Swadesh Darshan Scheme Integrated Development of Theme Based Tourist -Cabinet Approves मंत्रिमंडल ने स्वदेश दर्शन योजना: देश में थीम-आधारित पर्यटक सर्किटों को मंजूरी दी

Swadesh Darshan Scheme Integrated Development of Theme Based Tourist -Cabinet Approves मंत्रिमंडल ने स्वदेश दर्शन योजना: देश में थीम-आधारित पर्यटक सर्किटों को मंजूरी दी 
Cabinet approves Swadesh Darshan Scheme: Integrated Development of Theme-based Tourist Circuits in the country 
Swadesh+Darshan+Scheme
The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Narendra Modi has approved the following proposals:
  • Continuation of the Swadesh Darshan Scheme during 14th Finance Commission period and beyond;
  • Rs. 2055.96 crores for 60 on-going projects completing in December 2019; and
  • Rs. 324.09 crores for 6 projects for which substantial funds have been released and projects to be completed in September 2020.
Details:

Swadesh Darshan Scheme – Integrated Development of theme based tourist circuits is the flagship scheme of Ministry of Tourism for development of tourism infrastructure in the country. The scheme has following objectives:

  1. Position tourism as a major engine of economic growth and job creation;
  2. Develop circuits having tourist potential in a planned and prioritized
manner;
  • iii. Promote cultural and heritage value of the country to generate livelihoods in the identified regions;
  • iv. Enhance the tourist attractiveness in a sustainable manner by developing world class infrastructure in the circuit/destinations;
  • v. Follow community based development and pro-poor tourism approach;
  • vi. Create awareness among the local communities about the importance of tourism for them in terms of increased sources of income, improved living standards and overall development of the area.
  • vii. Create employment through active involvement of local communities;
  • viii. Harness tourism potential for its effects in employment generation and economic development. 
  • ix. Make full use of the potential and advantages in terms of available infrastructure, national culture and characteristic strong points of each and every region throughout the country by development of theme based circuits.
Under Swadesh Darshan Scheme Ministry of Tourism is developing critical tourism infrastructure in the country in a sustainable and inclusive manner to make India into a world class tourist destination. The focus under the scheme is to develop public facilities like last mile connectivity, Tourist reception Centers, Way side Amenities, Solid Waste Management, Illumination, Landscaping, parking etc. where Private Sector is not willing to invest.
Background:
  • a. During the Budget speech of 2014-15 the Finance Minister made following announcement “India’s rich cultural, historical, religious and natural heritage provides a huge potential for the development of tourism and job creation as an Industry. I propose to create 5 tourist circuits around specific themes and set aside a sum of Rs. 500 Crore for this purpose”.
  • b. Subsequently in January 2015 Ministry of Tourism launched the Swadesh Darshan Scheme (Central Sector Scheme) with following five circuits Himalayan Circuit, North East Circuit, Krishna Circuit, Buddhist Circuit and Coastal Circuit. Later during 2015, 2016 and 2017, 10 more thematic circuits namely Desert Circuit, Tribal Circuit, Eco Circuit, Wildlife Circuit, Rural Circuit, Spiritual Circuit, Ramayana Circuit, Heritage Circuit, Tirthankar Circuit and Sufi Circuit were added in the scheme making it to 15 thematic circuits.
  • c. The third party evaluation of the scheme was carried, out by the National Productivity Council (NPC). The NPC submitted its evaluation report on 15.06.2017. Based on Evaluation midterm corrections have been made in the scheme. Development of Wayside Amenities on tourist circuits has been made sub scheme of Swadesh Darshan scheme.
  • d. The Expenditure Finance Committee in its meeting held on 13th October 2017 has recommended an outlay of Rs. 5048 Crore for the scheme from 2017-18 till 2019-20 which includes Budgetary allocation of Rs. 3848 Crore for completion of ongoing projects and Rs. 1200 Crore for new projects. EFC has recommended that sanctions for new projects in the period 2017-2020 shall be restricted to Rs. 2500 Crore.
  • e. Since, its launch Ministry of Tourism has sanctioned 77 projects for Rs. 6121.69 Crores to 30 States and UTs under the scheme and has incurred expenditure of Rs. 3096.14 Crore. Out these 77 projects, physical work has started on 66 projects sanctioned from 2014-15 till 2017-18. The 11 projects sanctioned in 2018-19 are at tendering stage and no funds have been released, work on 17 projects/ major components of the project is complete and 13 projects have been inaugurated between August 2018 to January 2019
Press Information Bureau 
Government of India
