Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना

प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना 

माननीय प्रधानमंत्री की पहल पर केंद्र सरकार ने “हर खेत को पानी’ के लक्ष्य के साथ (प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ की शुरुआत की हैं | इसके तहत देश के हर जिले में समस्त खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की योजना है। इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी कृषि मंत्रालय के साथ-साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय को दी गई है। इसके तहत देश में सभी कृषि फार्म में संरक्षित सिंचाई की पहुंच को सुनिश्चित किये जाने का प्रयास किया जायेगा ताकि प्रति बूंद-अधिक फसल उत्पादन लिया जा सके |

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प्रधानमंत्री कषि सिंचार्ड योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किये जायेंगे?

इस योजना में नये जल स्रोतों का निर्माण, पुराने जल स्रोतों को ठीक कर कारगर बनाना, जल संचयन के साधनों का निर्माण, अन्य छोटे भंडारण, भूजल विकास, ग्रामीण स्तर पर राज्यों के परम्पारागत जल तालाबों आदि की क्षमता बढाने जैसे कार्य करवाये जायेंगे | इसके अतिरिक्त जहां सिंचाई स्रोत उपलब्ध हैं अथवा निर्मित हैं उनके वितरण नेटवर्क का विस्तारवृद्धि करना भी शामिल है। इस योजना में पानी के दक्षतापूर्ण परिवहन को बढावा देने हेतु, उपकरणों जैसे भूमिगत पाईप प्रणाली, पीवोट, रेनगन और अन्य उपकरणों आदि को प्रोत्साहित करना भी शामिल हैं।
सरकार ने उपलब्ध पानी की मात्रा को फव्वारा और बून्द-बून्द सिंचाई विधियों का प्रयोग करने का लक्ष्य रखा हैं जिससे उपलब्ध पानी की मात्रा से ही 30-40 प्रतिशत अतिरिक्त खेतों की सिंचाई की जा सकेगी | इसके अलावा जिन क्षेत्रों में भूमिगत पानी की उपलब्धता हैं वहां पर नलकूप लगा कर सिंचाई को भी बढावा दिया जा रहा हैं। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए वर्ष 2016-17 के लिए रु 5717.13 करोड़ का प्रावधान किया हैं। इसके अतिरिक्त इस वर्ष नाबार्ड के माध्यम से लगभग रु. 20000 करोड़ का सिंचाई फण्ड सृजित करने का फैसला किया गया हैं। बजट प्रावधान एवं बाजार ऋण से इस वर्ष में रु. 12517 करोड़ का व्यय प्रस्तावित हैं।
इस योजना का कार्यान्वयन कौन-कौन से मंत्रालय करेंगे तथा इसके सुचारु रूप से संचालन के लिए इसके बीच कैसे सामंजस्य होंगे 
इसके लिए एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (एनईसी) नीति आयोग के वाइस चेयरमैन, की अध्यक्षता में गठित की गयी हैं जो की कार्यक्रम कार्यान्वयन, संसाधनों के आवंटन, अंतर-मंत्रालयी समन्वय, निगरानी और मूल्यांकन आदि कार्य करेगी। इसके अतिरिक्त माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी राष्ट्रीय संचालन समिति (एनएससी) सम्बंधित केंद्रीय मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम की निगरानी करेगी |
प्रधानमंत्री कृषि सिंचार्ड योजना में क्या-क्या कार्यक्रम घटक हैं 
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में निम्नलिखित कार्यक्रम घटक हैं-

