Saubhagya – ‘Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana’ was launched in September, 2017 with the objective to provide access to electricity to all the remaining households in the country.The Minister informed that as many as 2.1 crore connections have been released under Saubhagya so far.
“Many more State like Maharashtra, Uttarakhand, Himachal Pradesh, Arunachal Pradesh, Chhattisgarh etc. are left with small number of un-electrified households and expected to achieve saturation any time.” said the Minister adding that with the present pace of electrification, Nation is expected to achieve 100% saturation in the country by 31st December, 2018.
The Minister further said, “Achievement of 100% household electrification in the country would be a major milestone in the direction to achieve 24×7 power for all. The Government is committed to ensure 24×7 access to electricity for all by 31stMarch 2019.”
In order to ensure that no un-electrified household is left in the States which have already achieved 100% household electrification, they have been requested to take up campaign to publicise the achievement all across the areas, so that anyone left out for any reasons may avail electricity connection under Saubhagya.
Award Scheme under Saubhagya:
For creating healthy competition amongst various DISCOMs/Power Departments of States, an award scheme has been instituted with awards of more than Rs 300crore to be won by States/Discoms. The first DISCOM/Power Departments to complete 100% household electrification will be felicitated with cash award of Rs. 50 Lakh for the employees and Rs.100 crore grant to be spent for distribution infrastructure. For the purpose of award, States have been divided into 3 categories and award would be given in each of these categories.
The States completing 100% household electrification by 31st Dec. 2018 will also receive additional grant of 15% of the project cost (5% for special category States) sanctioned under Saubhagya.
Benefits to the Citizen:
Electricity in households has brought new light in their lives. Electrification has direct positiveimpact on the quality of all aspects of daily life, especially to the women and children.
With deeper penetration of electricity network, significant improvement is expected in delivery of other essential services like education, health, communication etc. and thereby more opportunities for economic activities leading to employment generation, increase in income and poverty alleviation.
केन्द्रीय विद्युत तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह ने कहा है कि 8 राज्यों – मध्यप्रदेश,त्रिपुरा, बिहार, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना तथा पश्चिम बंगाल – ने 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। अब देश के कुल 15 राज्यों में 100 प्रतिशत घरों का विद्युतीकरण हो गया है।
श्री आर के सिंह आज नई दिल्ली में राज्यों तथा राज्यों की विद्युत कंपनियों के साथ समीक्षा, नियोजन और निगरानी बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विद्युतीकरण से वंचित घर कम संख्या में बचे हैं और आशा है कि सभी घरों का विद्युतीकरण हो जायेगा। उन्होंने बताया कि विदयुतीकरण की वर्तमान गति के मुताबिक देश के सभी 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का लक्ष्य 31 दिसम्बर 2018 तक पूरा हो जायेगा।
सौभाग्य के अंतर्गत पुरस्कार योजना :
विभिन्न बिजली वितरण कंपनियों/ राज्य के विद्युत विभागों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए 300 करोड़ रूपये की पुरस्कार योजना प्रारंभ की गई है। 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण के कार्य को पूरा करने के लिए विद्युत वितरण कंपनियां/ विद्युत विभाग को कर्मचारियों के लिए 50 लाख का पुरस्कार और वितरण संरचना पर खर्च के लिए 100 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जाएगा। पुरस्कार के उद्देश्य से राज्य को तीन श्रेणियों में बांटा गया है और इन सभी श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे।
31 दिसम्बर 2018 तक 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का काम करने वाले राज्यों को सौभाग्य के अंतर्गत स्वीकृत परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 5 प्रतिशत) अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
नागरिकों को लाभ :
घरों के विद्युतीकरण से लोगों के जीवन में नई रोशनी आई है। विद्युतीकरण का दैनिक जीवन के सभी पक्षों विशेषकर महिलाओं और बच्चों की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
विद्युत नेटवर्क के विस्तार से शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी में सुधार होगा और इससे आर्थिक गतिविधियों बढ़ेगीं जिसके परिणाम स्वरूप रोजगार सृजन होगा, आय में वृद्धि होगी और गरीबी उपशमन होगा।