Press Information Bureau
Government of India
Ministry of Water Resources
04-December-2018 12:39 IST
India Water Impact Summit-2018 to be held from 5th December
Union Minister for Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation Shri Nitin Gadkari will inaugurate India Water Impact Summit 2018, being jointly organized by the National Mission for Clean Ganga (NMCG) and the Centre for Ganga River Basin Management and Studies (Ganga) from 5-7 December 2018 in New Delhi.
The India Water Impact Summit is an annual event where stakeholders get together to discuss, debate and develop model solutions for some of the biggest water related problems in the country. The discussions this year will be on rejuvenation of the Ganga River Basin. There will be multi-country dialogue on the subject, with showcasing of technological innovations, research, policy frameworks and funding models from India and abroad. A number of Indian Central Government Ministries as well as all key decision makers responsible for delivering the rejuvenation of the Ganga will also be present at the Summit.
The efforts may take various forms including (but not limited to): data collection (sensors, LIDAR, modelling etc), hydrology, e-flows, agriculture, waste water and more.
The Summit will focus on three key aspects:
- Spotlight on 5 states: Uttarakhand, Uttar Pradesh, West Bengal, Delhi and Bihar. The objective is to showcase the efforts and works going on within the respective states.
- Ganga Financing Forum: The 2018 Summit also introduces the inaugural Ganga Financing Forum that will bring a number of institutions to a common knowledge, information and partnership platform. The Hybrid Annuity Model has redefined the economic landscape of water and waste-water treatment in India. All tenders have been successfully bid out and financial closures being achieved. Additionally, the Government is also now encouraging development of smaller decentralised waste water treatment projects. The Financing Forum will bring together financial institutions and investors interested in Namami Gange programmes.
- Technology and Innovation: Implementation of the pilot/demonstration programme known as the Environment Technology Verification (ETV) process. This will provide an opportunity to technology and innovation companies from around the world to showcase their solutions for addressing the problems prevalent in the river basin.
Nearly 200 domestic and international participants from nearly 15 countries and more than 50 Central, State and Municipal Government representatives are likely to participate in the summit. There will be sessions on Afforestation and Biodiversity, Urban River/Water Management Plans, Creating a Global Ecosystem for financing the Ganga Rejuvenation Programme and tapping into global capital markets for long term project finance.
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
जल संसाधन मंत्रालय
04-दिसंबर-2018 15:18 IST
भारत जल प्रभाव सम्मेलन-2018, 5 दिसंबर से प्रारम्भ होगा
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी भारत जल प्रभाव सम्मेलन-2018 का उद्घाटन करेंगे, जो 5 से 7 दिसंबर 2018 के बीच नई दिल्ली में आयोजित किया जायेगा। इसका आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और गंगा नदी थाला प्रंबधन एवं अध्ययन केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। भारत जल प्रभाव सम्मेलन एक वार्षिंक कार्यक्रम है जिसमें प्रतिभागी देश में जल से संबंधित कुछ सबसे बड़ी समस्याओं के आदर्श समाधान विकसित करने पर विचार विर्मश और बहस करते हैं।
इस वर्ष गंगा नदी थाले के संरक्षण पर विचार किया जायेगा। इस विषय पर वार्तां में कई देश शामिल होंगे। वे इस कार्य में भारत और विदेश से प्रौद्योगिकी विषयक नवाचारों, अनुसंधान, नीति फ्रेमवर्क और वित्त पोषण की पद्धतियों पर विचार विमर्श करेंगे। सम्मेलन में भारत सरकार के कई मंत्रालय और गंगा संरक्षण के बारे में निर्णय करने वाले सभी प्रमुख व्यक्ति हिस्सा लेंगे।
इसमें विभिन्न प्रयासों पर विचार किया जायेगा, जिनमें आकड़ें (सेंसर्स, एलआईडीएआर, मॉडलिंग आदि) एकत्र करना, जल-विज्ञान, ई-फ्लो, कृषि, अपशिष्ट जल और ऐसे ही अन्य मुद्दे शामिल होंगे।
सम्मेलन में तीन प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा:
- पांच राज्यों पर ध्यान केंद्रित करनाः ये है- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और बिहार। इसके अंतर्गत इऩ राज्यों में जारी प्रयासों और कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
- गंगा वित्त पोषण मंचः 2018 के सम्मेलन के दौरान गंगा वित्त पोषण मंच का उद्घाटन भी किया जायेगा। यह मंच अनेक संस्थानों को सामान्य जानकारी, सूचना और साझेदारी के लिए एक समान प्लेटफार्म पर लाएगा। हाई ब्रिड एन्युटी मॉडल ने भारत में जल और अपशिष्ट जल उपचार के आर्थिक परिदृश्य को पुनः परिभाषित किया हैं। सभी टेंडर सफलता पूर्वक जारी किये जाते हैं और वित्तीय लक्ष्य हासिल किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सरकार भी अब छोटी विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार परियोजनाओं को प्रोत्साहित कर रही हैं। वित्त पोषण मंच नमामि गंगे कार्यक्रमों में वित्तीय संस्थानों और इच्छुक निवेशकों को एकजुट करेगा।
- प्रोद्योगिकी और नवाचार पर्यावरणः पर्यावरण प्रौद्योगिकी जांच प्रक्रिया के रूप में ज्ञात प्रायोगिक/प्रदर्शनात्मक कार्यक्रम संचालित करना। इसके जरिए विश्वभर की प्रौद्योगिकी और नवाचार कंपनियों को नदी थाले में प्रचलित समस्याओं के समाधान के लिए अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
इस सम्मेलन में 15 देशों से करीब 200 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिनमें 50 से अधिक केंद्रीय, राज्य और नगरीय प्रशासनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसमें वृक्षारोपण और जैव विविधता, शहरी नदी/जल प्रबंधन योजनाएं, गंगा संरक्षण कार्यक्रम के लिए वित्त पोषण हेतू वैश्विक पारिस्थितिकी का निर्माण और दीर्घावधि परियोजना वित्त के लिए वैश्विक पूंजी बाजार से पूंजी जुटाना, जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श किये जाने की संभावना हैं।