  • . त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआर्डबीपी) से माध्यम में राष्ट्रीय परियोजनाओं सहित जारी मुख्यन और मध्याम सिंचाई की गति की पूर्णता पर फोकस करना |
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (हर खेत को पानी) के माध्यम से लघु सिंचाई (सतही और भूमिगत जल दोनों) के माध्यम से नये जल स्रोतों का निर्माण, जल सग्रहणों की मरम्मत, सुधार और नवीकरण, पराम्परागत स्रोतों की वहन क्षमता का मजबूतीकरण, जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, कमांड एरिया विकास, खेत से स्रोत तक वितरण नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण और मजबूतीकरण, खाली क्षेत्रों में भूजल विकास, उपलब्ध संसाधनों जिनकी क्षमता का पूर्ण दोहन, विभिन्‍न स्थानों के स्रोतों से जहां कम पानी के अधिक क्षेत्र आस-पास हो में जल विचलन, सिंचाई कमांड के सम्बद्ध में आईडब्ल्यूएमपी और मनरेगा के अलावा अपेक्षा को पूरा करने के लिए न्यून प्रवाह पर जल तालाब/नदी से लिफ्ट सिंचाई | पराम्परागत जल भंडारण प्रणालियों जैसे जल मन्दिर; खतरी, कुहल; जेबोय इड़ी, ओरेनिसय डोंग कतास, बंधा आदि का व्यवहार्य स्थानों पर निर्माण और पुनरुद्धार |
  • . प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (प्रति बंद अधिक फसल) के माध्यम से कार्यक्रम प्रबंधन, राज्यों/जिला सिंचाई योजना की तैयारी, वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन, मूल्याकंन आदि | प्रभावी जल परिवहन और फार्म के भीतर क्षेत्र अनुप्रयोग उपकरणों यथा भूमिगत पाइप प्रणाली, पीवोट, रेनगन (जल सिंचन) का प्रोत्साहन, लाइनिंग इनलैट, आउटलैट, सिल्ट ट्रैप्स, वितरण प्रणाली आदि जैसी गतिविधियों को बढ़ाना, ब्लॉक/जिला सिंचाई योजना के अनुसार जिन्हें एआईबी, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (हर खेत को पानी), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पनधारा) और मनरेगा के तहत सहायता नहीं दी जाती, को टयूबवेल और डबवेल (ऐसे क्षेत्रों में जहां भूजल उपलब्ध है और विकास की अर्दध/महत्वपूर्ण/अति दोहन के तहत नहीं हैं )सहित पूरक स्रोत निर्माण गतिविधियों के लिए सूक्ष्म सिंचाई संरचना का निर्माण | अत्यधिक उपलब्धता (वर्षा मौसम) के समय नहर प्रणाली के अंतिम मुहाने पर द्वितीयक भंडारण संरचना अथवा प्रभावी ऑन फार्म जल प्रबंधन के माध्यम से शुष्क अवधि के दौरान बारहमासी स्रोतों जैसे माध्यमों से जल भंडारण । पानी ले जाने वाले पाईपों, भूमिगत पाइप प्रणाली सहित पानी खींचने वाले उपकरणों जैसे डीजल/इलेक्ट्रिक/सौर पम्प सैट | वर्षा और न्यूनतम सिंचाई आवश्यकता (जल संरक्षण) सहित उपलब्ध जल के अधिकतम उपयोग के लिए फसल संयोजन सहित वैज्ञानिक आर्द्रता संरक्षण और कृषि विज्ञान उपायों के प्रोत्साहन के लिए विस्तार गतिविधियां |
  • . प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (घनधार विकास) के माध्यम से आवाह जल और उन्नत मृदा और आर्द्रता संरक्षण गतिविधियों जैसे रिज क्षेत्र उपचार, निकासी लाईन उपचार, वर्षा जल संचयन, स्वस्थ आर्द्रता संरक्षण और पनधारा आधार पर अन्य संबद्ध गतिविधियों का प्रभावी प्रबंधन, परम्परागत जल तालाबों के नवीकरण सहित चिन्हित पिछड़े वर्षा सिंचित ब्लॉकों में पूरी क्षमता हेतु जल स्रोतों के निर्माण के लिए मनरेगा के साथ अभिसरण |
इस्र योजना से किसानों को क्या-क्या फायदे है? |
किसान इस योजना के अंतर्गत अपने खेतों में छोटे तालाब, सूक्ष्म सिंचाई के साधन जैसे फव्वारा (स्प्रिंकलर) सिंचाई , बूँद-बूँद सिंचाई (ड्रिप इरीगेशन) के उपकरण प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सुनिश्चित सिंचाई के माध्यम से उचित फसल प्रबन्धन एवं जल संचयन/ प्रबन्धन विधियों आदि के बारे में प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकते हैं। किसान अपने खेत एवं क्षेत्र की आवश्यकताओं को ग्राम पंचायत के माध्यम से सम्बन्धित ब्लॉक एवं जिला सिंचाई योजना में सम्मिलित करवा कर इस योजना का लाभ उठा सकते है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने जिले / ब्लॉक के कृषि अधिकारी से संपर्क करें या किसान कॉल सेंटर ( टोल फ्री नं. 1800-180-1551) से जानकारी प्राप्त करें।
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