First time in a comprehensive manner distribution of Soil Cards (SHC) across the country देश में पहली बार समग्र रूप सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (एसएचसी) मुहैया कराए जा रहे हैं।

Press Information Bureau 
Government of India
Ministry of Agriculture & Farmers Welfare
05-December-2018 18:48 IST
Distribution of Soil Health Cards (SHC) for optimal utilization of fertilizers 
Soil Health Card Scheme has been taken up for the first time in a comprehensive manner across the country. Under the scheme soil health cards are provided to all farmers so as to enable the farmers to apply appropriate recommended dosages of nutrients for crop production and improving soil health and its fertility.
Soil+Cards+(SHC)
The unique features of SHC scheme are:-
  • Collecting soil samples at a grid of 2.5 ha in irrigated area and 10 ha in un-irrigated areas.
  • Uniform approach in soil testing adopted for 12 parameters viz. primary nutrients (NPK); secondary nutrient (S); micronutrients (B,Zn, Mn. Fe & Cu); and other (pH, EC & OC) for comprehensiveness.
  • GPS enabled soil sampling to create a systematic database and allow monitoring of changes in the soil health over the years.
In the 1st cycle which was implemented in year 2015 to 2017, 2.53 crore soil samples were analysed and 10.73 crore soil health cards distributed to farmers. The 2nd cycle (2017-19) was started from 1st May, 2017 and against target of 2.73 crore soil samples, 1.98 crore samples tested and 6.73 crore cards have been distributed to farmers. The target is to cover 12.04 crore farmers.
To enable quick soil sample testing and distribution of soil health cards, the soil test infrastructure has been upgraded, 9263 soil testing labs have been sanctioned to States. In addition, 1562 village level soil testing projects have been sanctioned to generate employment for rural youth.
पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय 
05-दिसंबर-2018 19:17 IST
उर्वरकों के समुचित उपयोग के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्डों का वितरण 
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (एसएचसी) को देश में पहली बार समग्र रूप से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत सभी किसानों को ये कार्ड मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि फसल उत्पादन के लिए सही मात्रा में पोषक तत्वों का इस्तेमाल और मृदा स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
मृदा+स्वास्थ्य+कार्ड+योजना+(एसएचसी)
एसएचसी योजना के तहत सिंचित क्षेत्र में ढाई हेक्टेयर और असिंचित क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर जमीन से मिट्टी के नमूने लिए जाते हैं। इसके लिए मिट्टी की जांच के 12 पैमाने हैं। इनमें प्राथमिक पोषक, दूसरे स्तर के पोषक, सूक्ष्म पोषक और अन्य तरह के पोषक शामिल हैं।
पहला चक्र 2015 से 2017 तक चलाया गया, इसके तहत 2.53 करोड़ मिट्टी के नमूनों की जांच हुई तथा किसानों को 10.73 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। दूसरा चक्र (2017-19) पहली मई, 2017 से शुरू हुआ। इस दौरान 2.73 करोड़ मिट्टी के नमूनों का लक्ष्य रखा गया। कुल 1.98 करोड़ नमूनों की जांच हुई और किसानों को 6.73 करोड़ कार्ड बांटे गए। इसका लक्ष्य 12.04 करोड़ किसानों को इसके दायरे में लाने का है।
मिट्टी के नमूनों की जांच और मृदा स्वास्थ्य कार्डों के वितरण में तेजी लाने के लिए मृदा जांच अवसंरचना को उन्नत बनाया गया है। राज्यों के लिए 9263 मृदा जांच प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के संबंध में 1562 ग्रामीण स्तरीय मृदा जांच परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
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