PM dedicates Bogibeel bridge to the nation; flags off first passenger train प्रधानमंत्री ने बोगीबील सेतु राष्‍ट्र को समर्पित किया; पहली यात्री रेलगाड़ी को झंडी दिखाकर रवाना किया

Press Information Bureau 
Government of India
Prime Minister’s Office
25-December-2018 16:32 IST
PM dedicates Bogibeel bridge to the nation; flags off first passenger train 
The Prime Minister Shri Narendra Modi, today dedicated the Bogibeel bridge in Assam, to the nation. The bridge, which spans the River Brahmaputra between Dibrugarh and Dhemaji districts of Assam, is of immense economic and strategic significance for the nation. At a massive public meeting in Kareng Chapori, on the northern bank of the Brahmaputra,the Prime Minister also flagged off the first passenger train passing through the bridge.
Bogibeel+bridge
Speaking on the occasion, the Prime Minister paid homage to the famous Assamese singer Deepali Bor thakur, who passed away recently. He also paid homage to many other famous and historical figures from the State, who have brought laurels for the State and the country in various fields. He greeted the people on the occasion of Christmas. He said that today is the birth anniversary of former Prime Minister, Shri Atal Bihari Vajpayee, and is also celebrated as “Sushaasan Divas” or “Good Governance Day”.
The Prime Minister said that for the last four and a half years, the Union Government has pursued the objective of good governance. He said the dedication of the historic Bogibeel rail-cum-road bridge, is a symbol of this objective. He said this bridge is a marvel of engineering and technology, and is of immense strategic significance. He said this bridge reduces distances between Assam and Arunachal Pradesh. He said it would greatly enhance “ease of living” in this region. The Prime Minister said that this bridge had been a dream for the people of this region for generations, and is now a reality. He said that Dibrugarh is an important centre of healthcare, education and commerce in the region, and the people living north of the Brahmaputra, can now access this city, more conveniently.
The Prime Minister appreciated all those involved in the construction of the bridge.
He recalled that in May 2017, he had also dedicated the country’s longest road bridge, the Bhupen Hazarika Bridge at Sadia in Assam, to the nation.
The Prime Minister noted that while only three bridges were built over the Brahmaputra river in 60-70 years, three more have been completed in the last four and a half years alone. Another five, he said, are in progress. He said this enhanced connectivity between the northern and southern banks of the Brahmaputra, is an element of good governance. He said this pace of development will transform the North-East.
The Prime Minister spoke of the Union Government’s vision of Transformation through Transportation. He said the infrastructure in the country is growing today at a rapid pace.
The Prime Minister complimented the State Government of Assam for its efforts towards completing pending projects. He said almost 700 kilometres of National Highways have been completed in four and a half years. He also mentioned several other connectivity related projects in the North-Eastern region. He said that a strong and progressive Eastern India, is the key to a strong and progressive India. Besides infrastructure, the Prime Minister mentioned several initiatives such as Ujjwala, and Swachh Bharat Abhiyan, which have seen rapid progress in Assam.
The Prime Minister said that today, the youth of the country, from the far-flung areas, is bringing laurels for India. Mentioning the famous athlete of Assam, Hima Das, he said youth are now becoming symbols of the self-confidence of New India.
The Prime Minister said that the Government is making efforts to build infrastructure for India’s future needs.

पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
प्रधानमंत्री कार्यालय 
25-दिसंबर-2018 17:23 IST
प्रधानमंत्री ने बोगीबील सेतु राष्‍ट्र को समर्पित किया; 
पहली यात्री रेलगाड़ी को झंडी दिखाकर रवाना किया 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज असम में बोगीबील सेतु राष्‍ट्र को समर्पित किया। यह सेतु असम के डिब्रूगढ़ और धेमाजी जिलों के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर निर्मित है। आर्थिक और सामरिक दृष्टि से राष्‍ट्र के लिए इसका अत्‍यधिक महत्‍व है। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्‍तरी तट पर कारेंग चापोरी में एक जनसभा में प्रधानमंत्री ने इस पुल को पार करने वाली सबसे पहली यात्री रेलगाड़ी को भी झंडी दिखा कर रवाना किया।
Bogibeel+bridge
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध असमिया गायिका दीपाली बोरठाकुर को श्रद्धांजलि दी, जिनका हाल ही में निधन हो गया था। उन्होंने राज्य के कई अन्य प्रसिद्ध और ऐतिहासिक हस्तियों को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में राज्य और देश को प्रतिष्ठित किया। उन्होंने लोगों को क्रिसमस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है,और इसे “सुशासन दिवस” ​​के रूप में भी मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में केंद्र सरकार ने सुशासन के उद्देश्य को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक बोगीबेल रेल-सह-सड़क पुल का लोकार्पण इस उद्देश्य का प्रतीक है। श्री मोदी ने कहा कि यह पुल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी का एक चमत्कार है और अत्यधिक सामरिक महत्व का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरियों को कम करता है। उन्होंने कहा कि यह इस क्षेत्र में जीवन को काफी आसान बनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुल इस क्षेत्र के लोगों के लिए कई पीढ़ियों से एक सपना था, जो अब एक वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और ब्रह्मपुत्र के उत्तर में रहने वाले लोग अब इस शहर तक अधिक आसानी से पहुंच सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने पुल के निर्माण में शामिल सभी लोगों की सराहना की।
श्री मोदी ने स्‍मरण कराते हुए कहा कि मई 2017 में उन्होंने असम के सदिया में देश के सबसे लंबे सड़क पुल – भूपेन हजारिका सेतु को भी राष्ट्र को समर्पित किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर 60-70 वर्षों में केवल तीन पुलों का निर्माण किया गया था, किंतु पिछले केवल साढ़े चार वर्षों में ही तीन नये पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। उन्‍होंने कहा कि अन्‍य पांच पुलों का कार्य भी प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र के उत्तरी और दक्षिणी तटों के बीच यह बेहतर संपर्क, सुशासन का एक घटक है। उन्होंने कहा कि विकास की यह गति पूर्वोत्तर को बदल देगी।
प्रधानमंत्री ने परिवहन के माध्यम से परिवर्तन के बारे में केंद्र सरकार के दृष्टिकोण की चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश में बुनियादी ढांचा आज तीव्र गति से बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के प्रयासों के लिए असम सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के लगभग 700 किलोमीटर के कार्य को साढ़े चार साल में पूरा किया गया है। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी से जुड़ी कई अन्य परियोजनाओं के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक मजबूत और प्रगतिशील पूर्वी भारत, एक मजबूत और प्रगतिशील भारत की कुंजी है। बुनियादी ढांचे के अलावा, प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला और स्वच्छ भारत अभियान जैसी कई पहलों के बारे भी चर्चा की, जिनमें असम में तेजी से प्रगति हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के युवा भारत की प्रतिष्‍ठा बढ़ा रहे हैं। असम की प्रसिद्ध एथलीट, हिमा दास के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि युवा अब नये भारत के आत्मविश्वास के प्रतीक बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भारत की भविष्य की जरूरतों की पूर्ति के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रयासरत है।

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