वर्ष
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निपटान
की गई शिकायतों की संख्या |
2014
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276
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2015
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796
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2016
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1510
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2017
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1498
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2018
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1299
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कुल
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5379
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इस मंत्रालय (विदेश स्थित भारतीय मिशन सहित) ने अनिवासी भारतीय पतियों द्वारा परित्यक्त पीड़ित भारतीय महिलाओं की शिकायतों का निपटान करने के लिए प्रवासी भारतीय पति को न्यायिक समन भेजने, भारत में मुकदमा दर्ज कराने, लुक आउट सर्कुलर जारी कराने, पति के पासपोर्ट को जब्त और रद्द करवाने, भारतीय मिशनों के साथ सूचीबद्ध वकीलों और गैर-सरकारी संगठनों से संपर्क स्थापित करने आदि की प्रक्रियाओं, तंत्रों के बारे में परामर्श, मार्गदर्शन और सूचना प्रदान की है। इसके अतिरिक्त, अनिवासी भारतीय पतियों से विवाहित तथा पीड़ित महिलाओं को सभी मिशनों और केंद्रों के माध्यम से वित्तीय और कानूनी सहायता प्रदान किए जाने के उद्देश्य से भारतीय समुदाय कल्याण कोष (आईसीडब्ल्यूएफ) के दिशा-निर्देश में सितंबर, 2017 में संशोधन किए गए थे। पीड़ित भारतीय महिलाओं के लिए कानूनी एवं वित्तीय सहायता की राशि को भी बढ़ाकर प्रति मामला 4000 अमरीकी डालर कर दिया गया है। यह सहायता आवेदक के सूचीबद्ध कानूनी सलाहकार या संबंधित भारतीय समुदाय एसोसिएशन/महिला संगठन/गैर-सरकारी संगठन को जारी की जाती है ताकि मुकदमा दर्ज कराने हेतु प्रलेखीकरण और प्रारंभिक कार्य में महिला की सहायता करने हेतु कदम उठाने में उसे सक्षम बनाया जा सके।
प्रवासी भारतीय नागरिकों से विवाहित भारतीय नागरिकों की कानूनी और विनियामक चुनौतियों की पहचान करने और मौजूदा अधिनियमों/विधानों या नई नीतियों/कानूनों/विनियमों में संशोधन करने का सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। विशेषज्ञ समिति की कुछ सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है जिसमें एक एकीकृत नोडल एजेंसी का गठन भी शामिल है।
सचिव, महिला एवं बाल विकास एकीकृत नोडल एजेंसी के अध्यक्ष हैं। एकीकृत नोडल एजेंसी के अन्य सदस्य हैं
- क) संयुक्त सचिव (न्यायिक) एवं संयुक्त सचिव (विदेशी नागरिक), गृह मंत्रालय,
- ख) संयुक्तसचिव (ओआईए-॥), विदेश मंत्रालय और
- ग) संयुक्त सचिव (विधि), विधि एवं न्याय मंत्रालय।
एकीकृत नोडल एजेंसी एक प्रभावी निकाय के रूप में कार्य कर रही है और प्रवासी भारतीय पतियों से विवाहित भारतीय महिलाओं की समस्याओं का समय पर सिंगल विंडो समाधान प्रदान कर रही है। अब तक, एकीकृत नोडल एजेंसी की तेरह बैठकें की जा चुकी हैं और इसके द्वारा गलती करने वाले पतियों के विरूद्ध आठ
- (क) क्या सरकार ने अपनी पत्नियों को छोड़ने वाले कुछ अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के पासपोर्ट रद्द किए हैं;
- (ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
- (ग) विगत तीन वर्षों के दौरान अपनी पत्नियों को छोड़ने संबंधी शिकायतों की वर्ष-वार और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार संख्या कितनी है; और
- (घ) पतियों द्वारा पत्नियों को छोड़ने की घटनाओं को कम करने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए या प्रस्तावित कदम कया हैं?
Year
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Number of complaints addressed
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2014
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276
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2015
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796
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2016
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1510
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2017
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1498
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2018
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1299
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Total
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5379
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- a) Joint Secretary (Judicial) & Joint Secretary (Foreigners), Ministry of Home Affairs,
- b) Joint Secretary (OIA-II), Ministry of External Affairs, and
- c) Joint Secretary (Legal), Ministry of Law & Justice.
The INA is functioning as an effective body and providing a single window timely solution to the problems of Indian women married to overseas Indian spouses. So far, the INA has had thirteen sittings and has issued eight Look Out Circulars against the erring spouses.
- (a) whether the Government has revoked the passports of some Non-Resident Indians (NRIs) for abandoning their wives;
- (b) if so, the details thereof;
- (c) the number of complaints related to abandoning of wives received in the last three years, year-wise and state/UT wise: and
- (d) the steps taken or proposed to be taken by the Government to reduce the incidents of abandonment of wives by their husbands ?