Government plans to make all meters smart prepaid in 3 yearsसरकार ने 3 वर्षों में सभी बिजली मीटरों को ‘स्‍मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना बनाई

Press Information Bureau 
Government of India
Ministry of Power
24-December-2018 16:27 IST
Government plans to make all meters smart prepaid in 3 years
Ministry of Power, Government of India has decided to make all meters smart prepaid in 3 years from 1st April, 2019. This step is likely to bring revolution in power sector by way of reduction in AT&C losses, better health of DISCOMs, incentivisation of energy conservation, ease of bill payments and doing away with the paper bills.
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Move towards smart meters is a pro poor step as consumers need not pay the whole month’s bill in one go, instead they can pay as per their requirements. Manufacturing of smart prepaid meters will also generate skilled employment for the youth.

It may be recalled that the State Governments had earlier signed the Power for All document and had agreed to supply 24*7 power supply to their consumers. Thus the distribution licensee shall provide 24*7 power to their consumers by 1st April, 2019 or earlier. However the appropriate Commission in exceptional circumstances for the reasons to be recorded in writing may grant extension in this time period.

पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
विद्युत मंत्रालय 
24-दिसंबर-2018 18:53 IST
सरकार ने 3 वर्षों में सभी बिजली मीटरों को ‘स्‍मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना बनाई 

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने 01 अप्रैल, 2019 से शुभारंभ करके अगले 3 वर्षों में सभी मीटरों को ‘स्‍मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना बनाई है। इस कदम से विद्युत क्षेत्र में क्रांति आने की संभावना है। कुल तकनीकी एवं वाणिज्‍यिक (एटी एंड सी) हानियों में कमी होने,विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्‍कॉम) की वित्‍तीय स्‍थिति सुधरने, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्‍साहन मिलने, बिल अदायगी में सुविधा होने और कागजों में बिल उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था समाप्‍त हो जाने से ही इस क्षेत्र में क्रांति संभव हो पाएगी।
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स्‍मार्ट मीटरों की ओर उठाया जा रहा कदम दरअसल गरीब अनुकूल कदम है, क्‍योंकि उपभोक्‍ताओं को एक ही बार में पूरे महीने के बिल की अदायगी नहीं करनी पड़ती है। उपभोक्‍तागण इसके बजाय अपनी जरूरतों के हिसाब से भुगतान कर सकते हैं। स्‍मार्ट प्रीपेड मीटरों का निर्माण करने से युवाओं के लिए कौशलपूर्ण रोजगार भी सृजित होंगे।

उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य सरकारों ने इससे पहले ‘सभी के लिए बिजली’ दस्‍तावेज पर हस्‍ताक्षर किए थे और उन्‍होंने अपने-अपने उपभोक्‍ताओं को चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी। अत: विद्युत वितरण के लाइसेंसधारक 01 अप्रैल, 2019 तक या उससे पहले ही अपने-अपने उपभोक्‍ताओं को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराना शुरू कर देंगे। हालांकि, असाधारण या विशिष्‍ट परिस्‍थितियों में संबंधित आयोग इस समयावधि में कुछ रियायत दे सकता है। इसमें होने वाली देरी के कारणों को लिखित में दर्ज करना होगा।

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