहीं होता है। यह संशोधन इसलिए किया गया है, ताकि ऐसे लोगों को सुविधा हो सके, जिन्होंने बैंक खाता खोलने के लिए आधार केवाईसी का उपयोग किया है और अब वह स्व-घोषणा के आधार पर वर्तमान पते के रूप में आधार कार्ड पर दर्ज घर के पते से भिन्न पता देना चाहते हैं।
SOURCE :- PIC
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