Cabinet approves leasing out six airports केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छह हवाई अड्डों लीज पर देने के लिए अपनी मंजूरी दी

Cabinet approves leasing out six airports – Ahmedabad, Jaipur, Lucknow, Guwahati, Thiruvananthapuram and Mangaluru through PPP 
The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the following:
  • “In-principle” approval for leasing out six airports of AAI viz. Ahmedabad, Jaipur, Lucknow, Guwahati, Thiruvananthapuram and Mangaluru for operation, management and development under Public Private Partnership (PPP) through Public Private Partnership Appraisal Committee (PPPAC).
  • Constitution of an Empowered Group of Secretaries headed by CEO, NITI Aayog with Secretary, Ministry of Civil Aviation, Secretary, Department of Economic Affairs and Secretary, Department of Expenditure to decide on any issue falling beyond the scope of PPPAC.
Air+port

Benefits:
  • PPP in infrastructure projects brings efficiency in service delivery, expertise, enterprise and professionalism apart from harnessing the needed investments in the public sector.
  • The PPP in airport infrastructure projects has brought World class infrastructure at airports, delivery of efficient and timely services to the airport passengers, augmenting revenue stream to the Airports Authority of India without making any investment, etc. of these, for development of Greenfield Airports at Hyderabad and Bengaluru. Presently, the airports being managed under the PPP model include Delhi, Mumbai, Bangalore, Hyderabad and Cochin.
  • The PPP airports in India have been ranked among the top 5 in their respective categories by the Airports Council International (ACI) in terms of Airport Service Quality (ASQ).
  • While these PPP experiments have helped create world class airports, it has also helped AAI in enhancing its revenues and focusing on developing airports and Air Navigation infrastructure in the rest of the country.
Background:
The increase in domestic and international air travel in India combined with congestion at most airports, and the strong traffic growth at the 5 airports which were privatized over a decade ago has attracted the attention of several international operators and investors. The airport sector is the top contender among infrastructure sectors in terms of international interest. International operators and investors prefer brownfield airport expansion opportunities with having more than 3-4 million passenger capacity. The airport sector may provide an immediate opportunity to attract foreign direct investment (FDI) by adoption of a PPP approach.
Therefore, it has been decided to lease out six airports viz. Ahmedabad, Jaipur, Lucknow, Guwahati, Thiruvanthapuram and Mangaluru of AAI in the first phase for development, operation and management under PPP. This is expected to enhance the revenue to AAI and increased economic development in these areas in terms of job creation and related infrastructure.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से छह हवाई अड्डों – अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु को लीज पर देने के लिए अपनी मंजूरी दी 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित के लिए अपनी मंजूरी दी है :
  • सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति (पीपीपीएसी) के माध्यम से सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के छह हवाई अड्डों – अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु को लीज पर देने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी।
  • पीपीपीएसी के कार्यक्षेत्र से बाहर के किसी मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के नेतृत्व में नागर विमानन मंत्रालय के सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव तथा व्यय विभाग के सचिव को शामिल करके सचिवों के अधिकारप्राप्त समूह का गठन करना।
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लाभ :
  • बुनियादी ढांचा परियोजनओँ में पीपीपी से सार्वजनिक क्षेत्र में आवश्यक निवेशों को जुटाने के अलावा सेवा आपूर्ति, विशेषज्ञता, उद्यमता और व्यावसायिक कौशल में दक्षता आती है।
  • हैदराबाद और बेंगलुरु में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए पीपीपी मॉड्ल से बुनियादी ढांचा परियोजना में हवाई अड्डों पर विश्व श्रेणी का बुनियादी ढांचा जुटाने, हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों को कुशल और समयबद्ध सेवाओं की आपूर्ति करने और बिना किसी निवेश के भारतीय विमान प्राधिकरण की राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने में मदद मिली है। वर्तमान में पीपीपी मॉड्ल के तहत प्रबंध किए जा रहे हवाई अड्डों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि शामिल हैं।
  • भारत में पीपीपी हवाई अड्डों ने हवाई अड्डा सेवा गुणवत्ता (एएसक्यू) के रूप में हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय परिषद (एसीआई) द्वारा अपनी संबंधित श्रेणियों में शीर्ष पांच हवाई अड्डों में रैंक हासिल की है।
  • इन पीपीपी अनुभवों ने विश्व स्तर के हवाई अड्डों का सृजन करने में मदद की है। इसने देश के अन्य भागों में हवाई अड्डों के विकास और एयर नेवीगेशन बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करके राजस्व में बढ़ोत्तरी करने में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की मदद भी की है।
पृष्ठभूमि :
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा में बढ़ोतरी के साथ-साथ अधिकांश हवाई अड्डों पर भारी भीड़ तथा एक दशक से अधिक समय पूर्व निजीकरण किए गए पांच हवाई अड्डों पर मजबूत यातायात वृद्धि ने अनेक अंतर्राष्ट्रीय परिचालकों और निवेशकों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। अंतर्राष्ट्रीय दिलचस्पी के रूप में बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में हवाई अड्डा क्षेत्र एक शीर्ष प्रतियोगी क्षेत्र है। अंतर्राष्ट्रीय परिषद और निवेशक तीन-चार मिलियन यात्री से अधिक क्षमता वाले ब्राउन फील्ड हवाई अड्डों के विस्तार में गहरी दिलचस्पी रखते हैं। हवाई अड्डा क्षेत्र पीपीपी मॉड्ल को अपनाने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने का तुरंत अवसर उपलब्ध करा सकता है।
इसलिए भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के छह हवाई अड्डों – अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु को पहले चरण में लीज पर देने का निर्णय लिया गया है। इससे भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण का राजस्व बढ़ने तथा रोजगार सृजन और संबंधित बुनियादी ढांचे के रूप में इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
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