(क) से (1) विदेश मंत्रालय को समय-समय पर भारतीय उत्प्रवासियों या उनके संबंधियों से शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं जिन्हें अवैध एजेंटों/धोखेबाज एजेंसियों द्वारा धोखे से प्रवासी रोजगार के लिए भेज दिया जाता है और इसके बाद वे धोखाधड़ी, नौकरी देने से इंकार करने, कार्य की बुरी स्थितियों आदि के शिकार हो जाते हैं। विदेश मंत्रालय का एक सुदृढ़ शिकायत निवारण तंत्र है और धोखाधड़ी के शिकार उत्प्रवासियों की शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण हेतु मदद और ई-माइग्रेट पोर्टल भी इसमें शामिल हैं।
ऐसे अवैध एजेंटों के ब्यौरे पीड़ितों या उनके संबंधियों और शिकायत करने वाले परिवार द्वारा रिपोर्ट करने पर प्राप्त होते हैं तो उन शिकायतों को अवैध एजेंटों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने का अनुरोध करते हुए संबंधित राज्य/संघ शासित प्रदेश की सरकार और पुलिस प्राधिकरणों को भेज दिया जाता है। संबंधित राज्य सरकार/पुलिस प्राधिकरणों से अनुरोध प्राप्त होने पर विदेश मंत्रालय द्वारा शीघ्रतापूर्वक अभियोजन स्वीकृतियां जारी की जाती हैं ताकि उन्हें दोषी अवैध एजेंटों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू करने में सक्षम बनाया जा सके। जहां आवश्यक हो वहां राहत/बचाव हेतु इन शिकायतों को विदेश स्थित मिशनों/केंद्रों को भी संदर्भित किया जाता है।
भारत सरकार ने भारतीय मिशनों में भारतीय समुदाय कल्याण कोष (आईसीडब्ल्यूएफ) के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है ताकि भारतीय मिशनों को जांच के आधार पर व्यथित प्रवासी भारतीय नागरिकों के लिए यथा स्थान विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियां चलाने हेतु आकस्मिक व्यय को पूरा करने में सक्षम बनाया जा सके।
(घ) उपलब्ध अभिलेख के अनुसार, वर्ष 2016-2018 की अवधि के दौरान अपंजीकृत एजेंटों के विरूद्ध प्राप्त और राज्य सरकार/पुलिस को संदर्भित शिकायतों की संख्या निम्नानुसार है
वर्ष | शिकायतों की संख्या | राज्य सरकारों को करवाई हेतु संदर्भित मामले | राज्य सरकार द्वारा मांगी गई अभियोजना स्वीकृतियां | विदेश मंत्रालय द्वारा जारी की गई अभियोजना स्वीकृतियां |
2016 | 231 | 231 | 42 | 42 |
2017 | 446 | 446 | 30 | 30 |
2018 | 350 | 350 | 15 | 15 |
1729. डॉ. रमेश पोखरियाल निशंकः
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :
- (क) मंत्रालय द्वारा विदेशों में नौकरियां प्रदान करने के नाम पर और फर्जी संस्थाओं द्वारा युवाओं को प्रताड़ित करने के संबंध में क्या उपयुक्त कदम उठाए गए हैं;
- (ख) भारतीय दूतावासों द्वारा शीघ्र सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए क्या कदम उठाए गए हैं जो विदेशों में फर्जीवाड़े के शिकार हो जाते हैं;
- (ग) क्या मंत्रालय ने इस क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ऑनलाइन तंत्र की व्यवस्था की है; और
- (घ) यदिदहां, तो मंत्रालय द्वारा फर्जीवाड़े और फर्जी संस्थाओं के विरूद्ध क्या कार्रवाई की गई है?
(a) to (c) Complaints are received from time to time by the Ministry of External Affairs from Indian emigrants or their relatives who are dispatched for overseas employment fraudulently by illegal agents/ fake agencies and are thereafter subjected to cheating, denial of jobs, poor working conditions etc. The Ministry of External Affairs, (MEA) has a robust grievance redressal mechanism including MADAD and e-Migrate portals for online registration of grievances of emigrants who have been subjected to cheating.
Year | No. of Complaints | Cases referred to State Governments for action | Prosecution Sanction sought by State Government | Prosecution Sanction issued by Ministry of External Affairs |
2016 | 231 | 231 | 42 | 42 |
2017 | 446 | 446 | 30 | 30 |
2018 | 350 | 350 | 15 | 15 |
The above statement was submitted by Ministry of External Affairs of undermentioned Lok Sabha Question:-
- (a) the proper steps taken by the Ministry to check the fraud in the name of providing jobs abroad and torture of youth by the fake institution;
- (b) the steps taken to provide immediate assistance by the Indian Embassies to the Indian citizens who become the victims of forgery in foreign country;
- (c) whether the Ministry has made arrangement of online mechanism to bring improvement in this area; and
- (d) if so, the action taken by the Ministry against forgery and fake institutions ?