Food and Agriculture organisation (FAO) Council approves India’s proposal to observe an International Year of Millets in 2023 खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) परिषद ने 2023 को अंतर्राष्‍ट्रीय बाजरा वर्ष मनाने के भारत के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी

Press Information Bureau 
Government of India
Ministry of Agriculture & Farmers Welfare
07-December-2018 18:26 IST

Food and Agriculture organisation (FAO) Council approves India’s proposal to observe an International Year of Millets in 2023 
FAO Council also approves India’s membership to the Executive Board of the United Nations World Food Program (WFP) for 2020 and 2021
Union Minister of Agriculture and Farmers’ Welfare Shri Radha Mohan Singh has said that the 160th session of the Food and Agriculture Organisation (FAO) Council, currently underway in Rome, approved India’s proposal to observe an International Year of Millets in 2023. On behalf of all countrymen the minister conveyed his gratitude to the countries who voiced their support. He added that this will enhance global awareness to bring back these nutri-cereals to the plate, for food and nutrition security and hence increase production for resilience to challenges posed globally by climate change.
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The Minister said that in the Modi regime, India’s prowess in agriculture diplomacy has grown. This international endorsement comes in the backdrop of India celebrating 2018 as the National Year of Millets for promoting cultivation and consumption of these nutri-cereals. This is further supported by increase in Minimum Support Prices (MSP) of millets. Millets consists of Jowar, Bajra, Ragi and minor millets together termed as nutri-cereals. The MSP of Jowar has been increased to Rs 2450 per quintal from Rs 1725, Bajra to Rs 1950 from Rs 1425 and Ragi to Rs 2897 from Rs 1900 per quintal from 2018-19. Through the Department of Food and Public Distribution, State Governments are allowed to procure jowar, bajra, maize and ragi from farmers at MSP.
In addition, the FAO Council also approved India’s membership to the Executive Board of the United Nations World Food Program (WFP) for 2020 and 2021 for which the Minister expressed his deepest gratitude to other member countries for their support.
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
07-दिसंबर-2018 19:17 IST
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) परिषद ने 2023 को अंतर्राष्‍ट्रीय बाजरा वर्ष मनाने के भारत के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी
एफएओ परिषद ने 2020 तथा 2021 के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व खाद्य कार्यक्रम (डब्‍ल्‍यूएफपी) के कार्यकारी बोर्ड में भारत की सदस्‍यता की स्‍वीकृति दी
केन्‍द्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि रोम में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) परिषद 160वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्‍ट्रीय बाजरा-ज्‍वार दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दे दी है। उन्‍होंने इसके लिए देशवासियों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने कहा कि इससे खाद्य और पोषाहार सुरक्षा के लिए खाने की थाली में पौष्टिक अनाजों को वापस लाने के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए उत्‍पादन बढ़ेगा।
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कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी के शासनकाल में कृषि कूटनीति में भारत की शक्ति बढ़ी है। पौष्टिक अनाजों की उपज और खपत को प्रोत्‍साहित करने के लिए भारत द्वारा 2018 को राष्‍ट्रीय बाजरा-ज्‍वार वर्ष के रूप में मनाने की पृष्‍ठभूमि में यह अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍वीकृति मिली है। ज्‍वार का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में भी वृद्धि की गई है। इस फसल में ज्‍वार, बाजरा, रागी आते हैं और इन्‍हें पौष्टिक अनाज माना जाता है। ज्‍वार का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1725 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2450 रुपये प्रति‍ क्विंटल कर दिया गया है। बाजरे का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1425 रुपये प्रति क्विंटल से 1950 रुपये प्रति क्विंटल तथा रागी का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1900 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2897 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के माध्‍यम से राज्‍य सरकारों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर किसानों से ज्‍वार, बाजरा, मक्‍का खरीदने की अनुमति दी गई है।
इसके अतिरिक्‍त एफएओ परिषद ने 2020 तथा 2021 के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व खाद्य कार्यकम (डब्‍ल्‍यूएफपी) के कार्यकारी बोर्ड में भारत की सदस्‍यता को भी स्‍वीकृति दे दी है। कृषि मंत्री ने इसके लिए अन्‍य सदस्‍य देशों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।
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