Passenger Ropeway Projects यात्री रोपवे परियोजना

Mou Signed Between WAPCOS and Doppelmayr for End-To-End Solutions for Passenger Ropeway Projects 
Shri Nitin Gadkari Says, Ropeways and Cable Cars are the Future of Indian Transport, Especially in Hilly Terrains and Congested Cities
Union Minister for Road Transport & Highways, Shipping, Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation Shri Nitin Gadkari has said that the country needs futuristic technology for developing its transport sector. He stressed upon the need to cut down congestion and resultant pollution in cities. Reiterating his commitment for promoting transport innovations that are pollution free and cost effective, he said that ropeways, cable cars, funicular railways can be very useful means of transport for hilly and difficult terrains and as last mile connectivity options in congested cities. He said these transport options would also be very useful for tier two cities and hoped these would motivate people to shift from personal to public transport.
Ropeway+project
Shri Gadkari was speaking in New Delhi today at the MoU signing between WAPCOS and Doppelmayr for providing end-to-end solutions for passenger ropeway projects. WAPCOS is a leading engineering consultancy organisation of the Government of India, which has grown into an Indian multinational with projects in over 45 countries across the world. Doppelmayr, Austria are the world’s largest ropeway manufacturers with cutting-edge ropeway technologies. It has set up more than 15,000 ropeway installations across the world. 
The MoU includes the entire gamut of preparing feasibility studies, detailed project reports, construction, equipment supply, operation and maintenance, etc. It will enable development of ropeway projects in various states using globally accepted standards for passenger safety and reliability. These projects will not only reduce traffic congestion and pollution, but will also contribute towards development of tourism destinations and provide impetus to employment generation in the country.
Shri Gadkari said, this is a historical day as it will change the face of urban transport in the country. Cable cars and ropeways have already proven to be successful in Bolivia, Vietnam, Switzerland and many other countries. He said, the government is exploring the use of new kinds of vehicles like hybrid aeroboats that combine land, water and aviation technology and can run on land, water and air at speeds greater than 80 km per hour. The Minister informed that ten National Waterways including Ganga are being developed for transport. It will soon be possible to carry goods from Varanasi right up to Bangladesh and the North Eastern states of our country on waterways. 
Shri Nitin Gadkari again called for the use of alternate fuels in transport sector. He said, by use of methanol, ethanol and electric sources, the country can make huge savings on petroleum imports.
यात्री रोपवे परियोजना के संपूर्ण समाधान के लिए वैपकोस और डोपेलमेर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 
रोपवे और केबल कारें भारतीय परिवहन का भविष्य हैं विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों और भीड़भाड़ वाले शहरों में: श्री नितिन गडकरी
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, जलसंसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश को परिवहन क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य की टेकनोलॉजी की आवश्यकता है। श्री गडकरी आज नई दिल्ली में यात्री रोपवे परियोजना के लिए सम्पूर्ण समाधान प्रदान करने के लिए भारत सरकार की अग्रणी इंजिनियरिग कंसलटेंसी संगठन वैपकोस तथा डॉपेलमेर के बीच समझौता हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।
Ropeway+Project
उन्होंने शहरों में भीड़भाड़ में कमी लाने तथा प्रदूषण में कटौती की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रदूषण मुक्त तथा लागत प्रभावी परिवहन नवाचारों को प्रोत्साहित करने के सरकार के संकल्प को दोहराया और कहा कि रोपवे, केबल कार, फनीकुलर रेलवे ( बिजली के तारों पर चलने वाली रेल) पर्वतीय और कठिनाई वाले क्षेत्रों के लिए तथा भीड़भाड़ वाले शहरों में अंतिम संपर्क विकल्प के रुप में परिवहन के उपयोगी साधन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि टू टीयर शहरों के लिए भी यह परिवहन विकल्प उपयोगी होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये परिवहन विकल्प लोगों को निजी से सार्वजनिक परिवहन की ओर जाने के लिए प्रेरित करेंगे।
भारत सरकार की अग्रणी इंजिनियरिग कंसलटेंसी संगठन वैपकोस 45 देशों से अधिक देशों में परियोजनाओं के साथ भारतीय बहुराष्ट्रीय संगठन हो गया है। ऑस्ट्रिया की डॉपेलमेर विश्व की सबसे बड़ी रोपवे निर्माता कंपनी है और इसके पास अत्याधुनिक रोपवे टेक्नोलॉजी है। इसने विश्व में 15,000 से अधिक रोपवे लगाए हैं।
समझौता ज्ञापन में संभावना अध्ययन तैयारी, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, निर्माण, उपकरण सप्लाई, संचालन तथा रखरखाव के सभी पहलू शामिल हैं। इस समझौता ज्ञापन से विभिन्न राज्यों में यात्री सुरक्षा और विश्वसनीयता के वैश्विक रूप से स्वीकृत मानकों वाली रोपवे परियोजनाओं के विकास में सहायता मिलेगी। ये परियोजनाएं न केवल यातायात, भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करेंगी बल्कि पर्यटन स्थलों के विकास में भी योगदान देंगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।
श्री गडकरी ने कहा कि समझौता हस्ताक्षर का यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि इससे देश में शहरी परिवहन की छवि बदल जाएगी। उन्होंने बताया कि केबल कार तथा रोपवे परियोजना बोलिबिया, वियतनाम, स्वीट्जरलैंड तथा अन्य देशों में सफल साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हाई ब्रीड एक्रोबोट जैसे वाहनों के उपयोग की संभावना तलाश रही है हाई ब्रीड एक्रोबोट में जमीन, जल और वायु टेक्नोलॉजी है और जमीन, जल और आसमान में 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिक गति से चल सकती है। उन्होंने बताया कि परिवहन के लिए गंगा सहित 10 राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वाराणसी से बांग्लादेश तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में जल मार्ग से समान भेजे जा सकते हैं।
श्री नितिन गडकरी ने परिवहन क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधनों के इस्तेमाल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मेथनॉल, इथनॉल, बिजली स्रोतों से देश तेल आयात में बड़ी बचत कर सकता है।
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