Press Information Bureau
Government of India
Ministry of Culture
19-January-2019 17:57 IST
An Exhibition on National Mission for Clean Ganga organised at Prayagraj Kumbh Mela
A very informative and interesting exhibition has been organised by Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Government of India at Prayagraj Kumbh Mela to make aware people visiting the mela on keeping River Ganga Clean and to inform them about the many projects and schemes being implemented by different agencies to achieve the target under Namami Gange Mission.
The Exhibition is located at main entry point of Mela from city side at sector one. It attracts most of the people visiting Kumbh with its lyrical presentation on River Ganga. Several details about project have been given through illustrative panels on activities of Wild Life Institute of India, Central Fisheries Research Institute and Ganga Task Force and their significance for the Mission. Ganga Task Force is active in Prayagraj, Varanasi and Kanpur districts in Uttar Pradesh to encourage people towards plantation of trees on the banks of Ganga. Several success stories are also regularly being screened. Details of projects being implemented in different States are exhibited. About 53 nullahsvhave been tapped at Prayagraj through Bio Remediation and Geo Bags Modular STP to provide pollution free water to devotees at Sangam and Ghats of the Ganga for bathing during Kumbh. Also 261 Projects are being implemented in different states to keep Ganga clean and pollution free. Of them 94 are implemented in Uttar Pradesh. Several projects have been implemented at Prayagraj in view of Kumbh including construction of 6 Ghats, tapping of nullahs, construction of 3 crematorium, deployment of trash skimmers and cleaning of 21 Ghats Of rivers of Ganga and Yamuna.
Namami Gange Mission has extended financial assistance to Prayagraj Mela Authority for construction of toilets,urinals and solid waste management at Kumbh.
The exhibition is very topical as devotees and tourists reaching Prayagraj Kumbh are very receptive to the issue of pollution in River Ganga.
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
संस्कृति मंत्रालय
19-जनवरी-2019 18:57 IST
प्रयागराज कुंभ मेला में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन पर एक प्रदर्शनी आयोजित
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा मेले में आने वाले लोगों को गंगा नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जागरूक करने और नमामि गंगे मिशन के तहत इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित की जा रही कई परियोजनाओं एवं योजनाओं के बारे में उन्हें सूचित करने के लिए एक बहुत ही जानकारीपूर्ण और रोचक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
यह प्रदर्शनी शहर के सेक्टर एक से मेला के मुख्य प्रवेश बिंदु पर स्थित है। यह गंगा नदी पर अपनी गायन प्रस्तुति के साथ कुंभ में आने वाले अधिकांश लोगों को आकर्षित करता है। भारतीय वन्य जीवन संस्थान, केन्द्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान एवं गंगा कार्य बल के कार्यकलापों एवं मिशन के लिए उनके महत्व पर व्याख्यात्मक पैनल के माध्यम से परियोजना के बारे में कई जानकारियां दी जा रहीं हैं। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर जिलों में गंगा कार्य बल सक्रिय है और गंगा के किनारे रह रहे लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करती है। कई सफलता गाथाएं भी नियमित रूप से दिखाई जा रही हैं। विभिन्न राज्यों में कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं का विवरण प्रदर्शित किया गया है। कुंभ के दौरान स्नान के लिए संगम और घाटों पर श्रद्धालुओं को प्रदूषण मुक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए जैव शोधन और जियो बैग्स माड्यूलर एसटीपी के माध्यम से प्रयागराज में लगभग 53 नाले निकाले गये हैं। साथ ही, गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विभिन्न राज्यों में 261 परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उनमें से 94 उत्तर प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही हैं। कुंभ के मद्देनजर प्रयागराज में 6 घाटों के निर्माण, नालों के दोहन, 3 श्मशान घाटों का निर्माण, गंगा और यमुना के 21 घाटों की सफाई सहित कई परियोजनाएँ लागू की गई हैं।
नमामि गंगे मिशन ने कुंभ में शौचालय, मूत्रालय और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण को वित्तीय सहायता दी है।
यह प्रदर्शनी बहुत ही प्रासंगिक है क्योंकि प्रयागराज कुंभ में पहुंचने वाले पर्यटक और श्रद्धालु गंगा नदी में प्रदूषण के मुद्दे पर बहुत सुग्राही हैं।
***