Press Information Bureau
Government of India
Vice President’s Secretariat
25-December-2018 20:07 IST
Shri Atal ji brought connectivity revolution and paved way for development and growth: Vice President
He epitomized ‘politics of grace’; Addresses Good Governance Day Celebrations
The Vice President of India, Shri M. Venkaiah Naidu has said that the former Prime Minister, ‘Bharat Ratna’, Shri Atal Bihari Vajpayee ji brought connectivity revolution and paved way for development and growth. Addressing an event to commemorate the memory of the former Prime Minister on his birth anniversary, here today, Shri Naidu recollected his close association with Shri Atal ji and shared his experiences with him. The Minister of State for Parliamentary Affairs and Statistics & Programme Implementation, Shri Vijay Goel and other dignitaries were present on the occasion.
Shri Naidu said that Shri Atal ji was an astute parliamentarian, an administrator par excellence, a visionary statesman, an erudite scholar, a gifted orator, a most beloved leader, above all, a great human being who believed in the core Indian values of harmony and synthesis.
The Vice President said that Shri Atal ji implemented the reform agenda and delivered good governance to the nation amidst great challenges. He further said that good governance, providing a responsive administration to the people, especially to the most vulnerable sections of the society was centre to Vajpayee Ji’s administration. Atal Ji brought systematic changes in the governance of the country through technology, innovation and research to improve the lives of people, he added.
Shri Naidu said that ‘Pradhan Mantri Grameen Sadak Yojana’, ‘Golden Quadrilateral project’, ‘Telecom Revolution’, ‘Sarva Shiksha Abhiyaan’ or campaign for universal education and a series of measures taken by Shri Atal ji changed the face of India’s development story and accelerated the growth of Indian Infrastructure.
Referring to corruption in the context of good governance, the Vice President said that the highest cost of corruption was to be borne by the poor and expressed grief saying that most of the corruption was done in the name of the poor.
Shri Naidu said the initiatives such as Direct Benefit Transfer (DBT) eliminate middlemen and take the financial benefits of government schemes to the most deserving population by way of bank transfer to their own account.
Speaking about the importance of Good Governance Day that is being celebrated on the birth anniversary of Atal ji, the Vice President said that taking care of the needs of the poor and down trodden and keeping people at the centre of public administration was the key element of governance. Standing up to the expectations of people and their requirements is the great aspect of governance, he added.
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
उप राष्ट्रपति सचिवालय
25-दिसंबर-2018 20:28 IST
चुनौतियों के बीच सुशासन प्रदान किया अटल जी ने – सुशासन दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अटल जी को याद किया
भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कीमत गरीब चुकाता है – उपराष्ट्रपति गरीबों के नाम पर भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध – उपराष्ट्रपति जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही सुशासन की शर्त – उपराष्ट्रपति
आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती के अवसर पर सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए, उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि अटल जी ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में देश को सुशासन प्रदान किया – वे परमाणु परीक्षण के बाद देश पर लगे प्रतिबंधों, 90 के दशक के अंत में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में आर्थिक मंदी तथा सीमापार आतंकवाद के तत्कालीन परिपेक्ष्य में वाजपेयी जी द्वारा उठाये गये सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं का जिक्र कर रहे थे।
सुशासन के संदर्भ में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार की सबसे अधिक कीमत गरीब को चुकानी पड़ती है। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि अधिकांश भ्रष्टाचार गरीबों के नाम पर किया जाता है। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने श्री राजीव गांधी के उस वक्तव्य का उद्वहरण दिया जिसमें कहा गया था कि रूपये का मात्र 15 पैसा ही गरीब तक पहुंचता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकारी सहायता राशि के डाइरेक्ट बैंक ट्रांसफर से बिचौलियों द्वारा भ्रष्टाचार पर बहुत हद तक नियंत्रण किया जा सका है। उन्होंने कहा कि जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना, विकास को सर्वस्पर्शी और समन्वयवादी बनाना ही सुशासन की कसौटी है। विमुद्रीकरण को कालेधन के विरूद्ध एक निर्भीक कदम बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आवश्यक है कि उसको समर्थन करने वाला कालेधन का अर्थतंत्र समाप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण और कसी हुई मौद्रिक नीति के बावजूद 7.5% की विकास दर और 3.3% तक सीमित वित्तीय घाटा देश के सराहनीय वित्तीय प्रबंधन का सराहनीय उदाहरण है।
सुशासन के संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास तथा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए लागू की गयी परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी जी ने जिस संपर्क क्रांति की शुरूआत की थी – सरकार ने उसी श्रृंखला में भारत माला, सागरमाला और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी परियोजनाओं को लागू किया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन के आर्थिक और सामाजिक आयाम होते हैं। आर्थिक विकास का सामाजिक संदर्भ होना स्वाभाविक भी है और आवश्यक भी।
25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।