ICG launches large-scale proactive actions to reduce impact from Cyclone GAJA
Indian Coast Guard (ICG) initiated a large-scale series of pre-emptive and proactive measures to prevent loss of fishermen lives at sea in the wake of alerts on cyclone in Bay of Bengal since November 09, 2018. Lessons from cyclone Ockhi and success in preventing loss of lives during recent cyclones Luban and Titliwere put into practice by the ICG.
Around eight ICG ships and two Dornier aircraft were pressed into action since November 09, 2018 for issuance of advisories and warnings in local languages to fishermen at sea for their safe return to ports. The Coast Guard Remote Operating Stations commenced issuance of warnings for fishermen in local languages. The Indian Coast Guard requested fisheries authorities at Tamil Nadu and Andhra Pradesh to account for all fishing boats. The ICG conducted series of community interaction programmes at Kanyakumari, Mandapam, Rameswaram, Cuddalore, Chennai, Nellore, Nizampatnam, Uppada and Vishakhapatnam to sensitise fishermen and coastal population for taking safety measures for the impending cyclone.
Anticipating the need of relief material and essential items post impact of cyclone in Southern Tamil Nadu areas of Mandapam and Karaikal. One large ICG ship with Helicopter embarked was sailed from Vishakhapatnam with relief items such as potable drinking water, essential medicines, packaged food and life-saving material to southern Tamil Nadu coast. Three other ICG ships were also sailed from Chennai for Mandapam on November15, 2018 for augmenting search and rescue and post cyclone relief operations. Further, merchant vessels transiting at deep seas were requested through International Safety Net by Maritime Rescue and Coordination Centre (Chennai) to alert fishermen at deep seas for early return and shelter at nearest ports. Indian Coast Guard has kept Coast Guard response teams at short notice at Chennai, Mandapam, Karaikal and Puducherry for immediate response. The ICG is closely coordinating with state fisheries authorities, port authorities and civil administration for reducing impact of the impending cyclone.
Similar warnings have also been issued for the westerncoast, as the likelihood of formation of a low pressure exists in the Arabian Sea from November 17, 2018 onwards.
चक्रवाती तूफान के प्रभाव को कम करने के लिए भारतीय तटरक्षक ने बड़े पैमाने पर सघन कार्रवाई शुरू की
भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 09 नवंबर, 2018 से बंगाल की खाड़ी में तूफान की चेतावनी के मद्देनज़र समुद्र में मछुआरों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर सघन कार्रवाई शुरू कर दी है। आईसीजी ने ओखी तूफान से सबक लेते हुए और हाल ही में आए लुबान और तितली तूफानों के दौरान लोगों का जीवन बचाने में मिलने वाली सफलता के मद्देनज़र कार्रवाई शुरू कर दी है।
09 नवंबर, 2018 से आईसीजी के लगभग 08 जहाज और दो डोरनियर हवाई जहाजों को तैनात कर दिया गया है। इनके जरिए समुद्र में मौजूद मछुआरों को सुरक्षित वापस लौटने के लिए स्थानीय भाषाओं में निरंतर चेतावनी दी जा रही है। तटरक्षक के रिमोर्ट ऑपरेटिंग केंद्रों से मछुआरों को स्थानीय भाषाओँ में चेतावनी दी जाती रही है। भारतीय तटरक्षक ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मत्स्य विभागों से आग्रह किया है कि मछली पकड़ने वाली सभी नौकाओं के प्रति सजग रहें। आईसीजी ने कन्याकुमारी, मंडपम, रामेश्वरम, कुडालोर, चेन्नई, नेलौर, निजामपट्टनम, उप्पडा और विशाखापट्टनम में समुदायों के साथ चर्चा कार्यक्रमों की श्रृंखलाएं चलाईं, ताकि तूफान के प्रति मछुआरों तथा तटीय आबादी को सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरूक बनाया जा सके।
दक्षिणी तमिलनाडु के मंडपम और कराइकल इलाकों में तूफान के संभावित प्रभावों को देखते हुए राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर हेलिकॉप्टर से लैस एक विशाल आईसीजी पोत विशाखापट्टनम से रवाना कर दिया गया है। पोत पर पीने का पानी, जरूरी दवाएं, डिब्बा/पैकेटबंद भोजन और जीवनरक्षक सामग्री दक्षिणी तमिलनाडु तट पर भेज दी गई हैं। तीन अन्य आईसीजी जहाज 15 नवंबर, 2018 को चेन्नई से मंडपम रवाना कर दिए गए हैं, जिनके जरिए तूफान के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके। इसके अलावा गहरे समुद्र में जो व्यापारिक जहाज मौजूद हैं, उनसे समुद्री बचाव और समन्वय केंद्र (चेन्नई) ने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नेटवर्क के जरिए आग्रह किया है कि वे गहरे समुद्र में मौजूद मछुआरों को सावधान करें, ताकि वे जल्दी वापस लौटें या निकट के बंदरगाहों पर शरण ले लें। भारतीय तटरक्षक ने चेन्नई, मंडपम, कराइकल और पुद्दुचेरी में बचाव दलों को तैनात कर दिया है, ताकि वे सूचना मिलते ही फौरन हरकत में आ जाएं। तूफान के असर को कम करने के लिए आईसीजी राज्य के मत्स्य विभागों, बंदरगाह प्राधिकारों और नागरिक प्रशासन के साथ नजदीकी तालमेल बनाए हुए है।
पश्चिमी तट के लिए भी यही चेतावनी जारी की गई है, क्योंकि 17 नवंबर, 2018 के बाद अरब सागर में कम दबाव बन सकता है।