Cabinet
19-February-2019 20:59 IST
मंत्रिमंडल ने स्वदेश दर्शन योजना: देश में थीम-आधारित पर्यटक सर्किटों के एकीकृत विकास को मंजूरी दी 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी:
स्वदेश+दर्शन+योजना
  • 14वें वित्त आयोग की अवधि और उसके बाद स्वदेश दर्शन योजना जारी रहेगी;
  • दिसंबर 2019 में पूरी हो रही 60 वर्तमान परियोजनाओं के लिए 2055.96 करोड़ रुपये की राशि और
  • 6 परियोजनाओं, जिनके के लिए पर्याप्त धनराशि जारी की जा चुकी है और जो सितंबर 2020 में पूरी होंगी, के लिए 324.09 करोड़ रुपये की धनराशि।
विवरण:
स्वदेश दर्शन योजना-थीम-आधारित पर्यटक सर्किटों का एकीकृत विकास देश में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है। इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
  • पर्यटन को आर्थिक प्रगति और रोजगार सृजन के प्रमुख माध्यम के रूप में स्थापित करना;
  • पर्यटकों की संभावनाओं वाले सर्किटों का योजनाबद्ध और प्राथमिकता से विकास करना;
  • चिन्हित क्षेत्रों में आजीविका के साधनों का सृजन करने के लिए देश के सांस्कृतिक मूल्यों और धरोहरों को प्रोत्साहन देना;
  • सर्किट/गंतव्यों में विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं का सतत ढ़ंग से विकास करते हुए वहां के पर्यटन संबंधी आर्कषण को बढ़ाना;
  • समुदाय आधारित विकास तथा गरीब समर्थित पर्यटन दृष्टिकोण का समर्थन करना;
  • स्थानीय समुदायों के बीच आमदनी के स्रोतों में वृद्धि, जीवन के स्तर में सुधार तथा क्षेत्र के समग्र विकास के संदर्भ में पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना;
  • स्थानीय समुदायों के सक्रिय योगदान के माध्यम से रोजगार सृजन;
  • रोजगार के साधनों के सृजन और आर्थिक विकास की पर्यटन की क्षमताओं का उपयोग करना;
  • थीम आधारित सर्किटों के विकास के माध्यम से देश के प्रत्येक क्षेत्र में मौजूद क्षमताओं तथा उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं, राष्ट्रीय संस्कृति और सशक्त विशिष्टताओं के संदर्भ में लाभों का पूर्ण इस्तेमाल करना।
       स्वदेश दर्शन योजना के जरिए पर्यटन मंत्रालय देश में महत्वपूर्ण पर्यटन अवसंरचना का सतत और समावेशी ढंग से विस्तार कर रहा है ताकि भारत को विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य बनाया जा सके। इस योजना के अंतर्गत ऐसी सार्वजनिक सुविधाओं को विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है जहां निजी क्षेत्र निवेश करने का इच्छुक नहीं है, इनमें अंतिम स्थान तक संपर्क यानि लास्ट माइल क्नेक्टीविटी, टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर्स, सड़क किनारे सुविधाएं, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, रोशनी का प्रबंध, लैंडस्केपिंग, पार्किंग आदि की सुविधा शामिल है।
पृष्ठभूमिः
  • वर्ष 2014-15 के बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री ने निम्नलिखित घोषणा की थी, ‘भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहर में पर्यटन और रोजगार सृजन के उद्योग के रूप में विकास की अपार संभावनाऐं मौजूद हैं। मैं विशिष्ट थीम्स पर पांच पर्यटन सर्किटों के सृजन का प्रस्ताव करता हूं और इस उद्देश्य के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि अलग से निर्धारित करता हूं’।
  • तदुपरांत जनवरी 2015 में पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना (केन्द्रीय क्षेत्र की योजना) का 5 सर्किटों निम्नलिखित के साथ शुभारंभ किया-हिमालयन सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट, कृष्णा सर्किट, बौद्ध सर्किट और तटीयसर्किट। बाद में 2015, 2016 और 2017 के दौरान, 10 और थीमेटिक सर्किट यथा डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट, इको सर्किट, वाइल्डलाइफ सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट, हैरीटेज सर्किट, तीर्थंकर सर्किट और सूफी सर्किट इस योजना में शामिल किये गये, इसके साथ ही इन थीमेटिक सर्किटों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) द्वारा इस योजना का थर्ड पार्टी मूल्यांकन किया गया। एनपीसी ने 15 जून 2017 को अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट सौंप दी। मूल्यांकन के आधार पर इस योजना में मध्यावदि संशोधन किये गये। पर्यटन सर्किटों में सड़क किनारे सुविधाओं के विकास को स्वदेश दर्शन योजना की उपयोजना बनाया गया।
  • व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने 13 अक्टूबर 2017 को हुई अपनी बैठक में इस योजना के लिए 2017-2018 से लेकर 2019-2020 तक 5,048 करोड़ रुपये के परिव्यय की सिफारिश की, जिसमें चालू योजनाओं को पूरा करने के लिए 3,848 करोड़ रुपये तथा नई परियोजनाओं के लिए 1,200 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन शामिल था। ईएफसी ने सिफारिश की कि वर्ष 2017-2020 की अवधि के लिए नई परियोजनाऐं 2500 करोड़ रुपये तक सीमित हों।
  • पर्यटन मंत्रालय ने इस योजना के आरंभ होने के बाद से इसके अंतर्गत 30 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 6,121.69 करोड़ रुपये की 77 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और इसपर 3,096.14 करोड़ रुपये की राशि व्यय हुई है। वर्ष 2014-15 से लेकर 2017-2018 तक स्वीकृत इन 77 परियोजनाओं में से 66 पर वास्तविक कार्य शुरू हो चुका है। 2018-2019 में स्वीकृत 11 परियोजनाऐं निविदा प्रक्रिया में हैं और इनके लिए अब तक कोई धनराशिजारी नहीं की गयी है, 17 परियोजनाओं/परियोजना के महत्वपूर्ण संघटकों पर कार्य पूरा हो चुका है तथा अगस्त 2018 से लेकर जनवरी 2019 तक 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा चुका है।

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